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पल्स पोलियो अभियानः 23 जनवरी को बच्चों को दी जाएगी 'दो बूंद जिंदगी की'

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Published : Jan 22, 2022, 7:10 AM IST

23 जनवरी को पल्स पोलियो अभियान के तहत 0 से 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाएगी. भारत 2014 में ही पोलियो मुक्त हो चुका है, लेकिन खतरा बरकरार है, इसलिए बच्चों को हर साल ये ड्रॉप दी जा रही है.

Pulse Polio Campaign
सागर में पल्स पोलियो अभियान

सागर। वैसे तो पिछले 3 सालों से अकेला भारत ही नहीं पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से परेशान हैं. लेकिन दूसरी बीमारियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. ऐसी ही बीमारी है पोलियो जिसके उन्मूलन के लिए 23 जनवरी को 0-5 साल के बच्चे को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी. हालांकि, 2014 में ही भारत पोलियो मुक्त देश बन चुका है, लेकिन पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान से इसके भारत में फिर से पैर पसारने का खतरा है, इसलिए पोलियो ड्रॉप पिलाई जाएगी (Pulse Polio Campaign).

सागर में पल्स पोलियो अभियान

'दो बूंद हर बार'
2014 में पोलियो मुक्त हुआ भारत 2022 में भी पोलियो के खतरे से महफूज नहीं हैं, क्योंकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ये वायरस अभी भी मौजूद है और कभी भी भारत की आबादी पर हमला कर सकता है. इस वायरस से बचने के लिए सरकार द्वारा प्रति वर्ष 5 साल के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई जाती है. इस बार 23 जनवरी को 0-5 साल के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई जाएगी.

NH-30 पर मिला टाइम बम! बम निरोधक दस्ते का इंतजार, पुलिस ने आसपास के इलाके को कराया खाली-रोका आवागमन

125 देश थे इस वायरस से पीड़ित
एक समय था जब दुनिया के 125 देश इस वायरस से परेशान थे. पोलियो के कारण बच्चे लकवा ग्रस्त हो जाते हैं. 1961 में डॉक्टर अलर्ट सेवेन ने ओरल पोलियो वैक्सीन विकसित की थी.दुनिया और देश की भावी पीढ़ी को वायरस से होने वाले खतरे को देखते हुए 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ ने कई बड़े संगठनों के साथ पोलियो उन्मूलन अभियान की शुरुआत की थी. तब भारत में पोलियो के करीब 1 लाख 50 हजार मामले सामने आए थे.
पोलियो मुक्त भारत में खतरा बरकरार
डब्ल्यूएचओ की अपील पर भारत में भी पोलियो अभियान जोर शोर से चलाया गया था. कई सामाजिक संगठनों और हस्तियों ने इस अभियान में सरकार को सहयोग किया था. इसका नतीजा यह हुआ कि कई सालों के प्रयास के बाद 2014 में पूरा देश पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया. लेकिन देश के लिए खतरा अब भी बरकरार है.क्योंकि पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो अभी भी मौजूद है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान अभी तक पोलियो मुक्त इसलिए नहीं हो पाए हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग यहां अपनी कट्टरपंथी सोच के कारण टीकाकरण नहीं कराते हैं.

सागर। वैसे तो पिछले 3 सालों से अकेला भारत ही नहीं पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से परेशान हैं. लेकिन दूसरी बीमारियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. ऐसी ही बीमारी है पोलियो जिसके उन्मूलन के लिए 23 जनवरी को 0-5 साल के बच्चे को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी. हालांकि, 2014 में ही भारत पोलियो मुक्त देश बन चुका है, लेकिन पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान से इसके भारत में फिर से पैर पसारने का खतरा है, इसलिए पोलियो ड्रॉप पिलाई जाएगी (Pulse Polio Campaign).

सागर में पल्स पोलियो अभियान

'दो बूंद हर बार'
2014 में पोलियो मुक्त हुआ भारत 2022 में भी पोलियो के खतरे से महफूज नहीं हैं, क्योंकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ये वायरस अभी भी मौजूद है और कभी भी भारत की आबादी पर हमला कर सकता है. इस वायरस से बचने के लिए सरकार द्वारा प्रति वर्ष 5 साल के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई जाती है. इस बार 23 जनवरी को 0-5 साल के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई जाएगी.

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125 देश थे इस वायरस से पीड़ित
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पोलियो मुक्त भारत में खतरा बरकरार
डब्ल्यूएचओ की अपील पर भारत में भी पोलियो अभियान जोर शोर से चलाया गया था. कई सामाजिक संगठनों और हस्तियों ने इस अभियान में सरकार को सहयोग किया था. इसका नतीजा यह हुआ कि कई सालों के प्रयास के बाद 2014 में पूरा देश पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया. लेकिन देश के लिए खतरा अब भी बरकरार है.क्योंकि पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो अभी भी मौजूद है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान अभी तक पोलियो मुक्त इसलिए नहीं हो पाए हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग यहां अपनी कट्टरपंथी सोच के कारण टीकाकरण नहीं कराते हैं.

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