ETV Bharat / state

Nauradehi Wildlife Sanctuary: आखिर कहां गया बाघ किशन की मौत का जिम्मेदार, नौरादेही प्रबंधन क्यों नहीं दे पा रहा सटीक जानकारी

नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य में बीते दिनों दो बाघों की टेरिटोरियल फाइट में एक बाघ किशन की मौत हो गई थी. बाघ किशन की मौत को लेकर नौरादेही प्रबंधन कोई सटीक जवाब नहीं दे पा रहा है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jun 27, 2023, 9:26 PM IST

सागर। पिछले दिनों जल्द ही टाइगर रिजर्व में तब्दील होने जा रहे नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य में दो बाघों की टेरिटोरियल फाइट के चलते नौरादेही में बाघों का कुनबा बढ़ाने वाले बाघ किशन की मौत हो गयी थी. एन-2 के नाम से जाने जाने वाले बाघ किशन की मौत का जिम्मेदार बाघ एन-3 था, क्योंकि इन दोनों के बीच ही टेरिटोरियल फाइट हुई थी. एन-2 और एन-3 की फाइट में एन-2 गंभीर रूप से घायल हो जाने के बाद इलाज के दौरान मर गया था. एन-2 की मौत के बाद बाघ एन-3 को लेकर तरह-तरह की बातें और अफवाहें सुनने मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ एन-3 बाघ काॅलर आईडी नहीं पहने हुए है. इसलिए प्रबंधन उसकी सटीक जानकारी नहीं दे पा रहा है. हालांकि प्रबंधन का दावा है कि बाघ सुरक्षित है और गश्ती दल के लिए बाघ किशन की टेरिटरी के पास चहलकदमी करते नजर आया है.

एन-2 की मौत के बाद एन-3 को लेकर तरह-तरह की बातें: एन-2 बाघ यानि किशन की मौत एन-3 बाघ से हुई टेरिटोरियल फाइट के कारण हो गयी थी. एन-2 की मौत के बाद एन-3 बाघ को लेकर तरह-तरह की बातें सुनने मिल रही है. कोई कह रहा है कि बाघ एन-3 भी घायल है और काॅलर आईडी नहीं पहने है. इसलिए नौरादेही अभ्यारण्य प्रबंधन उसका पता नहीं लगा पा रहा है. बाते ये भी सुनने को मिल रही है कि सिंगपुर रेंज में रहने वाला बाघ एन-3, एन-2 बाघ की टेरिटरी नौरादेही रेंज में कब्जा करना चाहता था. इसी को लेकर दोनों में टेरिटोरियल फाइट हुई थी, तो एन-2 की मौत के बाद बाघ एन-3 ने नौरादेही रेंज की बाघ एन-2 की टेरिटरी पर कब्जा कर लिया है. पिछले शनिवार को एन-2 को नौरादेही रेंज के पास चहलकदमी करते हुए देखा गया था. एक चर्चा ये भी सुनने मिल रही है कि बाघ एन-3 नौरादेही का बाघ नहीं है. बल्कि वह कहीं बाहर से आया था और मेहमान है, इसलिए उसको आज तक काॅलर आईडी नहीं पहनायी जा सकी है. वह नौरादेही छोडकर अपने इलाके में वापस चला गया है. हालांकि अभ्यारण्य प्रबंधन लगातार दावा कर रहा है कि एन-3 नौरादेही में ही है और सुरक्षित है.

कैसे हो गयी थी बाघ किशन की मौत: दरअसल 7 और 8 जून की दरमयानी रात नौरादेही अभ्यारण्य की सिंगपुर और नौरादेही रेंज की सीमा पर बाघ किशन एन-2 और एन-3 बाघ के बीच टेरिटोरियल फाइट हुई थी. जिसमें बाघ एन-2 गंभीर रूप से घायल हो गया था. घायल होने के करीब 4-5 दिन बाद नौरादेही प्रबंधन को उसके घायल होने की जानकारी मिली थी और आनन फानन में पन्ना टाइगर रिजर्व के डाक्टर बुलाकर तीन दिन तक उसका इलाज किया गया था, लेकिन 17 जून की सुबह बाघ किशन एन-2 मृत अवस्था में मिला था. बाघ किशन नौरादेही के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि नौरादेही में बाघों का कुनबा बढ़ाने वाला बाघ किशन ही है. दरअसल राष्ट्रीय बाघ संरक्षण परियोजना के तहत 2018 में नौरादेही अभ्यारण्य में बाघ किशन और बाघिन राधा को छोड़ा गया था और महज 5 साल में आज नौरादेही में बाघों की संख्या 16 पहुंच गयी है, जो किशन की मौत से 15 रह गयी है.

यहां पढ़ें...

क्या कहना है नौरादेही अभ्यारण्य प्रबंधन का: नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य के एसडीओ सेवाराम मलिक का कहना है कि सब कुछ ठीक ठाक है. एक आम घटना है, जहां भी दो से ज्यादा बाघ होते हैं, इस तरह की घटना आम बात है. हमारे स्टाफ को लगातार एन-3 की चहलकदमी देखने मिल रही है. एक जगह तो जंगल में बाघ रहता नहीं है, लेकिन वो हमारे स्टाफ को कभी कभार देखने मिल जाता है. जहां तक बाघ एन-2 के टैरिटरी में बाघ एन-3 के कब्जे की बात है, तो दोनों के बीच फाइट ही टैरिटरी पर कब्जे को लेकर हुई थी और उसका एन-2 की टैरिटरी मतलब नौरादेही रेंज में दिखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. इतना जरूर है कि वो काॅलर आईडी नहीं पहने है, इसलिए उसकी सटीक जानकारी नहीं मिल रही है, लेकिन हमारे गश्ती दल को वो नजर आ चुका है और सुरक्षित है,किसी तरह की चिंता की बात नहीं है.

सागर। पिछले दिनों जल्द ही टाइगर रिजर्व में तब्दील होने जा रहे नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य में दो बाघों की टेरिटोरियल फाइट के चलते नौरादेही में बाघों का कुनबा बढ़ाने वाले बाघ किशन की मौत हो गयी थी. एन-2 के नाम से जाने जाने वाले बाघ किशन की मौत का जिम्मेदार बाघ एन-3 था, क्योंकि इन दोनों के बीच ही टेरिटोरियल फाइट हुई थी. एन-2 और एन-3 की फाइट में एन-2 गंभीर रूप से घायल हो जाने के बाद इलाज के दौरान मर गया था. एन-2 की मौत के बाद बाघ एन-3 को लेकर तरह-तरह की बातें और अफवाहें सुनने मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ एन-3 बाघ काॅलर आईडी नहीं पहने हुए है. इसलिए प्रबंधन उसकी सटीक जानकारी नहीं दे पा रहा है. हालांकि प्रबंधन का दावा है कि बाघ सुरक्षित है और गश्ती दल के लिए बाघ किशन की टेरिटरी के पास चहलकदमी करते नजर आया है.

एन-2 की मौत के बाद एन-3 को लेकर तरह-तरह की बातें: एन-2 बाघ यानि किशन की मौत एन-3 बाघ से हुई टेरिटोरियल फाइट के कारण हो गयी थी. एन-2 की मौत के बाद एन-3 बाघ को लेकर तरह-तरह की बातें सुनने मिल रही है. कोई कह रहा है कि बाघ एन-3 भी घायल है और काॅलर आईडी नहीं पहने है. इसलिए नौरादेही अभ्यारण्य प्रबंधन उसका पता नहीं लगा पा रहा है. बाते ये भी सुनने को मिल रही है कि सिंगपुर रेंज में रहने वाला बाघ एन-3, एन-2 बाघ की टेरिटरी नौरादेही रेंज में कब्जा करना चाहता था. इसी को लेकर दोनों में टेरिटोरियल फाइट हुई थी, तो एन-2 की मौत के बाद बाघ एन-3 ने नौरादेही रेंज की बाघ एन-2 की टेरिटरी पर कब्जा कर लिया है. पिछले शनिवार को एन-2 को नौरादेही रेंज के पास चहलकदमी करते हुए देखा गया था. एक चर्चा ये भी सुनने मिल रही है कि बाघ एन-3 नौरादेही का बाघ नहीं है. बल्कि वह कहीं बाहर से आया था और मेहमान है, इसलिए उसको आज तक काॅलर आईडी नहीं पहनायी जा सकी है. वह नौरादेही छोडकर अपने इलाके में वापस चला गया है. हालांकि अभ्यारण्य प्रबंधन लगातार दावा कर रहा है कि एन-3 नौरादेही में ही है और सुरक्षित है.

कैसे हो गयी थी बाघ किशन की मौत: दरअसल 7 और 8 जून की दरमयानी रात नौरादेही अभ्यारण्य की सिंगपुर और नौरादेही रेंज की सीमा पर बाघ किशन एन-2 और एन-3 बाघ के बीच टेरिटोरियल फाइट हुई थी. जिसमें बाघ एन-2 गंभीर रूप से घायल हो गया था. घायल होने के करीब 4-5 दिन बाद नौरादेही प्रबंधन को उसके घायल होने की जानकारी मिली थी और आनन फानन में पन्ना टाइगर रिजर्व के डाक्टर बुलाकर तीन दिन तक उसका इलाज किया गया था, लेकिन 17 जून की सुबह बाघ किशन एन-2 मृत अवस्था में मिला था. बाघ किशन नौरादेही के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि नौरादेही में बाघों का कुनबा बढ़ाने वाला बाघ किशन ही है. दरअसल राष्ट्रीय बाघ संरक्षण परियोजना के तहत 2018 में नौरादेही अभ्यारण्य में बाघ किशन और बाघिन राधा को छोड़ा गया था और महज 5 साल में आज नौरादेही में बाघों की संख्या 16 पहुंच गयी है, जो किशन की मौत से 15 रह गयी है.

यहां पढ़ें...

क्या कहना है नौरादेही अभ्यारण्य प्रबंधन का: नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य के एसडीओ सेवाराम मलिक का कहना है कि सब कुछ ठीक ठाक है. एक आम घटना है, जहां भी दो से ज्यादा बाघ होते हैं, इस तरह की घटना आम बात है. हमारे स्टाफ को लगातार एन-3 की चहलकदमी देखने मिल रही है. एक जगह तो जंगल में बाघ रहता नहीं है, लेकिन वो हमारे स्टाफ को कभी कभार देखने मिल जाता है. जहां तक बाघ एन-2 के टैरिटरी में बाघ एन-3 के कब्जे की बात है, तो दोनों के बीच फाइट ही टैरिटरी पर कब्जे को लेकर हुई थी और उसका एन-2 की टैरिटरी मतलब नौरादेही रेंज में दिखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. इतना जरूर है कि वो काॅलर आईडी नहीं पहने है, इसलिए उसकी सटीक जानकारी नहीं मिल रही है, लेकिन हमारे गश्ती दल को वो नजर आ चुका है और सुरक्षित है,किसी तरह की चिंता की बात नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.