सागर। जिले के केसली मंडी परिसर में दिगंबर स्व सहायता समूह खरीद केंद्र में किसानों से खरीदी गई धान की बोरियों में भूसा की मिलावट करने का मामला सामने आया है. स्थानीय युवक द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए खुलासे के बाद हड़कंप मच गया. जानकारी मिलते ही मौके पर तहसीलदार और खाद्य विभाग के अधिकारी पहुंचे और खरीद केंद्र को सील कर जांच की. सोशल मीडिया पर खुलासे के बाद अधिकारियों के पहुंचते ही खरीद केंद्र पर हड़कंप मच गया.
किस किसकी मिलीभगत : मंडी परिसर में रखी लगभग 38 हजार बोरियों में धान की जगह भूसा भर दिया गया, जिसे किसान से खरीदी गई धान बताकर भुगतान लेने की तैयारी थी. घोटाले में मंडी, सहकारिता और खाद्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है. फिलहाल खुलासे के बाद मचे हड़कंप के बीच तहसीलदार के साथ खाद्य अधिकारी पलक खरे मौके पर पहुंची और मुआयना किया. खाद्य अधिकारी पलक खरे ने बताया कि कृषि उपज मंडी प्रांगण में दिगंबर स्व सहायता समूह द्वारा धान की खरीदी की जा रही है. हमें जानकारी मिली थी कि यहां पर अमानक स्तर की धान खरीदी जा रही है तो तहसीलदार के निर्देश पर हमने जांच की.
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विधायक ने कहा- दोषियों पर कार्रवाई हो : खाद्य अधिकारी पलक खरे ने बताया कि जांच में पाया कि धान की बोरियों में काफी ज्यादा मात्रा में भूसा मिला हुआ है और वजन भी काफी कम है. जब हमने खरीदी केंद्र के कर्मचारियों को बुलाया तो कोई भी कर्मचारी यहां पर मौजूद नहीं मिला. फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है. परिसर को सील कर जांच की जा रही है, फिर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. इधर, स्थानीय कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने घोटाले के सामने आने के बाद कहा कि मामला बेहद संवेदनशील है. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिर्फ मेरे विधानसभा क्षेत्र में नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी में कभी किसानों से नाजायज वसूली, कभी तुलाई में गड़बड़ी और तरह-तरह की शिकायतें सामने आती हैं. इस मामले से उजागर है कि समर्थन मूल्य की खरीदी में किस तरह से भ्रष्टाचार किया जा रहा है. प्रशासन को इस पर सख्त कार्रवाई करना चाहिए.