सागर। जिले के प्रसिद्ध तीर्थस्थल रानगिर में बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर शादी रोकने गयी पुलिस की विशेष किशोर इकाई और चाइल्डलाइन की टीम को अजीबोगरीब परिस्थिति का सामना करना पड़ा. यहां पर एक 13 साल की नाबालिग लड़की की शादी की जा रही थी. जब विशेष इकाई ने शादी रोकने की कोशिश की तो लड़की उसी लड़के से तत्काल शादी की जिद पर अड़ गयी. उसे बड़ी मुश्कल से समझाया गया, तब वह मानी. इसके बाद उनके पैरेंट्स को भी नसीहत दी गई.
पैरेंट्स बोले- हम शादी को तैयार नहीं थे : जब विशेष पुलिस किशोरी ईकाई और चाइल्ड लाइन की टीम बाल विवाह रुकवाने रानगिर पहुंची तो वहां पर एक 13 साल की लड़की की शादी 20 साल के लड़के से की जा रही थी. लड़का-लड़की दोनों सागर शहर के पंतनगर वार्ड के रहने वाले हैं. विशेष किशोर इकाई की टीम ने जब लड़की के मां-बाप से बात की तो उनका कहना था कि हम लड़की की शादी के लिए तैयार नहीं हैं. लेकिन लड़की खुद शादी करने की जिद पकड़े हुए है. विशेष किशोर इकाई ने जब लड़की को समझाया की इस उम्र में शादी नहीं कर सकती हो तो लड़की मानने के लिए तैयार नहीं हुई.
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बड़ी मुश्किल से मानी लड़की : जब लड़की को बताया गया कि अगर उसने शादी की तो उसका दूल्हा जेल जाएगा. इसके बाद लड़की इस बात पर अड़ गयी कि जब तक वह 18 साल की नहीं हो जाती, तब तक लड़का कहीं दूसरी जगह शादी नहीं करेगा. लड़की ने पुलिस और लड़के वालों से लिखित में आश्वासन लिया, तब जाकर लड़की शादी ना करने के लिए तैयार हुई. इसके अलावा रानगिर में ही एक और बाल विवाह हो रहा था, जिसमें 17 साल की लड़की की शादी 20 साल के लड़के से हो रही थी. शादी के लिए लड़का-लड़की के अलावा दोनों परिवार के लोग भी सहमत थे. जब पुलिस की विशेष किशोर इकाई ने समझाइश दी और बाल विवाह के कानून के बारे में जानकारी दी, तब जाकर लड़का और लड़की के परिजन शादी ना करने के लिए तैयार हुए. खास बात यह है कि शादी करा रहे पंडित और दूसरे लोगों को भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी भी नहीं थी.