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MP Mission 2023: सागर-विदिशा को तोड़कर बनेगा नया जिला, या फिर मंत्री जी का भाषण चुनावी स्टंट

MP Mission 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अब एक साल का समय रह गया है. (Madhya Pradesh assembly elections 2023) चुनाव में नेता अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए लोक लुभावन घोषणाएं कर रहे हैं. पिछले दिनों नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह (Urban Administration Minister Bhupendra Singh statement) ने अपने विधानसभा क्षेत्र खुरई को जिला बनाए जाने की बात कही है. हालांकि उन्होंने कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन उन्होंने चुनाव के ठीक एक साल पहले जनता के बीच ऐसे मुद्दे को हवा दे दी है, जो सागर, विदिशा और बीना के अलावा खुरई में चर्चा का विषय बन गया है. (Discussion of making Khurai assembly constituency new district)

Bina Railway Station
बीना रेलवे स्टेशन
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Published : Nov 1, 2022, 1:46 PM IST

सागर। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के बयान (Urban Administration Minister Bhupendra Singh statement) के बाद अब विधानसभा क्षेत्र खुरई को जिला बनाए जाने की चर्चा जोर पकड़ती नजर आ रही है. मत्री के बयान के आधार पर अगर खुरई जिला बनता है, तो विदिशा और सागर जिले को तोड़कर बनाया जाएगा. इसके पहले खुरई की पड़ोस वाली विधानसभा बीना में खुरई को जिला बनाए जाने का विरोध होने लगा है. स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर विरोध जता रहे हैं. इस मुद्दे पर नगरीय प्रशासन मंत्री ने भी अब चुप्पी साध ली है. ऐसे में माना जा रहा है कि, यह एक चुनावी स्टंट हो सकता है. (MP Mission 2023)

पूर्व मंत्री प्रभु सिंह ठाकुर

खुरई को जिला बनाने की चर्चा: हाल ही में धनतेरस के दिन नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र खुरई में बांधनी को तहसील का दर्जा दिया गया है. इस कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री ने एक बार फिर खुरई को जिला बनाने की चर्चा छेड़ दी. उन्होंने कहा कि, "मैं सिर्फ खुरई का विकास करना चाहता हूं और खुरई लगातार विकास कर रही है. जल्द ही खुरई को जिला बनाने की कोशिश की जाएगी. बीना-खुरई को एक साथ मिलाकर विकास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, खुरई को जिला बनाने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं".

किस आधार पर बनाया जाएगा खुरई को जिला: जिस प्रस्ताव के आधार पर खुरई को जिला बनाए जाने की चर्चा हो रही है. उस प्रस्ताव में सागर और विदिशा जिले की तहसीलों को तोड़कर खुरई को जिला बनाने की बात हो रही है. खुरई को जिला बनाने के लिए 6 तहसीलों को शामिल करने का प्रस्ताव है. जिसमें खुरई, बीना के अलावा विदिशा की कुरवाई और पठारी के अलावा खुरई विधानसभा की मालथौन और बांदरी तहसील को शामिल किया जा सकता है. इन सभी तहसीलों की जनसंख्या 8 लाख के ऊपर है. जहां तक सागर से खुरई और बीना को हटाए जाने की बात है, तो इस तर्क के आधार पर सटीक बैठती है कि, सागर से खुरई की दूरी 55 किमी और बीना की दूरी सागर से 77 किमी के ऊपर है.

सागर में किया बात करने से इनकार: मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र में खुरई को जिला बनाने की चर्चा तो छेड़ दी, लेकिन 27 अक्टूबर को जब सागर में एक प्रेस वार्ता में उनसे खुरई को जिला बनाए जाने पर सवाल पूंछा गया, तो उन्होंने ये कह कर टाल दिया कि, अभी सागर की बात करें. सागर के अलावा कहीं और की बात नहीं करें.

बीना में शुरू हुआ विरोध: खुरई की चर्चा शुरू होते ही बीना में सोशल मीडिया पर इसका विरोध शुरू हो चुका है. बीना में पिछले 40 सालों से जिला बनाए जाने की मांग चल रही है. 1982 से ये आंदोलन शुरू हुआ था और जब भी नए जिले बनने की बात आती है, तो बीना को जिला बनाए जाने की मांग जरूर उठती है. जैसे ही नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने खुरई को जिला बनाने की चर्चा छेड़ी, तो बीना को जिला बनाने की चर्चा ने फिर जोर पकड़ लिया. लोग सोशल मीडिया पर खुरई की जगह बीना को जिला बनाए जाने की मांग कर रहे हैं.

हो सकता है चुनावी स्टंट: कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रभु सिंह ठाकुर का कहना है कि, जो लोग सरकार में बैठे हैं और बोल रहे हैं कि अभी इस मुद्दे पर बात कर नहीं करेंगे, तो यह उनसे पूंछना चाहिए कि कब कौन सा जिला बनेगा. मेरा एक सुझाव है कि, इसके पहले दुबे पुनर्गठन आयोग ने बीना को जिले बनाने की सिफारिश की थी उस समय हमने सोचा था कि बीना और खुरई के बीच बारधा गांव है. बारधा गांव की तहसील खुरई है और जबकि विधानसभा क्षेत्र बीना हैं. दोनों के नाम पर जिला बन जाए, तो बहुत अच्छा होगा.

Bhopal Master Plan संविदा नियुक्ति की प्रक्रिया अगले माह तक पूरी कर ली जाएगी, मंत्री भूपेंद्र सिंह बोले-जल्द आएगा राजधानी का मास्टर प्लान

1982 से आंदोलन: जहां तक बीना की बात है तो यह मांग करीब 40 साल पुरानी है. 1982 से हम लोग आंदोलन कर रहे हैं. बार-बार आंदोलन किए हैं. बीना में रेलवे जंक्शन, रिफाइनरी, पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी यूनिट के अलावा कई उद्योग हैं. पुनर्गठन आयोग भी बीना को जिला बनाने की सिफारिश कर चुका है. मेरा मानना है कि, इस मुद्दे को राजनीतिक तूल नहीं देना चाहिए. हो सकता है ये चुनावी स्टंट हो, हम लोग तो सरकार में नहीं है. कब बनाना है, किसको बनाना है, यह सरकार बताएगी.

सागर। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के बयान (Urban Administration Minister Bhupendra Singh statement) के बाद अब विधानसभा क्षेत्र खुरई को जिला बनाए जाने की चर्चा जोर पकड़ती नजर आ रही है. मत्री के बयान के आधार पर अगर खुरई जिला बनता है, तो विदिशा और सागर जिले को तोड़कर बनाया जाएगा. इसके पहले खुरई की पड़ोस वाली विधानसभा बीना में खुरई को जिला बनाए जाने का विरोध होने लगा है. स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर विरोध जता रहे हैं. इस मुद्दे पर नगरीय प्रशासन मंत्री ने भी अब चुप्पी साध ली है. ऐसे में माना जा रहा है कि, यह एक चुनावी स्टंट हो सकता है. (MP Mission 2023)

पूर्व मंत्री प्रभु सिंह ठाकुर

खुरई को जिला बनाने की चर्चा: हाल ही में धनतेरस के दिन नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र खुरई में बांधनी को तहसील का दर्जा दिया गया है. इस कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री ने एक बार फिर खुरई को जिला बनाने की चर्चा छेड़ दी. उन्होंने कहा कि, "मैं सिर्फ खुरई का विकास करना चाहता हूं और खुरई लगातार विकास कर रही है. जल्द ही खुरई को जिला बनाने की कोशिश की जाएगी. बीना-खुरई को एक साथ मिलाकर विकास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, खुरई को जिला बनाने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं".

किस आधार पर बनाया जाएगा खुरई को जिला: जिस प्रस्ताव के आधार पर खुरई को जिला बनाए जाने की चर्चा हो रही है. उस प्रस्ताव में सागर और विदिशा जिले की तहसीलों को तोड़कर खुरई को जिला बनाने की बात हो रही है. खुरई को जिला बनाने के लिए 6 तहसीलों को शामिल करने का प्रस्ताव है. जिसमें खुरई, बीना के अलावा विदिशा की कुरवाई और पठारी के अलावा खुरई विधानसभा की मालथौन और बांदरी तहसील को शामिल किया जा सकता है. इन सभी तहसीलों की जनसंख्या 8 लाख के ऊपर है. जहां तक सागर से खुरई और बीना को हटाए जाने की बात है, तो इस तर्क के आधार पर सटीक बैठती है कि, सागर से खुरई की दूरी 55 किमी और बीना की दूरी सागर से 77 किमी के ऊपर है.

सागर में किया बात करने से इनकार: मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र में खुरई को जिला बनाने की चर्चा तो छेड़ दी, लेकिन 27 अक्टूबर को जब सागर में एक प्रेस वार्ता में उनसे खुरई को जिला बनाए जाने पर सवाल पूंछा गया, तो उन्होंने ये कह कर टाल दिया कि, अभी सागर की बात करें. सागर के अलावा कहीं और की बात नहीं करें.

बीना में शुरू हुआ विरोध: खुरई की चर्चा शुरू होते ही बीना में सोशल मीडिया पर इसका विरोध शुरू हो चुका है. बीना में पिछले 40 सालों से जिला बनाए जाने की मांग चल रही है. 1982 से ये आंदोलन शुरू हुआ था और जब भी नए जिले बनने की बात आती है, तो बीना को जिला बनाए जाने की मांग जरूर उठती है. जैसे ही नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने खुरई को जिला बनाने की चर्चा छेड़ी, तो बीना को जिला बनाने की चर्चा ने फिर जोर पकड़ लिया. लोग सोशल मीडिया पर खुरई की जगह बीना को जिला बनाए जाने की मांग कर रहे हैं.

हो सकता है चुनावी स्टंट: कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रभु सिंह ठाकुर का कहना है कि, जो लोग सरकार में बैठे हैं और बोल रहे हैं कि अभी इस मुद्दे पर बात कर नहीं करेंगे, तो यह उनसे पूंछना चाहिए कि कब कौन सा जिला बनेगा. मेरा एक सुझाव है कि, इसके पहले दुबे पुनर्गठन आयोग ने बीना को जिले बनाने की सिफारिश की थी उस समय हमने सोचा था कि बीना और खुरई के बीच बारधा गांव है. बारधा गांव की तहसील खुरई है और जबकि विधानसभा क्षेत्र बीना हैं. दोनों के नाम पर जिला बन जाए, तो बहुत अच्छा होगा.

Bhopal Master Plan संविदा नियुक्ति की प्रक्रिया अगले माह तक पूरी कर ली जाएगी, मंत्री भूपेंद्र सिंह बोले-जल्द आएगा राजधानी का मास्टर प्लान

1982 से आंदोलन: जहां तक बीना की बात है तो यह मांग करीब 40 साल पुरानी है. 1982 से हम लोग आंदोलन कर रहे हैं. बार-बार आंदोलन किए हैं. बीना में रेलवे जंक्शन, रिफाइनरी, पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी यूनिट के अलावा कई उद्योग हैं. पुनर्गठन आयोग भी बीना को जिला बनाने की सिफारिश कर चुका है. मेरा मानना है कि, इस मुद्दे को राजनीतिक तूल नहीं देना चाहिए. हो सकता है ये चुनावी स्टंट हो, हम लोग तो सरकार में नहीं है. कब बनाना है, किसको बनाना है, यह सरकार बताएगी.

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