सागर। जिले के उत्तर वन मंडल की बांधनी रेंज में वन और राजस्व की सीमा के नजदीक बिछाए गए तारों के जाल में एक तेंदुआ फंस गया था. वन मंडल के अधिकारियों ने जब मौके पर जाकर जांच पड़ताल की तो पता चला कि तेंदुए को बेहोश किए बिना तार के जाल से निकालना संभव नहीं है(MP leopard trapped). ऐसे में तेंदुए को बचाने के लिए उत्तर वन मंडल की टीम को रीवा के मुकुंदपुर जू से विशेषज्ञों की टीम को बुलाना पड़ा. तब जाकर तेंदुए को बेहोश कर उसका सफल रेस्क्यू किया गया. तेंदुए को नौरादेही अभ्यारण्य में छोड़ दिया गया है. इलाके में डॉग स्क्वाएड की मदद से जाल बिछाने वाले शिकारियों की तलाश की जा रही है.
बांदरी रेंज में जाल में फंसा तेंदुआ: शुक्रवार को उत्तर वन मंडल के अंतर्गत आने वाली बांदरी रेंज की वन और राजस्व सीमा के नजदीक एक तेंदुए के फंसे होने की जानकारी रेंज के वनरक्षक को मिली थी. उत्तर वनमंडल के वनरक्षकों ने जब मौके पर जाकर देखा, तो बांदरी रेंज की आराटीला बीट के नजदीक राजस्व और वन विभाग की सीमा के पास तार के बनाए एक जाल में तेंदुआ बुरी तरह से फंसा हुआ था. बांदरी के परिक्षेत्र अधिकारी बीएन सोलंकी ने घटना की सूचना तत्काल वन एसडीओ हेमंत यादव को दी. दोनों अधिकारी तत्काल आरा टीला बीच पहुंचे(leopard trapped in wire in Sagar). जहां उन्हें तेंदुआ बुरी तरह तार से बने जाल में फंसा मिला. दोनों अधिकारियों ने पाया कि तार के फंदे में फंसे हुए तेंदुए को बेहोश किए बिना निकालना संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई और वन मंडल अधिकारी डीएस डोडवे के द्वारा मुकुंदपुर जू रीवा की रेस्क्यू टीम से संपर्क किया गया और टीम को रेस्क्यू के लिया बुलाया गया था. मुकुंदपुर ज्वेलरी वासी रेस्क्यू टीम घटना स्थल पर रात लगभग 7 बजे पहुंची, जहां विशेषज्ञों ने काफी मशक्कत के बाद तेंदुए को बेहोश कर फंदे से निकाला.
Katni News फेंसिंग तार में फंसा तेंदुआ, बांधवगढ़ टीम ने बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर किया रेस्क्यू
नौरादेही अभ्यारण में छोड़ा गया तेंदुआ: शिकारियों के तार के बनाए गए जाल में फंसे तेंदुए के सफल रेस्क्यू के बाद उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया. तेंदुए को स्वस्थ पाए जाने पर वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन पर उसे नौरादेही अभ्यारण्य में छोड़ना तय किया गया. वन विभाग की विशेष टीम तेंदुए को लेकर नौरादेही अभ्यारण में पहुंची और उसे सुरक्षित तरीके से रात करीब 2 बजे वहां छोड़ा गया. तेंदुए के सफलतापूर्वक रेस्क्यू के बाद अब वन विभाग की टीम उन अपराधियों की तलाश में जुट गई है, जिन्होंने तार का जाल बिछाकर वन्यजीवों के शिकार की कोशिश की थी.
उत्तर वन मंडल में कई शिकार गिरोह सक्रिय: यह पहला मामला नहीं है, जब उत्तर वन मंडल में इस तरह की घटना सामने आई हो. इसके पहले भी कई वन्यजीवों के शिकार के मामले इस इलाके में सामने आ चुके हैं. जिस इलाके में तेंदुए को जाल में फंसाने की कोशिश की गई थी, उस इलाके में बड़े पैमाने पर शिकारी सक्रिय रहते हैं और हिरण, नीलगाय जैसे जानवरों के अलावा अन्य जानवरों को भी निशाना बनाते हैं. वन विभाग के उत्तर वन मंडल के अधिकारियों ने तेंदुए के तार के जाल में फंसने की घटना के बाद विशेष टीम गठित कर अपराधियों की तलाश शुरू कर दी है.