सागर। बुंदेलखंड हीं नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में रहली एक ऐसी सीट है. जहां कांग्रेस 1985 से विधानसभा चुनाव नहीं जीती है. रहली से 1985 से पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. इन सीटों के लिए कांग्रेस अलग से रणनीति तैयार कर रही है. ऐसी सीटों पर कांग्रेस के केंद्रीय संगठन और राज्य संगठन द्वारा लगातार चुनावी तैयारियों का जायजा लिया जा रहा है और चुनावी रणनीति तैयार की जा रही है. मध्यप्रदेश कांग्रेस द्वारा बुंदेलखंड के प्रभारी बनाए गए अरूण यादव ने हफ्ते भर पहले रहली में रायशुमारी की थी. तो उसके तुरंत बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर प्रदीप टम्टा रहली पहुंचे और गोपाल भार्गव के गढ़ को भेदने के उपायों पर चर्चा के साथ चुनावी तैयारियों का जायजा लिया.
मोदी सरकार ने धनबल और बाहुबल से लोकतांत्रिक सरकार को गिराया: रहली पहुंचे कांग्रेस के पर्यवेक्षक और राज्यसभा सांसद प्रदीम टम्टा ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले चार सालों में राजनीति पूरी तरह तबाह हो गयी है. किसान, मजदूर और नौजवान परेशान हैं. मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है. इसलिए प्रदेश की जनता अब भाजपा को सबक सिखाने के मूढ़ में है. प्रदेश की जनता ने पिछली बार कांग्रेस को जनादेश दिया था लेकिन मोदी सरकार ने धनबल और बाहुबल के कारण लोकतांत्रिक तरीके से बनी सरकार को गिरा दिया. ये बयान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय पर्यवेक्षक प्रदीप टम्टा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए दिया. उन्होंने कहा कि इस बार मध्यप्रदेश के लोग बदला लेंगे.
टिकट की रायशुमारी के लिए नहीं आया: केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रदीप टम्टा ने जहां स्थानीय कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से वनटूवन चर्चा की. वहीं उन्होंने सामूहिक रायशुमारी भी की लेकिन उनका कहना है कि वो दावेदारी और टिकट को लेकर नहीं आए हैं. मैं कार्यकर्ताओं की भावनाएं समझने के लिए आया हूं. उन्होंने अपनी बात रखी है, मैनें राष्ट्रीय अध्यक्ष के विचार उनतक पहुंचाए हैं. सारे कार्यकर्ताओं ने आश्वासन दिया है कि हमारे नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी का निर्णय मान्य होगा. उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने प्रत्याशियों के संबंध में नाम सुझाए है. रहली में हो रही लगातार हार के कारण और जीत के उपाय बताए है.
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विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों की बैठक: रहली विधानसभा के मंडलम सेक्टर, बीएलए और ब्लॉक के सभी कार्यकर्ताओं से केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रदीप टम्टा ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली एवं कांग्रेस संगठन की मजबूती के लिए पदाधिकारियों से अलग-अलग चर्चा की तथा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारों के विषय में रायशुमारी की और रहली कांग्रेस में किसे प्रत्याशी बनाया जाए, इसके संबंध में कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श किया. प्रदीप टम्टा ने कहा कि रहली विधानसभा ऐसी विधानसभा है, जहां 40 सालों से कांग्रेस संघर्ष करती आई है. परंतु आज भी जमीनी स्तर पर बहुत बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता खड़े हुए हैं. यहां के स्थानीय मंत्री द्वारा फर्जी मुकदमे बनवाये और कांग्रेस को समाप्त करने के लिए पूरी ताकत लगा ली, उसके बावजूद भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हौसला इतना बुलंद है कि आज भी हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता खड़े हुए हैं, यही हमारी पार्टी की सफलता है.
कमलनाथ के पांच वचनों को जनता तक पहुंचाएं: प्रदीप टम्टा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में जो कमलनाथ ने पांच वचन दिए हैं, उनको कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता धरातल पर लेकर आएं और कांग्रेस की रीति-नीति लोगों तक पहुंचाए. 2023 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने वाली है और रहली में भी इस बार कांग्रेस का प्रत्याशी विजयी होगा.