सागर। संभागीय मुख्यालय स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में दीपावली की रात इलाज में लापरवाही के चलते प्रसूता की मौत और उसी दौरान मेडिकल स्टाफ द्वारा अस्पताल में पटाखे फोड़े जाने के मामला सामने आया था. इस मामले में प्रबंधन ने नर्सिंग स्टाफ को निलंबित कर दिया है. वहीं ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर और इंटर्न को प्रसूतिका वार्ड में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.
दरअसल लापरवाही के मामले में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन ने जांच के आदेश दिए थे. डीन डॉ. आर एस वर्मा ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी. इस कमेटी की रिपोर्ट पर अस्पताल प्रबंधन ने कार्रवाई की है.
दीपावली के दिन हुई थी लापरवाही
दीपावली की रात को एक प्रसूता की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. जिसकी जानकारी मेडिकल स्टाफ को दी गई, लेकिन मेडिकल स्टाफ ने प्रसूता को इंजेक्शन लगाते ही उसने दम तोड़ दिया. जिसके चलते मृतिका के परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया था. दूसरे दिन पुलिस की मौजूदगी में मृतिका का पोस्टमार्टम कराना पड़ा था. इसी दौरान एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें घटना के समय ड्यूटी पर तैनात मेडिकल स्टाफ अस्पताल परिसर में ही पटाखे फोड़ कर दीपावली मना रहा था.
BMC में प्रसूता की मौत के बाद हंगामा, परिजनों ने लगाया गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप
क्या है पूरा मामला, जानिए...
दरअसल पंतनगर वार्ड की रहने वाली पूजा आठ्या को बुधवार को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में डिलीवरी के लिए भर्ती किया गया था. 4 नवंबर को पूजा ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. लेकिन देर रात पूजा की तबीयत खराब होने लगी. पूजा के परिजनों ने डॉक्टर को सूचना दी. इस दौरान इलाज के लिए पूजा को इंजेक्शन तो लगा, लेकिन इंजेक्शन लगते ही पूजा की मौत हो गई. वहीं इस दौरान अस्पताल स्टॉफ का पटाखे फोड़ते हुए वीडियो भी वायरल हुआ.
मृतिका के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने पूजा की तबीयत बिगड़ने पर जैसे ही इंजेक्शन लगाया. कुछ ही देर में पूजा की तबियत और ज्यादा बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई. प्रसूता की मौत के बाद उसके परिजन भड़क गए और उन्होंने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन और लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगाया. करीब 12 बजे हुई घटना के बाद मृतिका के परिजनों ने मेडिकल कॉलेज में जमकर हंगामा किया.
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जांच के आधार पर की कार्रवाई
बीएमसी के मीडिया प्रभारी डॉ. उमेश पटेल ने बताया कि प्रसूता की मौत के मामले की जांच और मेडिकल कॉलेज में पटाखे फोड़े जाने का वीडियो वायरल होते ही बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरएस वर्मा ने एक टीम गठित कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं. टीम की जांच के आधार पर अस्पताल प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए नर्सिंग स्टाफ को निलंबित कर दिया. वहीं ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर और इंटर्न को प्रसूता वार्ड में प्रवेश पर रोक लगा दी गई.