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टिड्डी दल को खदेड़ने में मिली कामयाबी, कृषि विभाग ने दी ये सलाह

दो दिन पहले शाम के समय रहली में प्रवेश किए टिड्डी दल को खदेड़ने में कृषि विभाग के कर्मचारियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी. हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ.

Grasshopper terror
टिड्डी का आतंक
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Published : Jun 22, 2020, 1:15 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 2:32 PM IST

सागर। देश प्रदेश में हड़कंप मचाने वाले टिड्डी दलों का सागर जिले के रहली में तीन दिनों से आतंक चल रहा है. दो दिन पूर्व दक्षिण,पश्चिम दिशा से हवा के रुख के साथ रहली में पहले टिड्डी दल ने प्रवेश किया है. दो दिन की मशक्कत के बाद पहले दल को खदेड़ा गया, लेकिन टिड्डी दल रुक-रुककर धावा बोल रहा है. हालांकि किसानों और प्रशासन की सूझ बूझ और तैयारियों की वजह से कोई हानि नहीं हुई.

टिड्डी का आतंक

दो दिन पहले शाम के समय रहली में प्रवेश किए टिड्डी दल को खदेड़ने में कृषि विभाग के कर्मचारियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी. अंधेरा होते ही टिड्डी दल ने जूनाहार, हर्रा, सेहुआ आदि ग्रामों में डेरा डाल लिया. टिड्डी दल को काबू में करने के लिए रात्रि में ही भोपाल से विशेष दल को कीटनाशक दवा के छिड़काव के लिए रहली भेजा गया. सुबह उजाला होते ही कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा खेतों में V3 मशीनों से एवं पेड़ों पर कब्जा किए बैठी टिड्डियों पर नगर पालिका की फायर गाड़ी से दवा का स्प्रे किया गया और तेज आवाज में शोर कर टिड्डी दल को खदेड़ा गया.

Grasshopper terror
टिड्डी का आतंक

टिड्डी दल हवा के रुख के साथ अब दमोह जिले की सीमा में प्रवेश कर गया, लगातार दूसरे और तीसरे दिन भी छोटे-छोटे टिड्डी दल रहली ब्लाक से गुजरे, जिन्हें कृषि विभाग के कर्मचारियों एवं ग्रामीणों के सहयोग से खदेड़ कर क्षेत्र से बाहर किया गया. जिन खेत खलिहानों में टिड्डी दल ने डेरा डाला था, उन खेतों में टिड्डियों के प्रजनन की संभावना को खत्म करने के लिए संबंधित किसानों को खेतों की जुताई करने की सलाह कृषि विशेषज्ञों के द्वारा दी जा रही है. फिल्हाल क्षेत्र में कोई खड़ी फसल नहीं है.

सागर। देश प्रदेश में हड़कंप मचाने वाले टिड्डी दलों का सागर जिले के रहली में तीन दिनों से आतंक चल रहा है. दो दिन पूर्व दक्षिण,पश्चिम दिशा से हवा के रुख के साथ रहली में पहले टिड्डी दल ने प्रवेश किया है. दो दिन की मशक्कत के बाद पहले दल को खदेड़ा गया, लेकिन टिड्डी दल रुक-रुककर धावा बोल रहा है. हालांकि किसानों और प्रशासन की सूझ बूझ और तैयारियों की वजह से कोई हानि नहीं हुई.

टिड्डी का आतंक

दो दिन पहले शाम के समय रहली में प्रवेश किए टिड्डी दल को खदेड़ने में कृषि विभाग के कर्मचारियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी. अंधेरा होते ही टिड्डी दल ने जूनाहार, हर्रा, सेहुआ आदि ग्रामों में डेरा डाल लिया. टिड्डी दल को काबू में करने के लिए रात्रि में ही भोपाल से विशेष दल को कीटनाशक दवा के छिड़काव के लिए रहली भेजा गया. सुबह उजाला होते ही कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा खेतों में V3 मशीनों से एवं पेड़ों पर कब्जा किए बैठी टिड्डियों पर नगर पालिका की फायर गाड़ी से दवा का स्प्रे किया गया और तेज आवाज में शोर कर टिड्डी दल को खदेड़ा गया.

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टिड्डी का आतंक

टिड्डी दल हवा के रुख के साथ अब दमोह जिले की सीमा में प्रवेश कर गया, लगातार दूसरे और तीसरे दिन भी छोटे-छोटे टिड्डी दल रहली ब्लाक से गुजरे, जिन्हें कृषि विभाग के कर्मचारियों एवं ग्रामीणों के सहयोग से खदेड़ कर क्षेत्र से बाहर किया गया. जिन खेत खलिहानों में टिड्डी दल ने डेरा डाला था, उन खेतों में टिड्डियों के प्रजनन की संभावना को खत्म करने के लिए संबंधित किसानों को खेतों की जुताई करने की सलाह कृषि विशेषज्ञों के द्वारा दी जा रही है. फिल्हाल क्षेत्र में कोई खड़ी फसल नहीं है.

Last Updated : Jun 22, 2020, 2:32 PM IST
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