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सागर: कोरोना वायरस के कारण टूटी वर्षों पुरानी ये परंपरा - sagar news

सागर जिले की रहली विधानसभा में पुरातन काल से चली आ रही ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा कोरोना महामारी के कारण नहीं निकाली जा सकी. इतिहास में ये पहला अवसर है, जब वर्षो पुरानी परंपरा टूट गई है.

Jagannath Rath Yatra not taken out due to corona virus in Sagar.
सागर: कोरोना वायरस के कारण टूटी वर्षों पुरानी परंपरा
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Published : Jun 23, 2020, 7:51 PM IST

सागर। कोरोना महामारी के कारण समाज का पूरा ताना-बाना टूट गया है. लोगों की जीवन चर्या के साथ धार्मिक, सामाजिक रीति रिवाज भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. कुछ ऐसा ही जग्गनाथ रथ यात्रा के साथ भी हुआ है, जहां इस बार कोरोना के चलते सागर के रहली में सदियों से चली आ रही जगन्नाथ रथ यात्रा नहीं निकाली गई.

टूटी वर्षों पुरानी परंपरा

दरसल कोविड-19 से उपजे संकट के कारण संक्रमण का खतरा बना हुआ है. भीड़-भाड़ वाले सभी आयोजनों को सुरक्षा कारणों से प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है. देवलिया मंदिर के द्वारा प्रसाशन से जगन्नाथ रथयात्रा की अनुमति मांगी गई थी, अनुमति नहीं मिलने के कारण मंदिर के पुजारियों के द्वारा शासन के नियमों का पालन करते हुए जगन्नाथ भगवान की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर आरती उतारी गई एवं मंदिर परिसर के अंदर ही भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की प्रतीकात्मक यात्रा निकाल कर रस्मअदायगी की गई है. रथयात्रा नहीं निकाले जाने के कारण श्रद्धलुओं दुखी नजर आए, परिस्थितियां सामान्य नहीं होने के कारण भक्तगणों ने घर पर ही भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर धार्मिक रिवाज को पूर्ण किया.

सागर। कोरोना महामारी के कारण समाज का पूरा ताना-बाना टूट गया है. लोगों की जीवन चर्या के साथ धार्मिक, सामाजिक रीति रिवाज भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. कुछ ऐसा ही जग्गनाथ रथ यात्रा के साथ भी हुआ है, जहां इस बार कोरोना के चलते सागर के रहली में सदियों से चली आ रही जगन्नाथ रथ यात्रा नहीं निकाली गई.

टूटी वर्षों पुरानी परंपरा

दरसल कोविड-19 से उपजे संकट के कारण संक्रमण का खतरा बना हुआ है. भीड़-भाड़ वाले सभी आयोजनों को सुरक्षा कारणों से प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है. देवलिया मंदिर के द्वारा प्रसाशन से जगन्नाथ रथयात्रा की अनुमति मांगी गई थी, अनुमति नहीं मिलने के कारण मंदिर के पुजारियों के द्वारा शासन के नियमों का पालन करते हुए जगन्नाथ भगवान की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर आरती उतारी गई एवं मंदिर परिसर के अंदर ही भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की प्रतीकात्मक यात्रा निकाल कर रस्मअदायगी की गई है. रथयात्रा नहीं निकाले जाने के कारण श्रद्धलुओं दुखी नजर आए, परिस्थितियां सामान्य नहीं होने के कारण भक्तगणों ने घर पर ही भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर धार्मिक रिवाज को पूर्ण किया.

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