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MP Congress: बुंदेलखंड से दलितों को साधेंगे राहुल-खड़गे, प्रियंका करेंगी महिलाओं के साथ पैदल मार्च - सागर राहुल गांधी सभा

रायपुर अधिवेशन और हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के समापन के साथ कांग्रेस उन राज्यों में चुनावी मोड में आ सकती है, जिन राज्यों में इस साल चुनाव होने जा रहे हैं. इन राज्यों में मध्य प्रदेश को कांग्रेस इसलिए महत्व देने वाली है क्योंकि 2018 में सरकार बनने के बाद दल बदल के जरिए मध्य प्रदेश की सरकार गिरा दी गई थी. चर्चा है कि, रायपुर अधिवेशन के बाद हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के समापन के जरिए मध्य प्रदेश के दलित मतदाताओं को रिझाने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी बुंदेलखंड में एक बड़ा कार्यक्रम कर सकते हैं.

सागर  प्रियंका गांधी राहुल गांधी और खड़गे की सभा
priyanka Gandhi Rahul Gandhi and Kharge meeting Sagar
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Published : Feb 23, 2023, 3:11 PM IST

बुंदेलखंड से दलितों को साधेंगे राहुल-खड़गे

सागर। रायपुर अधिवेशन और हाथ से हाथ जोड़ो अभियान कार्यक्रम के जरिए दलित मतदाताओं के बाहुल्य वाले इलाके ग्वालियर चंबल संभाग और बुंदेलखंड को साधने की कोशिश की जाएगी. महिला मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रियंका गांधी भी मध्यप्रदेश में एक पैदल मार्च कर सकती हैं. हालांकि कांग्रेस सूत्रों की माने तो अभी यह कार्यक्रम पूरी तरह तय नहीं है और हाईकमान लेवल पर मंथन चल रहा है. फिर भी सियासी गलियारों में सुगबुगाहट है कि, सागर में बड़ा आयोजन करके मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड और ग्वालियर चंबल इलाके करीब 50 सीटों पर कांग्रेस का माहौल बनाने की कोशिश की जाएगी.

राजनीतिक गलियारों में क्या चल रही है चर्चा: सियासी गलियारों में सुगबुगाहट है कि, हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के समापन पर एक बड़ा कार्यक्रम कांग्रेस मध्यपदेश और खासकर बुंदेलखंड में आयोजित करने जा रही है. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के शामिल होंगे. यह कार्यक्रम बुंदेलखंड के बीना या सागर में आयोजित किया जा सकता है. इसके जरिए कांग्रेस जहां दलित वोटों को साधने की कोशिश करेंगी. क्योंकि बुंदेलखंड और बुंदेलखंड से लगी ग्वालियर चंबल संभाग में काफी संख्या में अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. इस कार्यक्रम के जरिए ऐसी मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की जाएगी और उन्हें बताया जाएगा कि कांग्रेस पार्टी ने अनुसूचित जाति को महत्व देकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है और हमेशा उनके खेतों की रखवाली की है.

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महिलाओं को साधने प्रियंका गांधी का पैदल मार्च: एक तरफ जहां शिवराज सरकार लाडली बहना योजना के जरिए महिलाओं को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस महिलाओं को अपने पक्ष में लाने के लिए प्रियंका गांधी के एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन मध्यप्रदेश में कर सकती है. इस आयोजन के जरिए प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश में महिलाओं के साथ पैदल मार्च करेंगी. जहां तक इन दोनों कार्यक्रमों की बात करें, तो यह कार्यक्रम अभी आलाकमान स्तर पर चर्चा में हैं और इनकी अंतिम रूपरेखा अभी तैयार नहीं है. माना जा रहा है कि रायपुर अधिवेशन में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा.

ग्वालियर चंबल और बुंदेलखंड में दलित समीकरण: जहां तक मध्यप्रदेश की बात करें तो मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 35 सीटें आरक्षित हैं. इसके अलावा करीब 115 सीटें ऐसी हैं जिनमें एससी मतदाता चुनाव में निर्णायक मतदाता के तौर पर होते हैं. इन सीटों में सर्वाधिक 50 सीटें ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में आती हैं. बुंदेलखंड में जहां 21 से 22% अनुसूचित जाति के मतदाता हैं तो ग्वालियर चंबल संभाग में करीब 25% अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. कांग्रेस का कहना है कि एनसीआरबी के रिकॉर्ड के अनुसार भाजपा सरकार के कार्यकाल में मध्यप्रदेश में सर्वाधिक अत्याचार ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में अनुसूचित जाति के लोगों पर हुआ है. इन इलाकों के अनुसूचित जाति के मतदाताओं में भाजपा के खिलाफ जमकर नाराजगी है. क्योंकि भाजपा की सरकार दलितों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाओं का ऐलान तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का लाभ अनुसूचित जाति के मतदाताओं को नहीं मिला है और यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं.

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भाजपा ने रविदास जयंती पर किए थे आयोजन: जिन इलाकों को केंद्रित कर कांग्रेस बड़े कार्यक्रम की तैयारी कर रही है, उन इलाकों में भाजपा फरवरी माह में रविदास जयंती के मौके पर कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है. ग्वालियर चंबल संभाग में जहां 5 फरवरी को रविदास जयंती के मौके पर ही विशाल कार्यक्रम आयोजित किया गया था, तो वही 8 फरवरी को सागर में रविदास महाकुंभ आयोजित कर संत रविदास के अनुयायी अनुसूचित जाति के मतदाता को रिझाने की कोशिश की गई थी.

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क्या कहना है सागर जिले की प्रभारी का: मध्यप्रदेश कांग्रेस द्वारा नियुक्त सागर जिले के प्रभारी अवनीश भार्गव का कहना है कि एआईसीसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाथ से हाथ जोड़ो अभियान पूरे देश में लागू किया है. ये अभियान ब्लॉक स्तर पर बड़ी जोर शोर से चल रहा है. मध्यप्रदेश में भी अभियान को बड़ी सफलता मिल रही है. हम लोग घर-घर जाकर लोगों को समझा रहे हैं और मौजूदा सरकार के कामकाज की जानकारी दे रहे हैं. महंगाई और बेरोजगारी को लेकर लोगों के खिलाफ जो आक्रोश है. जब सरकार की विकास यात्रा गांव में जा रही है, तो विकास यात्रा का भारी विरोध हो रहा है. विधायक अंदर नहीं जा पा रहे हैं और लोगों से ठीक से बात भी नहीं कर पा रहे हैं. यह एक सरकारी यात्रा बनकर रह गई है. भाजपा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके अपने संगठन की यात्रा निकाल रही है. हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को सफलता मिल रही है और जनता का जनसमर्थन मिल रहा है. हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का जब समापन होगा, तो एक प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम होगा. जिसमें हमारे अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी शामिल होंगे. इसके अलावा प्रियंका गांधी महिलाओं के साथ मार्च करेंगी. जिसकी बड़े स्तर पर चल तैयारी चल रही है. हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का ब्लॉक, जिला और संभागीय स्तर पर एक समापन कार्यक्रम होगा और अंत में प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम होगा.

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क्या कहते हैं मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष: मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी इन कार्यक्रमों को लेकर कहते हैं कि, जिस तरह से वर्तमान हालात हैं और उन हालातों को लेकर हमारे नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जो कार्यक्रम संचालित किए हैं. हाथ से हाथ जोड़ो अभियान, भारत छोड़ो यात्रा जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. आज देश में जो हालात हैं. इन हालातों को लेकर कांग्रेस समसामयिक विषयों पर अपने कार्यक्रम चलाती रहती है. उसी श्रृंखला में आगे के कार्यक्रम चलते रहेंगे. यह कोई नया कार्यक्रम नहीं है. जिस तरह पूरे देश में कार्यक्रम चलेंगे. उसी तरह मध्यप्रदेश में कार्यक्रम होंगे. प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी नेतृत्व को इस बात से अवगत कराया है कि आज भारतीय जनता पार्टी लोगों को झूठी योजनाओं के आधार पर गुमराह कर कलाकारी की राजनीति कर रही है. इस राजनीति की वास्तविकता प्रदेश के भोले भाले लोगों को बताना जरूरी है. कांग्रेस पार्टी पर विश्वास नहीं करती है कि सत्ता किसको मिले और किसके हाथ में रहे. पार्टी इस बात पर विश्वास करती है कि संविधान और संवैधानिक संस्थाएं सुरक्षित रहना चाहिए. लोगों के सैद्धांतिक और संवैधानिक मूल्य सुरक्षित रहना चाहिए. कांग्रेस पार्टी इन बातों को लेकर अपनी विचारधारा के अनुरूप कार्यक्रम चला रही है.

बुंदेलखंड से दलितों को साधेंगे राहुल-खड़गे

सागर। रायपुर अधिवेशन और हाथ से हाथ जोड़ो अभियान कार्यक्रम के जरिए दलित मतदाताओं के बाहुल्य वाले इलाके ग्वालियर चंबल संभाग और बुंदेलखंड को साधने की कोशिश की जाएगी. महिला मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रियंका गांधी भी मध्यप्रदेश में एक पैदल मार्च कर सकती हैं. हालांकि कांग्रेस सूत्रों की माने तो अभी यह कार्यक्रम पूरी तरह तय नहीं है और हाईकमान लेवल पर मंथन चल रहा है. फिर भी सियासी गलियारों में सुगबुगाहट है कि, सागर में बड़ा आयोजन करके मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड और ग्वालियर चंबल इलाके करीब 50 सीटों पर कांग्रेस का माहौल बनाने की कोशिश की जाएगी.

राजनीतिक गलियारों में क्या चल रही है चर्चा: सियासी गलियारों में सुगबुगाहट है कि, हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के समापन पर एक बड़ा कार्यक्रम कांग्रेस मध्यपदेश और खासकर बुंदेलखंड में आयोजित करने जा रही है. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के शामिल होंगे. यह कार्यक्रम बुंदेलखंड के बीना या सागर में आयोजित किया जा सकता है. इसके जरिए कांग्रेस जहां दलित वोटों को साधने की कोशिश करेंगी. क्योंकि बुंदेलखंड और बुंदेलखंड से लगी ग्वालियर चंबल संभाग में काफी संख्या में अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. इस कार्यक्रम के जरिए ऐसी मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की जाएगी और उन्हें बताया जाएगा कि कांग्रेस पार्टी ने अनुसूचित जाति को महत्व देकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है और हमेशा उनके खेतों की रखवाली की है.

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महिलाओं को साधने प्रियंका गांधी का पैदल मार्च: एक तरफ जहां शिवराज सरकार लाडली बहना योजना के जरिए महिलाओं को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस महिलाओं को अपने पक्ष में लाने के लिए प्रियंका गांधी के एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन मध्यप्रदेश में कर सकती है. इस आयोजन के जरिए प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश में महिलाओं के साथ पैदल मार्च करेंगी. जहां तक इन दोनों कार्यक्रमों की बात करें, तो यह कार्यक्रम अभी आलाकमान स्तर पर चर्चा में हैं और इनकी अंतिम रूपरेखा अभी तैयार नहीं है. माना जा रहा है कि रायपुर अधिवेशन में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा.

ग्वालियर चंबल और बुंदेलखंड में दलित समीकरण: जहां तक मध्यप्रदेश की बात करें तो मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 35 सीटें आरक्षित हैं. इसके अलावा करीब 115 सीटें ऐसी हैं जिनमें एससी मतदाता चुनाव में निर्णायक मतदाता के तौर पर होते हैं. इन सीटों में सर्वाधिक 50 सीटें ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में आती हैं. बुंदेलखंड में जहां 21 से 22% अनुसूचित जाति के मतदाता हैं तो ग्वालियर चंबल संभाग में करीब 25% अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. कांग्रेस का कहना है कि एनसीआरबी के रिकॉर्ड के अनुसार भाजपा सरकार के कार्यकाल में मध्यप्रदेश में सर्वाधिक अत्याचार ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में अनुसूचित जाति के लोगों पर हुआ है. इन इलाकों के अनुसूचित जाति के मतदाताओं में भाजपा के खिलाफ जमकर नाराजगी है. क्योंकि भाजपा की सरकार दलितों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाओं का ऐलान तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का लाभ अनुसूचित जाति के मतदाताओं को नहीं मिला है और यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं.

'मदिरा प्रदेश' की टिप्पणी पर CM शिवराज ने जताई आपत्ति तो कमलनाथ बोले-राशन महंगा, सस्ती दारू

भाजपा ने रविदास जयंती पर किए थे आयोजन: जिन इलाकों को केंद्रित कर कांग्रेस बड़े कार्यक्रम की तैयारी कर रही है, उन इलाकों में भाजपा फरवरी माह में रविदास जयंती के मौके पर कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है. ग्वालियर चंबल संभाग में जहां 5 फरवरी को रविदास जयंती के मौके पर ही विशाल कार्यक्रम आयोजित किया गया था, तो वही 8 फरवरी को सागर में रविदास महाकुंभ आयोजित कर संत रविदास के अनुयायी अनुसूचित जाति के मतदाता को रिझाने की कोशिश की गई थी.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का तंज- कांग्रेस में खाता न बही, कमलनाथ जो कहें वही सही

क्या कहना है सागर जिले की प्रभारी का: मध्यप्रदेश कांग्रेस द्वारा नियुक्त सागर जिले के प्रभारी अवनीश भार्गव का कहना है कि एआईसीसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाथ से हाथ जोड़ो अभियान पूरे देश में लागू किया है. ये अभियान ब्लॉक स्तर पर बड़ी जोर शोर से चल रहा है. मध्यप्रदेश में भी अभियान को बड़ी सफलता मिल रही है. हम लोग घर-घर जाकर लोगों को समझा रहे हैं और मौजूदा सरकार के कामकाज की जानकारी दे रहे हैं. महंगाई और बेरोजगारी को लेकर लोगों के खिलाफ जो आक्रोश है. जब सरकार की विकास यात्रा गांव में जा रही है, तो विकास यात्रा का भारी विरोध हो रहा है. विधायक अंदर नहीं जा पा रहे हैं और लोगों से ठीक से बात भी नहीं कर पा रहे हैं. यह एक सरकारी यात्रा बनकर रह गई है. भाजपा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके अपने संगठन की यात्रा निकाल रही है. हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को सफलता मिल रही है और जनता का जनसमर्थन मिल रहा है. हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का जब समापन होगा, तो एक प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम होगा. जिसमें हमारे अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी शामिल होंगे. इसके अलावा प्रियंका गांधी महिलाओं के साथ मार्च करेंगी. जिसकी बड़े स्तर पर चल तैयारी चल रही है. हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का ब्लॉक, जिला और संभागीय स्तर पर एक समापन कार्यक्रम होगा और अंत में प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम होगा.

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क्या कहते हैं मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष: मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी इन कार्यक्रमों को लेकर कहते हैं कि, जिस तरह से वर्तमान हालात हैं और उन हालातों को लेकर हमारे नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जो कार्यक्रम संचालित किए हैं. हाथ से हाथ जोड़ो अभियान, भारत छोड़ो यात्रा जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. आज देश में जो हालात हैं. इन हालातों को लेकर कांग्रेस समसामयिक विषयों पर अपने कार्यक्रम चलाती रहती है. उसी श्रृंखला में आगे के कार्यक्रम चलते रहेंगे. यह कोई नया कार्यक्रम नहीं है. जिस तरह पूरे देश में कार्यक्रम चलेंगे. उसी तरह मध्यप्रदेश में कार्यक्रम होंगे. प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी नेतृत्व को इस बात से अवगत कराया है कि आज भारतीय जनता पार्टी लोगों को झूठी योजनाओं के आधार पर गुमराह कर कलाकारी की राजनीति कर रही है. इस राजनीति की वास्तविकता प्रदेश के भोले भाले लोगों को बताना जरूरी है. कांग्रेस पार्टी पर विश्वास नहीं करती है कि सत्ता किसको मिले और किसके हाथ में रहे. पार्टी इस बात पर विश्वास करती है कि संविधान और संवैधानिक संस्थाएं सुरक्षित रहना चाहिए. लोगों के सैद्धांतिक और संवैधानिक मूल्य सुरक्षित रहना चाहिए. कांग्रेस पार्टी इन बातों को लेकर अपनी विचारधारा के अनुरूप कार्यक्रम चला रही है.

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