सागर। डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के कुलपति प्रोफेसर आरपी तिवारी ने केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सराहना की है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र को निश्चित ही एक ऐसी शिक्षा नीति की जरूरत थी, जिसमें वह अपने समक्ष प्रस्तुत होने वाली देशज और वैश्विक चुनौतियों से ज्ञान एवं सूचना आधारित संसाधनों विकल्पों का निर्माण कर सकें, साथ ही नवाचार के माध्यम से डिजिटल आधुनिकता के चिंतन के महत्व समन्वय से एक संभावना एवं समतामूलक समाज का निर्माण कर सकें.
कुलपति ने कहा कि इस नई नीति में प्राचीन और आधुनिक भारतीय परंपराओं का समागम है. इसमें क्वालिटी पर फोकस करने के साथ ही विसंगतियों को भी दूर किया गया है. शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में भी बड़ा बदलाव है.
वहीं किसी छात्र को किसी कारणवंश बीच में पढ़ाई छोड़नी भी पड़ती है तो भी उसे उतनी अवधि का सर्टिफिकेट देने का प्रावधान भी इस नई नीति में है, जो उस छात्र के लिए उसके भविष्य के लिए लाभप्रद है, जिससे उसकी शिक्षा भी व्यर्थ नहीं जाएगी. इसके साथ ही नई नीति में विद्यार्थियों को पढ़ाई में रुचि भी बढ़ेगी, पढ़ाई बोझ की तरह नहीं रहेगी. इससे व्यक्तित्व का विकास हो पाएगा.