सागर। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. सुषमा स्वराज एक नरम दिल नेता के तौर पर जानी जाती थीं और उनके इस स्वभाव का हर कोई कायल था. उनके निधन से हर कोई दुखी है. सुषमा स्वराज को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने उनसे जुड़ी यादों को साझा की. गोपाल भार्गव का कहना है कि उनका निधन देश और राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है.
गोपाल भार्गव का कहना है कि सुषमा से भाई-बहन जैसा नाता रहा है. वो एक अद्भुत व्यक्तिव की महिला नेत्री थीं. भार्गव ने कहा सुषमा दीदी के कहने पर जब भी अपने विभाग का कोई विकास कार्य गुणवत्ता पूर्ण किया तो उसको लेकर वह हमेशा धन्यवाद कहा.
भार्गव का कहना है कि सुषमा दीदी का विद्वता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब वे कर्नाटक से चुनाव लड़ीं थीं, तो उन्होंने महज़ 15 दिन में ही कन्नड़ भाषा सीख ली और सोनिया गांधी के खिलाफ़ चुनाव में वहीं की भाषा में ही भाषण दिया. जिससे उनकी अद्भुत क्षमताओं का पता चलता है. उनके मस्तिस्क और ज़ुबान पर साक्षात सरस्वति का वास था.