सागर। साल 2019 में अचानक एक घर में लग गई थी. आरक्षक गौरी शंकर व्यास ने आग में झुलस रहे पति पत्नी और बेटी की जान जान बचाई थी. गौरी शंकर के इस साहस पूर्ण काम के लिए उनका नाम राष्ट्रपति पदक के लिए चयनित किया गया है. इस बात से सागर का पुलिस विभाग गौरवान्वित महसूस कर रहा है. गौरी शंकर को उनकी वीरता के लिए उन्हें राष्ट्रपति जीवन रक्षा पदक के से सम्मानित किया जायगा. व्यास को यह पदक 15 अगस्त को दिया जाएगा.
दरअसल, 24 अगस्त 2019 की रात गौरी शंकर तत्कालीन टीआई के साथ रात में गश्त पर थे. उसी दौरान खुरई रोड स्थित सुभाष नगर से गुजरते वक्त एक मकान से धुआं उठता दिखाई दिया. जिसके बाद पुलिस की पेट्रोलिंग टीम तत्काल उस मकान के पास पहुंची. इस दौरान पेट्रोलिंग वाहन चालक गौरी शंकर व्यास ने देखा कि मकान के पहले मंजिल में आग तेज हो चुकी है. मकान के अंदर से कुछ लोगों के चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही है.
आग इतना भयानक रूप ले चुकी थी की सीढ़ियों से मकान के अंदर जाना मुमकिन नहीं था. इस दौरान गौरी शंकर व्यास ने साहस का परिचय देते हुए अपनी जान पर खेलकर किसी तरह पड़ोसी से लकड़ी की सीढ़ी लेकर बाहर से ही खिड़की तक पहुंच बनाई. फिर खिड़की को तोड़ते हुए अंदर फंसे पति जय हिंद लौधी, पत्नी आरती और उनकी 7 साल की बेटी जानवी को सकुशल घर से बाहर निकाला. उन्हें तुरंत इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा. इस दौरान आरक्षक के हाथ भी जख्मी हो गए थे. अगर कुछ देर और तीनों पीड़ितों को बाहर नहीं निकाला जाता तो शायद जनहानि भी हो सकती थी. साहस भरे काम के लिए गौरी शंकर व्यास को राष्ट्रपति जीवन रक्षा पदक के लिए चयनित किया गया है.सागर एसपी अतुल सिंह सहित विभाग के अन्य पुलिस अधिकारियों और सहयोगियों ने व्यास को शुभकामनाएं दी हैं.