सागर। जिले के बांदरी थाना क्षेत्र के हिन्नौदा गांव में एक परिवार के सामाजिक बहिष्कार का मामला सामने आया है. पिता एक साल से अपने पुत्र की तलाश में दर-दर भटक रहा है, वहीं गांव के लोग लापता पुत्र को मृत मानकर तेरहवी करने का दबाव परिजन पर बना रहे हैं. बेटे के लापता होने कि पीछे गांव के ही दो लोगों पर अशंका की जाताई जा रही है. पुलिस से शिकायत में कोई नतीजा सामने नहीं आया तो पीड़ित परिवार ने हेवियस कार्पस दायर कर हाइकोर्ट की शरण ली है.
हिन्नौद निवासी उत्तम सिंह लोधी ने बांदरी थाने और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में 11 जनवरी 2019 की रात ट्रक ड्राइवर बलदीप और भक्तराम द्वारा अपने बेटे को घर से मना करने के बाद भी ले जाने को लेकर शिकायत की थी. शिकायत के अनुसार दोनों भाई ट्रक ड्राइवर हैं और वे रात में ओमप्रकाश को लेकर गए पर जब वापस लौटे तो उनके साथ ओमप्रकाश नहीं था. पूछे जाने पर बलदीप ने नरसिंहपुर की सिमरिया खदान के पास खाना बनाने के दौरान ओमप्रकाश के भागने की बात कहकर टाल दिया. लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी ओमप्रकाश नहीं लौटा, परिजनों ने सागर, नरसिंहपुर और आस पास के सभी जिलों में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करा दी. एक साल बीत जाने के बाद भी बेटे के वापस नहीं आने से परिवार वाले परेशान थे गांव वालों ने समाज की पंचायत बैठाई जिसमें उन्होंने परिवार वालों पर दबाव बनाया कि वह अपने बेटे की तैरहवी करा दे. जिसका इंकार करने पर गांव वालों ने ओमप्रकाश के परिवार वालों का बहिष्कार कर दिया.
वहीं पिता ने अपने बेटे को ढूढ़ने के लिए कोर्ट की शरण लेनी पड़ी जिसके बाद कोर्ट ने सारी बांते सुनकर विशेष जांच के आदेश दिए हैं और पुलिस से भी जवाब तलब किया गया.
उधर उत्तम के परिवार का बहिष्कार करने के मामले को उनके अधिवक्ता बृजेश ने गलत बताया है. सिंह के अनुसार किसी लापता व्यक्ति को इस तरह मृत नहीं माना जा सकता, कानून में भी इसके लिए समयावधि निर्धारित की गई है.