सागर। मजबूत इच्छाशक्ति और बुलंद हौसले के चलते हैदराबाद में इलाज करा रहे सागर के कोरोना योद्धा डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा ने जिंदगी की जंग जीत ली है. डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा पिछले एक साल से सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करते-करते खुद कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. उनकी हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि उन्हें इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर हैदराबाद ले जाया गया था. जहां देश के जाने-माने डॉक्टर अपार जिंदल की देखरेख में उनका इलाज चला और बहुत ही जल्द ही उन्होंने रिकवर करते हुए जिंदगी की जंग जीत ली. डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है लेकिन डॉक्टर अपार जिंदल की सलाह पर सत्येंद्र मिश्रा अभी एक हफ्ते तक हैदराबाद में ही रहेंगे, फिर सागर वापसी करेंगे.
फेफड़ों के ट्रांसप्लांट के बन गए थे हालात
कोरोना संक्रमित होने के बाद सागर में इलाज करा रहे डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा की हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि उनके फेफड़े 80% से ज्यादा संक्रमित हो गए थे. फेफड़ों के ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती थी, लेकिन हैदराबाद की यशोदा हॉस्पिटल और मशहूर डॉक्टर अपार जिंदल की देखरेख में इच्छा शक्ति से मजबूत डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा बिना फेफड़ों के ट्रांसप्लांट हुए ही ठीक हो गए. गुरुवार को दोपहर 12 बजे उन्हें हैदराबाद के अस्पताल से छुट्टी मिल गई. हालांकि डॉक्टरों के कहने पर वे 5-7 दिन वहां रुकेंगे. डॉक्टर अपार जिंदल ने डॉ सत्येंद्र मिश्रा को सलाह दी है कि अभी एक हफ्ते तक वह हैदराबाद के किसी होटल में रहें और एक बार और चेकअप कराने के बाद सागर वापस जाएं.
भोपाल से किए गए थे एयरलिफ्ट
कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा जब खुद कोरोना संक्रमित हो गए थे, तो सागर में इलाज के दौरान उनकी हालत बिगड़ने लगी. ऐसी स्थिति में उनके सहयोगी और शहर की जनता ने पहल करते हुए उनके इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने तत्परता दिखाते हुए सरकारी खर्च पर उनके इलाज का ऐलान किया. मुख्यमंत्री की सहमति के बाद उन्हें सागर से भोपाल तक 175 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ले जाया गया और भोपाल एयरपोर्ट से उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए हैदराबाद एयरलिफ्ट किया गया. 19 अप्रैल से 17 दिन तक उनका इलाज हुआ और लगभग 13.50 लाख रुपये का खर्च आया, जिसे मध्य प्रदेश शासन ने भुगतान कर दिया है.
डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा ने वीडियो जारी कर सभी का किया धन्यवाद
फिर से जताई मरीजों की सेवा की इच्छा
गंभीर स्थिति के बाद मजबूत इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास के कारण डॉ. सत्येंद्र मिश्रा बिना फेफड़ों के ट्रांसप्लांट के ठीक हो गए हैं. उन्होंने अपने सहयोगियों और सागर वासियों को संदेश दिया है कि मैं पूर्णता स्वस्थ हूं. सिर्फ कमजोरी है, तो घर जाकर आराम कर लूंगा और स्वस्थ होकर के पुनः मरीजों की सेवा में लग जाऊंगा.