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कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू ने ईटीवी भारत से खास बातचीत, कांग्रेस की जीत को लेकर कही ये बात

सागर जिले के सुरखी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू से ईटीवी भारत से खात बातचीत करते हुए कहा है कि, अभी कई राउंड बाकी है, और जनता उन्हें निराश नहीं करेगी.

Congress candidate Parul Sahu
कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू
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Published : Nov 10, 2020, 3:28 PM IST

सागर। सुरखी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा है कि अभी शुरूआती रुझान ही आए हैं, जबकि कई राउंड काउंटिंग बाकी है और उन्हें अभी भी अपनी बढ़त की उम्मीद है. कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू ने कहा की अभी थोड़ा इंतजार कीजिए अभी कई राउंड बाकी है. उन्होंने कहा कि 'जीत हार मायने नहीं रखता जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ा था और उन्हें विश्वास है कि जनता उन्हें निराश नहीं करेगी.'

कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू की ईटीवी भारत से बातचीत

2013 के चुनाव में उनकी जीत की चर्चा करते हुए कहा कि '2013 में भी शुरुआती रुझान उनके खिलाफ थे लेकिन आखिरी वक्त में उन्हें बढ़त मिली और उन्होंने जीत दर्ज की थी उन्हें उम्मीद है कि अभी कई राउंड की गणना बाकी है इस बार भी कुछ भी हो सकता है. 2013 में पारुल साहू ने बीजेपी के टिकट पर तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत को 141 वोट से चुनाव हराया था. 2020 के इस उपचुनाव में फिर दोनों प्रत्याशी आमने सामने हैं लेकिन दोनों ही दल बदल कर चुनाव लड़ रहे हैं.

सुरखी विधानसभा सीट का इतिहास

सुरखी विधानसभा की बात करें तो यहां का मिजाज भी अनूठा है, यहां के लोगों की प्राथमिक सूची में लोकल कंडिडेट ही होते हैं. 1993 से पहले सुरखी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन 1993 के बाद यहां की परिस्थितियां बदल गई और बीजेपी से भूपेंद्र सिंह 1993 और फिर 1998 में लगातार दो बार यहां से विधायक चुने गए.

सागर। सुरखी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा है कि अभी शुरूआती रुझान ही आए हैं, जबकि कई राउंड काउंटिंग बाकी है और उन्हें अभी भी अपनी बढ़त की उम्मीद है. कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू ने कहा की अभी थोड़ा इंतजार कीजिए अभी कई राउंड बाकी है. उन्होंने कहा कि 'जीत हार मायने नहीं रखता जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ा था और उन्हें विश्वास है कि जनता उन्हें निराश नहीं करेगी.'

कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू की ईटीवी भारत से बातचीत

2013 के चुनाव में उनकी जीत की चर्चा करते हुए कहा कि '2013 में भी शुरुआती रुझान उनके खिलाफ थे लेकिन आखिरी वक्त में उन्हें बढ़त मिली और उन्होंने जीत दर्ज की थी उन्हें उम्मीद है कि अभी कई राउंड की गणना बाकी है इस बार भी कुछ भी हो सकता है. 2013 में पारुल साहू ने बीजेपी के टिकट पर तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत को 141 वोट से चुनाव हराया था. 2020 के इस उपचुनाव में फिर दोनों प्रत्याशी आमने सामने हैं लेकिन दोनों ही दल बदल कर चुनाव लड़ रहे हैं.

सुरखी विधानसभा सीट का इतिहास

सुरखी विधानसभा की बात करें तो यहां का मिजाज भी अनूठा है, यहां के लोगों की प्राथमिक सूची में लोकल कंडिडेट ही होते हैं. 1993 से पहले सुरखी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन 1993 के बाद यहां की परिस्थितियां बदल गई और बीजेपी से भूपेंद्र सिंह 1993 और फिर 1998 में लगातार दो बार यहां से विधायक चुने गए.

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