सागर। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि सागर संभाग (बुंदेलखंड) का ये पहला रोपवे होगा. इस रोपवे के बन जाने से ये स्थान मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बनेगा. जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. उन्होंने बताया कि ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि यह रोपवे अगले वर्ष तक तैयार हो जाए और दर्शनार्थियों के लिए नई सुविधा प्राप्त हो सके. गोपाल भार्गव ने बताया कि टिकीटोरिया सिद्ध क्षेत्र है और यहां बुजुर्ग एवं असहाय व्यक्ति माता के दर्शन करने के लिए परेशानी का सामना करते हैं. रोपवे बन जाने से उनको सुविधा होगी. हाट बाजार एवं रोपवे बन जाने से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
200 मीटर लंबा होगा रोपवे : टिकीटोरिया में प्रस्तावित रोप-वे के निर्माण के लिए सोमवार को दिल्ली से आये अधिकारियों ने लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के साथ साइट का निरीक्षण किया. गौरतलब है कि टिकीटोरिया बुंदेलखंड का प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र है और यहां नवरात्रि पर मेला आयोजित होता है. जल्द ही देवी मां के दर्शन हेतु टिकीटोरिया में रोपवे सेवा शुरू किए जाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. सागर जिले के रहली नगर में रहली- जबलपुर मार्ग पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र टिकीटोरिया में 200 मीटर लंबा रोपवे का निर्माण किया जाएगा. बुंदेलखंड का पहला रोपवे अत्याधुनिक तकनीक से बनाया जाएगा. सर्वे के लिए दिल्ली से पहुंची टीम को पीडब्ल्यूडी मंत्री भार्गव ने रो वे को जल्द से जल्द पूर्ण करने की बात कही.
रोपवे का निर्माण अगले एक साल में : एनएचएलएमएल (National Highways Logistics Management Limited) दिल्ली के सीईओ प्रकाश गौर ने कहा कि रोपवे का निर्माण अगले एक साल में किया जाएगा. अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए रोपवे का निर्माण होगा.रोपवे वर्नाकुलर तकनीक से अगले 15 साल तक आने वाले श्रृद्धालुओं की संख्या ध्यान रखकर बनाया जाएगा. गोपाल भार्गव ने कहा कि मेरे मन में कुछ समय पहले यह विचार आया था. बजट ना होने के कारण मूर्तरूप नहीं ले पा रहा था, लेकिन भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मन में ये बात आई कि ऐसे स्थान जो पहाड़ पर हैं और निःशक्त और बुजुर्ग लोग नहीं पहुंच पाते हैं तो उनके लिए रोपवे बनाना चाहिए.
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रानगिर में बनेगा केबल ब्रिज : इसके अलावा रेहली में स्थित हरसिद्धि माता के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र रानगिर तीर्थ क्षेत्र में केबल ब्रिज बनाने की तैयारी चल रही है. मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि रानगिर भी हमारा प्रसिद्ध स्थान है. रानगिर से बूढ़ी रानगिर के बारे में कई किवदंतिया भी हैं. वहीं बूढ़ी रानगिर से सीधे बरोदा पहुंचकर मुख्य मार्ग से जुड़ सकते हैं. बड़ौदा से बूढ़ी रानगिर होते हुए रानगिर पहुंचन सिर्फ के 7 किमी की दूरी तय करनी होगी. सागर से जो भी हरसिद्धि माता के दर्शन करने आएगा, उसके लिए काफी दूरी कम हो जाएगी. इसलिए यहां पर हम केबल ब्रिज बना रहे हैं. जिस तरह हमारी सुनार नदी पर बने अटल सेतु को देखने लोग आते हैं, वैसा ही खूबसूरत केबल ब्रिज बनेगा. जिस तरह हरिद्वार में लक्ष्मण झूला है, यहां भी उसी तर्ज पर आधुनिक तकनीक से केबल ब्रिज बनाया जाएगा.