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एक बार फिर गोपाल भार्गव ने खुलकर जाहिर की इच्छा, ETV भारत से बोले- मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करना अपराध नहीं - भार्गव बोले सीएम पद की दावेदारी करना अपराध नहीं

गढ़ाकोटा से बीजेपी प्रत्याशी व वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव कई बार अपने बयानों में सीएम बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए गोपाल भार्गव ने कई सवालों के जवाब दिए.

Gopal Bhargava Talk to ETV Bharat
गोपाल भार्गव ने की ईटीवी भारत से बात
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 15, 2023, 9:52 PM IST

गोपाल भार्गव ने की ईटीवी भारत से बात

सागर। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड की सियासत में अजेय योद्धा के नाम से चर्चित गोपाल भार्गव को लेकर अंदाजा लगाया जा रहा था कि लगातार आठ चुनाव लड़ने और जीतने के बाद गोपाल भार्गव 2023 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, वे अपने बेटे अभिषेक भार्गव को चुनाव मैदान में उतारेंगे, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव का माहौल जोर पकड़ता गया, तो गोपाल भार्गव ने पहले अपने गुरु के आदेश पर फिर चुनाव लड़ने की बात कही. नाम के एलान के बाद उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जबलपुर में मुलाकात के दौरान उन्होंने चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था. जब मैंने चुनाव न लड़ने की बात कही, तो उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए बोला और कहा कि हम आपकी व्यवस्था करेंगे.

ऐसी स्थिति में गोपाल भार्गव नौवी बार रहली विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. अब तक लड़े आठ चुनाव में उन्हें जीत ही हासिल हुई है. 1985 से गोपाल भार्गव लगातार विधायक हैं और 2003 से लगातार मंत्री पद पर हैं. 15 महीने की कमलनाथ सरकार में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए थे. तब भी उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था. चुनाव की बेला में गोपाल भार्गव ने ईटीवी भारत के संवाददाता कपिल तिवारी से खास बात की.

सवाल: लगातार आठ चुनाव लड़ने और जीतने के बाद आप इस बार चुनाव लड़ने के मूड में नहीं थे, लेकिन पीएम मोदी ने ऐसा क्या कह दिया कि नौवी बार चुनाव लड़ने तैयार हो गए?

जवाब: यह हमारे बीच की बात है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. जहां तक मोदी जी के आदेश पर चुनाव लड़ने की बात है तो हाई कमान जब टिकट देता है, तो इसका मतलब होता है कि हाई कमान की इच्छा चुनाव लड़ने की है.

Gopal Bhargava BJP candidate
गोपाल भार्गव बीजेपी प्रत्याशी

सवाल: 40 साल की राजनीति में अपने विकास और सामाजिक न्याय पर फोकस किया है, लेकिन चुनाव में आपको जातिवाद का सामना करना पड़ता है?

जवाब: यह समय और युग का परिवर्तन है. 40 साल पहले अलग किस्म के वोटर थे. अलग किस्म की जनता थी और नेता भी अलग किस्म के थे. हर चीज में परिवर्तन होता है. जो परंपरा है, उसमें भी परिवर्तन होता है. इच्छाओं में भी परिवर्तन होता है. सभी तरह की बातों में परिवर्तन होता है और यह स्वाभाविक है. इतने सालों में चाल चलन, स्वभाव और निष्ठा में भी परिवर्तन हुआ है.

यहां पढ़ें...

सवाल: चुनाव लड़ने के साथ आपको स्टार प्रचारक की भी जिम्मेदारी दी गई है और अपने मध्य प्रदेश के कई इलाकों में चुनाव प्रचार भी किया है. किस तरह का माहौल है?

जवाब: पूरे मध्य प्रदेश में अच्छा परिणाम आने वाला है. पूर्ण बहुमत और अच्छी बहुमत से सरकार बनेगी.

सवाल: कई केंद्रीय नेता चुनाव मैदान में हैं और कई नेताओं को मुख्यमंत्री का दावेदार बताया जा रहा है. जबकि पार्टी ने किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया. आपकी दावेदारी को लेकर क्या कहना है?

जवाब: मुझे भी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है और जो व्यक्ति लगातार राजनीति करता है और राजनीति में रहते हुए मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करना कोई अपराध नहीं है.

गोपाल भार्गव ने की ईटीवी भारत से बात

सागर। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड की सियासत में अजेय योद्धा के नाम से चर्चित गोपाल भार्गव को लेकर अंदाजा लगाया जा रहा था कि लगातार आठ चुनाव लड़ने और जीतने के बाद गोपाल भार्गव 2023 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, वे अपने बेटे अभिषेक भार्गव को चुनाव मैदान में उतारेंगे, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव का माहौल जोर पकड़ता गया, तो गोपाल भार्गव ने पहले अपने गुरु के आदेश पर फिर चुनाव लड़ने की बात कही. नाम के एलान के बाद उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जबलपुर में मुलाकात के दौरान उन्होंने चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था. जब मैंने चुनाव न लड़ने की बात कही, तो उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए बोला और कहा कि हम आपकी व्यवस्था करेंगे.

ऐसी स्थिति में गोपाल भार्गव नौवी बार रहली विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. अब तक लड़े आठ चुनाव में उन्हें जीत ही हासिल हुई है. 1985 से गोपाल भार्गव लगातार विधायक हैं और 2003 से लगातार मंत्री पद पर हैं. 15 महीने की कमलनाथ सरकार में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए थे. तब भी उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था. चुनाव की बेला में गोपाल भार्गव ने ईटीवी भारत के संवाददाता कपिल तिवारी से खास बात की.

सवाल: लगातार आठ चुनाव लड़ने और जीतने के बाद आप इस बार चुनाव लड़ने के मूड में नहीं थे, लेकिन पीएम मोदी ने ऐसा क्या कह दिया कि नौवी बार चुनाव लड़ने तैयार हो गए?

जवाब: यह हमारे बीच की बात है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. जहां तक मोदी जी के आदेश पर चुनाव लड़ने की बात है तो हाई कमान जब टिकट देता है, तो इसका मतलब होता है कि हाई कमान की इच्छा चुनाव लड़ने की है.

Gopal Bhargava BJP candidate
गोपाल भार्गव बीजेपी प्रत्याशी

सवाल: 40 साल की राजनीति में अपने विकास और सामाजिक न्याय पर फोकस किया है, लेकिन चुनाव में आपको जातिवाद का सामना करना पड़ता है?

जवाब: यह समय और युग का परिवर्तन है. 40 साल पहले अलग किस्म के वोटर थे. अलग किस्म की जनता थी और नेता भी अलग किस्म के थे. हर चीज में परिवर्तन होता है. जो परंपरा है, उसमें भी परिवर्तन होता है. इच्छाओं में भी परिवर्तन होता है. सभी तरह की बातों में परिवर्तन होता है और यह स्वाभाविक है. इतने सालों में चाल चलन, स्वभाव और निष्ठा में भी परिवर्तन हुआ है.

यहां पढ़ें...

सवाल: चुनाव लड़ने के साथ आपको स्टार प्रचारक की भी जिम्मेदारी दी गई है और अपने मध्य प्रदेश के कई इलाकों में चुनाव प्रचार भी किया है. किस तरह का माहौल है?

जवाब: पूरे मध्य प्रदेश में अच्छा परिणाम आने वाला है. पूर्ण बहुमत और अच्छी बहुमत से सरकार बनेगी.

सवाल: कई केंद्रीय नेता चुनाव मैदान में हैं और कई नेताओं को मुख्यमंत्री का दावेदार बताया जा रहा है. जबकि पार्टी ने किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया. आपकी दावेदारी को लेकर क्या कहना है?

जवाब: मुझे भी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है और जो व्यक्ति लगातार राजनीति करता है और राजनीति में रहते हुए मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करना कोई अपराध नहीं है.

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