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Arunoday Choubey Join Congress: मंत्री भूपेंद्र सिंह को टक्कर देने दिग्गज कांग्रेसी की घर वापसी, अरुणोदय चौबे ने ज्वाइन की कांग्रेस - भूपेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं अरुणोदय

एमपी विधानसभा चुनाव में नेताओं के पार्टी छोड़ने और ज्वाइन करने का सिलसिला लगातार जारी है. मंगलवार को कांग्रेस के एक बड़े नेता ने घर वापसी की है. खुरई से पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे ने कमलनाथ के बंगले पर जाकर कांग्रेस ज्वाइन की है. जिसके बाद कहा जा रहा है कि पार्टी अरुणोदय चौबे (अन्नु चौबे) को बीजेपी प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह के खिलाफ लड़ा सकती है.

MP Election 2023
कमलनाथ के बंगले पर अरुणोदय चौबे ने कांग्रेस ज्वाइन की
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 10, 2023, 10:03 PM IST

सागर। बुंदेलखंड की सियासत में कांग्रेस ने एक बड़ा दाव खेला है. नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस छोड़कर एक तरह से घर बैठ गए दिग्गज कांग्रेस नेता अरुणोदय चौबे की घर वापसी हुई है. दरअसल पिछले साल में खुरई में विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे और इस घटना के बाद अरुणोदय चौबे सहित कई कांग्रेसी नेताओं पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए थे. अरुणोदय चौबे ने नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. तब उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया था कि पार्टी ने बुरे वक्त में उनके साथ नहीं दिया है, लेकिन अरुणोदय इस्तीफा देने के बाद भी ना तो भाजपा का दामन थामा था और ना किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल होने की कोशिश की. अंदाजा लगाया जा रहा था कि चुनाव के वक्त अरुणोदय चौबे घर वापसी कर सकते हैं, आज ऐसा ही हुआ. भोपाल में कमलनाथ के बंगले पर अरुणोदय चौबे की कांग्रेस में घर वापसी हो गई है.

मंत्री भूपेंद्र सिंह को कठिन चुनौती: आगामी विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश कांग्रेस भले ही उम्मीदवारों की सूची जारी करने में पीछे रह गई हो, लेकिन भाजपा के दिग्गज नेताओं और मंत्रियों को ताने मारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इसी कड़ी में सागर की खुरई विधानसभा से कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुणोदय चौबे की घर वापसी हो गई है. गौरतलब है कि नगरीय निकाय चुनाव के पहले अरुणोदय चौबे ने चौबे ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और एक तरह से घर बैठ गए थे, लेकिन इस बीच उन्होंने न बीजेपी का दामन था और ना किसी दूसरे दल का दामन थामा. कयास लगाए जा रहे थे की चुनावी बेला में अरुणोदय चौबे भाजपा में शामिल हो सकते हैं. सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म भी था.

  • प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी के नेतृत्व से प्रभावित होकर पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे जी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

    “जय कांग्रेस - विजय कांग्रेस” pic.twitter.com/33wt4BvB0z

    — MP Congress (@INCMP) October 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आज मंगलवार को भोपाल से जारी हुई कुछ तस्वीरों ने खुरई विधानसभा की जंग का ऐलान कर दिया है. अरुणोदय चौबे ने कमलनाथ के भोपाल के बंगले पर घर वापसी कर ली है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के सागर जिले के प्रभारी व अन्य नेताओं की मौजूदगी में अरुणोदय चौबे ने फिर से कांग्रेस की सदस्यता ले ली है. तय हो गया है कि खुरई विधानसभा में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के सामने अरुणोदय चौबे कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे. खास बात है कि दोनों दिग्गज के बीच यह चौथा मुकाबला होगा. 2008 में अरुणोदय चौबे भूपेंद्र सिंह को चुनाव में हराया था. इसके बाद 2013 और 2018 दोनों चुनाव में भूपेंद्र सिंह अरुणोदय चौबे को हराने में कामयाब रहे है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने हारी हुई सीटों की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह को सौंपी थी. पिछले चार महीने से दिग्विजय सिंह लगातार खुरई विधानसभा का दौरा कर जहां भूपेंद्र सिंह के खिलाफ आवाज को बुलंद कर रहे थे. वहीं कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना रहे थे. सियासी गलियारों में चर्चा है कि भूपेंद्र सिंह को अपने ही घर में घेरने के लिए कांग्रेस ने बड़ा दांव चला है और अब भूपेंद्र सिंह के लिए यह चुनाव जीतना आसान नहीं होगा.

यहां पढ़ें...

मंत्री भूपेंद्र सिंह अपने गढ़ में घिरे: मंत्री भूपेंद्र सिंह को खेलने के लिए कांग्रेस ने एक अलग रणनीति तैयार करी है. एक तरफ खुरई विधानसभा में प्रभाव रखने वाले अन्य दलों के नेता और कांग्रेसी नेताओं को खुरई की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं दूसरी तरफ आचार संहिता के लगते ही अरुणोदय चौबे की घर वापसी से साफ हो गया है कि खुरई में फिर मुकाबला भूपेंद्र सिंह और अरुणोदय के बीच होगा. यह मुकाबला सिर्फ बुंदेलखंड ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में सुर्खियां बटोरेगा.

सागर। बुंदेलखंड की सियासत में कांग्रेस ने एक बड़ा दाव खेला है. नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस छोड़कर एक तरह से घर बैठ गए दिग्गज कांग्रेस नेता अरुणोदय चौबे की घर वापसी हुई है. दरअसल पिछले साल में खुरई में विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे और इस घटना के बाद अरुणोदय चौबे सहित कई कांग्रेसी नेताओं पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए थे. अरुणोदय चौबे ने नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. तब उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया था कि पार्टी ने बुरे वक्त में उनके साथ नहीं दिया है, लेकिन अरुणोदय इस्तीफा देने के बाद भी ना तो भाजपा का दामन थामा था और ना किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल होने की कोशिश की. अंदाजा लगाया जा रहा था कि चुनाव के वक्त अरुणोदय चौबे घर वापसी कर सकते हैं, आज ऐसा ही हुआ. भोपाल में कमलनाथ के बंगले पर अरुणोदय चौबे की कांग्रेस में घर वापसी हो गई है.

मंत्री भूपेंद्र सिंह को कठिन चुनौती: आगामी विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश कांग्रेस भले ही उम्मीदवारों की सूची जारी करने में पीछे रह गई हो, लेकिन भाजपा के दिग्गज नेताओं और मंत्रियों को ताने मारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इसी कड़ी में सागर की खुरई विधानसभा से कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुणोदय चौबे की घर वापसी हो गई है. गौरतलब है कि नगरीय निकाय चुनाव के पहले अरुणोदय चौबे ने चौबे ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और एक तरह से घर बैठ गए थे, लेकिन इस बीच उन्होंने न बीजेपी का दामन था और ना किसी दूसरे दल का दामन थामा. कयास लगाए जा रहे थे की चुनावी बेला में अरुणोदय चौबे भाजपा में शामिल हो सकते हैं. सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म भी था.

  • प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी के नेतृत्व से प्रभावित होकर पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे जी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

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आज मंगलवार को भोपाल से जारी हुई कुछ तस्वीरों ने खुरई विधानसभा की जंग का ऐलान कर दिया है. अरुणोदय चौबे ने कमलनाथ के भोपाल के बंगले पर घर वापसी कर ली है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के सागर जिले के प्रभारी व अन्य नेताओं की मौजूदगी में अरुणोदय चौबे ने फिर से कांग्रेस की सदस्यता ले ली है. तय हो गया है कि खुरई विधानसभा में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के सामने अरुणोदय चौबे कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे. खास बात है कि दोनों दिग्गज के बीच यह चौथा मुकाबला होगा. 2008 में अरुणोदय चौबे भूपेंद्र सिंह को चुनाव में हराया था. इसके बाद 2013 और 2018 दोनों चुनाव में भूपेंद्र सिंह अरुणोदय चौबे को हराने में कामयाब रहे है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने हारी हुई सीटों की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह को सौंपी थी. पिछले चार महीने से दिग्विजय सिंह लगातार खुरई विधानसभा का दौरा कर जहां भूपेंद्र सिंह के खिलाफ आवाज को बुलंद कर रहे थे. वहीं कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना रहे थे. सियासी गलियारों में चर्चा है कि भूपेंद्र सिंह को अपने ही घर में घेरने के लिए कांग्रेस ने बड़ा दांव चला है और अब भूपेंद्र सिंह के लिए यह चुनाव जीतना आसान नहीं होगा.

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मंत्री भूपेंद्र सिंह अपने गढ़ में घिरे: मंत्री भूपेंद्र सिंह को खेलने के लिए कांग्रेस ने एक अलग रणनीति तैयार करी है. एक तरफ खुरई विधानसभा में प्रभाव रखने वाले अन्य दलों के नेता और कांग्रेसी नेताओं को खुरई की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं दूसरी तरफ आचार संहिता के लगते ही अरुणोदय चौबे की घर वापसी से साफ हो गया है कि खुरई में फिर मुकाबला भूपेंद्र सिंह और अरुणोदय के बीच होगा. यह मुकाबला सिर्फ बुंदेलखंड ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में सुर्खियां बटोरेगा.

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