सागर। सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह की तैयारियां पूरी हो गई हैं. कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 2 साल से दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं किया जा सका. इसलिए विश्वविद्यालय ने इस दीक्षांत समारोह में दोनों वर्षों के उत्तीर्ण विद्यार्थियों को सम्मिलित करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि दीक्षांत एक ऐसा अवसर होता है, जहां विद्यार्थी केवल डिग्री ही नहीं प्राप्त करता, बल्कि वह उन संस्कारों के साथ आगे जाता है, जो उसने इस अकादमिक परिसर में रहते हुए सीखा है.
ये सबसे खास अनुभव : कुलपित ने बताया कि यहां व्यक्तित्व निर्माण से जुड़ी हर चीज उसकी स्मृति का हिस्सा होती है. विश्वविद्यालय में रहते, पढ़ते और सीखते हुए अपने अनुभवों को समेटना एक विद्यार्थी के लिए सबसे खासअनुभवों में से है. इसलिए दीक्षांत जैसे आयोजन का एक विद्यार्थी के जीवन में काफी महत्व होता है. बता दें कि दीक्षांत समारोह के पहले विश्वविद्यालय के नवनिर्मित सरस्वती कन्या छात्रावास का उद्घाटन होगा.
उदयपुर से कांग्रेस का होगा 'उदय', अरुण यादव के सियासी कद बढ़ने के मिलने लगे संकेत
विद्यार्थियों ने कराया पंजीकरण : दीक्षांत समारोह आयोजन के मुख्य समन्वयक प्रोफ़ेसर नवीन कांगो ने बताया कि स्नातक के 620 और स्नातकोत्तर के 440 और पीएचडी के 80 विद्यार्थियों सहित कुल 1140 विद्यार्थियों ने समारोह में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराया है. इसमें से अभी तक लगभग 1000 विद्यार्थियों ने समारोह में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दे दी है. इसके अलावा 263 विद्यार्थियों को उनकी अनुपस्थिति में डिग्री प्रदान की जाएगी. (After two years convocation ceremony)
(Convocation ceremony at Sagar today)