सागर। बीना के मुड़िया नायक गांव में बना शासकीय प्राथमिक स्कूल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. जहां नौनिहाल बच्चे एक बेहतर माहौल में शिक्षा पाते हैं. स्कूल के शिक्षकों का मानना है कि स्कूल में बच्चे तभी पढ़ सकते हैं जब उन्हें हम बेहतर से बेहतर वातावरण दे सकें.
आमतौर पर सरकारी शिक्षकों के बारे में लोगों की धारणा होती है कि सरकारी स्कूलों में न पढ़ाई होती है और न ही पढ़ाने का माहौल. लेकिन सागर के बीना में एक ऐसा सरकारी प्राथमिक स्कूल है जिसे देखकर तमाम धारणाएं अपने आप ही बदलने लगती हैं.
इस सरकारी स्कूल को किसी प्राइवेट स्कूल की तरह सर्व सुविधा युक्त बनाने में यहां पदस्थ शिक्षक और शिक्षिका की भूमिका महत्वपूर्ण है. स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक बाल मुकुंद शिल्पकार ने 55 हजार की टाइल्स स्कूल की कक्षाओं में लगवाई हैं. इतना ही नहीं स्कूल की शिक्षिका काशिव ने स्कूली बच्चों के लिए बेंच और टेबल की व्यवस्थाएं कराई है. जिससे बच्चों की बैठने की सुविधा हो सके. शत-प्रतिशत रिजल्ट देने वाला यह स्कूल और बच्चे सभी प्रकार के सामान्य ज्ञान की अच्छी खासी जानकारी भी रखते हैं.
प्राथमिक स्कूल मुड़िया नायक में कक्षाओं में चारों ओर विभिन्न प्रकार के सजावटी बोर्डों के माध्यम से अल्फाबेट्स और नंबर्स लिखे गये हैं. इसके साथ कई प्रकार की चित्रकारी के माध्यम से कक्षाओं को सजाने का प्रबंध भी इन शिक्षकों ने अपने वेतन से किया है.
शिक्षक शिल्पकार का कहना है कि उनके वेतन से उनका पर्याप्त गुजारा चलता है और वे ज्ञान के मंदिर के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं जो कुछ भी थोड़ा बहुत उन्होंने किया है उससे उन्हें आत्म संतुष्टि मिलती है.