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एक ऐसा सरकारी स्कूल जहां बच्चों को मिलती है प्राइवेट स्कूल जैसी सुविधाएं

सागर जिले के मुड़िया नायक गांव में एक सरकारी स्कूल सर्वसुविधा युक्त है जहां पर बच्चों को पढ़ने के लिए बेहतर माहौल मिलता है.

Where children are provided school environment
जहां बच्चों को मुहैया कराया जाता है स्कूली माहौल
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Published : Dec 27, 2019, 8:43 AM IST

सागर। बीना के मुड़िया नायक गांव में बना शासकीय प्राथमिक स्कूल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. जहां नौनिहाल बच्चे एक बेहतर माहौल में शिक्षा पाते हैं. स्कूल के शिक्षकों का मानना है कि स्कूल में बच्चे तभी पढ़ सकते हैं जब उन्हें हम बेहतर से बेहतर वातावरण दे सकें.

जहां बच्चों को मुहैया कराया जाता है स्कूली माहौल

आमतौर पर सरकारी शिक्षकों के बारे में लोगों की धारणा होती है कि सरकारी स्कूलों में न पढ़ाई होती है और न ही पढ़ाने का माहौल. लेकिन सागर के बीना में एक ऐसा सरकारी प्राथमिक स्कूल है जिसे देखकर तमाम धारणाएं अपने आप ही बदलने लगती हैं.

इस सरकारी स्कूल को किसी प्राइवेट स्कूल की तरह सर्व सुविधा युक्त बनाने में यहां पदस्थ शिक्षक और शिक्षिका की भूमिका महत्वपूर्ण है. स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक बाल मुकुंद शिल्पकार ने 55 हजार की टाइल्स स्कूल की कक्षाओं में लगवाई हैं. इतना ही नहीं स्कूल की शिक्षिका काशिव ने स्कूली बच्चों के लिए बेंच और टेबल की व्यवस्थाएं कराई है. जिससे बच्चों की बैठने की सुविधा हो सके. शत-प्रतिशत रिजल्ट देने वाला यह स्कूल और बच्चे सभी प्रकार के सामान्य ज्ञान की अच्छी खासी जानकारी भी रखते हैं.

प्राथमिक स्कूल मुड़िया नायक में कक्षाओं में चारों ओर विभिन्न प्रकार के सजावटी बोर्डों के माध्यम से अल्फाबेट्स और नंबर्स लिखे गये हैं. इसके साथ कई प्रकार की चित्रकारी के माध्यम से कक्षाओं को सजाने का प्रबंध भी इन शिक्षकों ने अपने वेतन से किया है.

शिक्षक शिल्पकार का कहना है कि उनके वेतन से उनका पर्याप्त गुजारा चलता है और वे ज्ञान के मंदिर के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं जो कुछ भी थोड़ा बहुत उन्होंने किया है उससे उन्हें आत्म संतुष्टि मिलती है.

सागर। बीना के मुड़िया नायक गांव में बना शासकीय प्राथमिक स्कूल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. जहां नौनिहाल बच्चे एक बेहतर माहौल में शिक्षा पाते हैं. स्कूल के शिक्षकों का मानना है कि स्कूल में बच्चे तभी पढ़ सकते हैं जब उन्हें हम बेहतर से बेहतर वातावरण दे सकें.

जहां बच्चों को मुहैया कराया जाता है स्कूली माहौल

आमतौर पर सरकारी शिक्षकों के बारे में लोगों की धारणा होती है कि सरकारी स्कूलों में न पढ़ाई होती है और न ही पढ़ाने का माहौल. लेकिन सागर के बीना में एक ऐसा सरकारी प्राथमिक स्कूल है जिसे देखकर तमाम धारणाएं अपने आप ही बदलने लगती हैं.

इस सरकारी स्कूल को किसी प्राइवेट स्कूल की तरह सर्व सुविधा युक्त बनाने में यहां पदस्थ शिक्षक और शिक्षिका की भूमिका महत्वपूर्ण है. स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक बाल मुकुंद शिल्पकार ने 55 हजार की टाइल्स स्कूल की कक्षाओं में लगवाई हैं. इतना ही नहीं स्कूल की शिक्षिका काशिव ने स्कूली बच्चों के लिए बेंच और टेबल की व्यवस्थाएं कराई है. जिससे बच्चों की बैठने की सुविधा हो सके. शत-प्रतिशत रिजल्ट देने वाला यह स्कूल और बच्चे सभी प्रकार के सामान्य ज्ञान की अच्छी खासी जानकारी भी रखते हैं.

प्राथमिक स्कूल मुड़िया नायक में कक्षाओं में चारों ओर विभिन्न प्रकार के सजावटी बोर्डों के माध्यम से अल्फाबेट्स और नंबर्स लिखे गये हैं. इसके साथ कई प्रकार की चित्रकारी के माध्यम से कक्षाओं को सजाने का प्रबंध भी इन शिक्षकों ने अपने वेतन से किया है.

शिक्षक शिल्पकार का कहना है कि उनके वेतन से उनका पर्याप्त गुजारा चलता है और वे ज्ञान के मंदिर के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं जो कुछ भी थोड़ा बहुत उन्होंने किया है उससे उन्हें आत्म संतुष्टि मिलती है.

Intro:सरकारी स्कूल के शिल्पकार
सागर जिले के बीना का ग्राम मुड़िया नायक का शासकीय प्राथमिक स्कूल जहां नौनिहाल पाते हैं शिक्षा जहां शिक्षक देते हैं ज्ञान
ऐसे शिक्षा और ज्ञान के बे मंदिर जहां बच्चों को एक अच्छा माहौल मिलने की आवश्यकता होती है
सरकारी स्कूलों की हालत और हालात से सभी वाकिफ हैं कुछ सरकारी स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षक बन जाते हैं नौनिहाल बच्चों के शिल्पकार ऐसे शिक्षक जो अपने ही वेतन में से ना सिर्फ बच्चों के लिए सरकारी स्कूल में बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं ।Body:आमतौर पर सरकारी शिक्षकों के बारे में लोगों की धारणा होती है कि यह शिक्षक केवल मुफ्त कि तनख्वाह लेते हैं इसी तरह सरकारी स्कूलों के बारे में भी लोगों की तरह तरह की गलत धारणाएं देखने को मिलती हैं किंतु बीना में ग्राम मुड़िया नायक में सरकारी प्राथमिक स्कूल को देखकर यह तमाम धारणाएं अपने आप ही बदलने लगती हैं
दरअसल में इस सरकारी स्कूल को किसी प्राइवेट स्कूल की तरह सर्व सुविधा युक्त बनाने में यहां पदस्थ शिक्षक और शिक्षिका की भूमिका महत्वपूर्ण है इस स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक बालमुकुंद शिल्पकार ने लगभग ₹55000 के टाइल्स स्कूल की कक्षाओं में लगवाए हैं जिससे स्कूल सुंदर दिख सके इतना ही नहीं यहां की शिक्षिका श्रीमती काशिव द्वारा भी स्कूली बच्चों के लिए बेंच और टेबल की व्यवस्थाएं कराई गई हैं जहां बैठकर यह बच्चे ज्ञान का भंडार प्राप्त करते हैं शत-प्रतिशत रिजल्ट देने वाला यह स्कूल और यहां के बच्चे सभी प्रकार के सामान्य ज्ञान की अच्छी खासी जानकारी भी रखते हैं।Conclusion:प्राथमिक स्कूल मुड़िया नायक में कक्षाओं में चारों ओर विभिन्न प्रकार के सजावटी बोर्डों के माध्यम से अल्फाबेट्स और नंबर्स लिखे गये हैं इसके साथ कई प्रकार की चित्रकारी के माध्यम से कक्षाओं को सजाने का प्रबंध भी इन शिक्षकों ने अपने वेतन से किया है इस बारे में शिक्षक शिल्पकार बताते हैं कि उनके वेतन से उनका पर्याप्त गुजारा चलता है और वे ज्ञान के मंदिर के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं जो कुछ भी थोड़ा बहुत उन्होंने किया है उससे उन्हें काफी कुछ आत्मिक संतुष्टि मिली है।
बाईट- बालमुकुंद शिल्पकार सहायक शिक्षक
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