सागर। बीएमसी के एमबीबीएस 2016 बैच के 83 छात्रों की फाइनल ईयर की परीक्षा पूर्ण हो चुकी है, लेकिन परीक्षा परिणाम आना अभी बाकी है. कोरोना महामारी के चलते चिकित्सकों की कमी को देखते हुए इनकी पदस्थापना कोविड वार्डों में की जा रही है. हालांकि ये डॉक्टर फिलहाल मरीजों की फाइल तैयार करने का काम करेंगे. ताकि काम की अधिकता से जूझ रहे चिकित्सकों को राहत मिले एवं वह अपना ध्यान कोरोना मरीजों के इलाज पर केंद्रित कर सकें. इसी सिलसिले में आज सभी नव चिकित्सकों का शपथ ग्रहण का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सागर विधायक शैलेन्द्र जैन और कमिश्नर मुकेश शुक्ला शामिल हुए.
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने दिलाई नव चिकित्सकों को शपथ
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में अध्ययनरत 83 स्टूडेंट एमबीबीएस की डिग्री पूर्ण होने पर इंटर्नशिप के तहत आज से अपनी सेवाएं बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में देना शुरू कर दिये हैं. इन युवा डॉक्टरों के आ जाने से अब बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओ में सुधार होगा. शनिवार को बीएमसी परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सभी 83 डॉक्टरों को शपथ दिलाई गई.
अचानक बीएमसी पहुंचे मंत्री गोपाल भार्गव, मरीजों की सुनीं समस्याएं
कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने इन 83 डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण अदृश्य युद्ध है, इसे अपने प्रयासों से हर हाल में जीतना होगा. उन्होंने कहा कि भगवान का दूसरा रूप डॉक्टर होते हैं, इस कहावत को अपने प्रयासों से मूर्त रूप दे एवं अपनी सेवाओं के माध्यम से सागर जिले को कोरोना मुक्त करें. उन्होंने सभी डॉक्टरों से कहा कि आप की सुरक्षा की भी संपूर्ण जनता मध्यप्रदेश शासन करेगी. आपको सिर्फ पूरी ईमानदारी के साथ इलाज करना है और कोरोना को हराना है.
नव चिकित्सकों ने मंत्री के सामने रखी मांगे
शपथ ग्रहण के बाद बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के नव चिकित्सकों ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के सामने कुछ मांगे रखी हैं. सभी नव चिकित्सकों का कहना है कि कोविड-19 वार्ड में उनके द्वारा दी जा रही सेवाओं को इंटर्नशिप में शामिल किया जाए. उन्होंने सभी डॉक्टरों का वैक्सीनेशन किए जाने और स्टाइपेंड कम से कम 25,000 किए जाने की मांग रखी है.