सागर। जिले के दक्षिण वन मंडल के बरोदा सर्कल के काली पठार इलाके में राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार का मामला सामने आया है, इलाके में 6 मोर मृत अवस्था में मिली है. इस मामले में वन विभाग ने एक महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है और अन्य आरोपी भागने में सफल रहे हैं. फिलहाल वन विभाग अन्य आरोपियों की तलाश में पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर छापामार कार्यवाही कर रही है.
क्या है मामला: जिले के रहली में दक्षिण वन मंडल की ढाना रेंज की जामघाट बीट के काली पठार इलाके में शिकारियों के ने 6 मोरों का शिकार किया है. मोरों के शिकार की जानकारी ग्रमीणों के द्वारा वन अधिकारियों को दी गई थी, स्थानीय लोगों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी थी. सूचना पर वन विभाग का अमला काली पठार पहुंचा, जहां मोर है मृत अवस्था में पड़ी हुई थी, वहां मौजूद कुछ लोग वन विभाग के अमले को देखकर भागने लगे. वन विभाग के अमले ने तत्परता दिखाते हुए पदम सिंह और जोहरीबाई को गिरफ्तार किया है, जो कटनी जिला के रहने वाले हैं. आरोपियों के पास से 10 किलो मांस भी बरामद किया गया है, फिलहाल विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि मोर को किस तरह से मारा गया और कटनी के रहने वाले आरोपी सागर में मोरों का शिकार करने क्यों और कैसे आए थे. वन विभाग की धरपकड़ में अन्य आरोपी भागने में सफल रहे हैं, पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जो तलाश में जुटी हुई है.
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मोरों को जहर देकर मारने की आशंका: ढाना रेंज, रेंजर प्रतीक श्रीवास्तव का कहना है कि "वन विभाग द्वारा मृत मोरों का पोस्टमार्टम कराया गया है. वन विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मोरों को किस तरीके से मारा गया है, संभावना व्यक्त की जा रही है कि मोरों को जहर देकर मारा गया है. पकड़े गए दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है, फिलहाल वन विभाग पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है, जिससे स्पष्ट होगा कि मोरों की मौत कैसे हुई है. इलाका मोरों की शिकार के लिए बदनाम है, इस इलाके में पिछले साल मोर मृत अवस्था में पाए गए थे. हालांकि उनका शिकार किया गया था या फिर स्वाभाविक मौत थी, इसका पता वन विभाग अभी तक नहीं लगा पाया है."