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महिला अपराध के मामले में पड़ोसी जिलों से अव्वल है रीवा, पुलिस की छवि पर लग रहा है 'दाग'

महिला अपराधों से जुड़ी पेंडेंसी प्रदेश में रीवा की छवि धूमिल कर रही है. लंबे समय से महिलाओं से जुड़े अपराधों के मामले में यह रुके हुए प्रकरण अपने आप में प्रशासन के खिलाफ बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं.

पुलिस प्रशासन
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Published : Jul 8, 2019, 11:09 PM IST

रीवा। महिला अपराधों से जुड़ी पेंडेंसी प्रदेश में रीवा की छवि धूमिल कर रही है. लंबे समय से महिलाओं से जुड़े अपराधों के मामले में पेंडिंग केस पुलिस प्रशासन की छवि खराब कर रहे हैं. आरोप पत्र न्यायालय तक न पहुंचने से पीड़ित महिलाओं को भी न्याय नहीं मिल सका है. महिला अपराध के बढ़ते ग्राफ पर एसपी आबिद खान का कहना है कि पिछले 3 सालों से महिला अपराध में बढ़ोतरी हुई है.

महिलाओं से जुड़े अपराध केस पेंडेंसी में रीवा जिला अपने पड़ोसी जिलों से काफी आगे है. पिछले कई सालों से रीवा अपराध का गढ़ माना जाता रहा है. रीवा में महिला अपराध से जुड़े के की फाइलें भी मोटी होती जा रही हैं. पुलिस की तरफ से कोई बड़ी कार्रवाई होती नहीं दिख रही है. एसपी आबिद का कहना है कि पिछले 3 सालों से महिला अपराध से जुड़े हुए प्रकरण में बढ़ोतरी हुई है.

रीवा में बढ़ रहा क्राइम का ग्राफ

साल 2017 में महिला अपराध पर 752 तो वहीं 2018 में कुल 680 मामले महिला अपराध के थे. 2019 में महज 6 महीनों में ये आंकड़े 200 के पार हो चुके हैं. महिला अपराध में अब तक आधे मामले भी पुलिस निपटाने में सफल नहीं हो पाई है, जबकि प्रशासन अपराध को रोकने के लिए खास रणनीति अपनाने की बात बात कह रहा है. एसपी ने कहा कि अपराधों को रोकने के लिए सबसे पहले महिलाओं का जागरूक होना जरूरी है. बढ़ते ग्राफ को देखने के बाद पुलिस स्कूल-कोचिंग सेंटर में जाकर जागरुकता अभियान चला रही है.

रीवा। महिला अपराधों से जुड़ी पेंडेंसी प्रदेश में रीवा की छवि धूमिल कर रही है. लंबे समय से महिलाओं से जुड़े अपराधों के मामले में पेंडिंग केस पुलिस प्रशासन की छवि खराब कर रहे हैं. आरोप पत्र न्यायालय तक न पहुंचने से पीड़ित महिलाओं को भी न्याय नहीं मिल सका है. महिला अपराध के बढ़ते ग्राफ पर एसपी आबिद खान का कहना है कि पिछले 3 सालों से महिला अपराध में बढ़ोतरी हुई है.

महिलाओं से जुड़े अपराध केस पेंडेंसी में रीवा जिला अपने पड़ोसी जिलों से काफी आगे है. पिछले कई सालों से रीवा अपराध का गढ़ माना जाता रहा है. रीवा में महिला अपराध से जुड़े के की फाइलें भी मोटी होती जा रही हैं. पुलिस की तरफ से कोई बड़ी कार्रवाई होती नहीं दिख रही है. एसपी आबिद का कहना है कि पिछले 3 सालों से महिला अपराध से जुड़े हुए प्रकरण में बढ़ोतरी हुई है.

रीवा में बढ़ रहा क्राइम का ग्राफ

साल 2017 में महिला अपराध पर 752 तो वहीं 2018 में कुल 680 मामले महिला अपराध के थे. 2019 में महज 6 महीनों में ये आंकड़े 200 के पार हो चुके हैं. महिला अपराध में अब तक आधे मामले भी पुलिस निपटाने में सफल नहीं हो पाई है, जबकि प्रशासन अपराध को रोकने के लिए खास रणनीति अपनाने की बात बात कह रहा है. एसपी ने कहा कि अपराधों को रोकने के लिए सबसे पहले महिलाओं का जागरूक होना जरूरी है. बढ़ते ग्राफ को देखने के बाद पुलिस स्कूल-कोचिंग सेंटर में जाकर जागरुकता अभियान चला रही है.

Intro:महिला अपराधों से जुड़ी पेंडेंसी प्रदेश में रीवा की छवि धूमिल कर रही है लंबे समय से महिलाओं से जुड़े अपराधों के मामले में यह रुके हुए प्रकरण अपने आप में प्रशासन के खिलाफ बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं। आरोप पत्र न्यायालय तक न पहुंचने से पीड़ित महिलाओं को भी न्याय नहीं मिल सका है तारीख पर तारीख दी जा रही है। उधर जिले की महिलाएं अभी भी अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही और खुद के लिए न्याय का इंतजार कर रही हैं। मामले में पुलिस की संवेदना भी सामने आ रही है महिलाओं से जुड़े अपराधों केस पेंडेंसी में रीवा जिला अपने पड़ोसी जिलों से काफी आगे है।


Body:पिछले कई सालों से रीवा अपराध का गढ़ माना जाता रहा है दिनों दिन नशे की बढ़ रही खेप से इन अपराध की गतियां भी बढ़ती जा रही है। वही रीवा जिले में महिला अपराध से जुड़े प्रकरण की फाइलें भी मोटी होती जा रही है उन फाइलों में दवे कागजात बाहर निकल कर न्याय की गुहार भी लगा रहे हैं लेकिन अब तक पुलिस हाथ में हाथ धरे बैठी नजर आ रही है।

जमीन महिला अपराध के बढ़ते ग्राफ को लेकर पुलिस अधीक्षक आबिद खान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले 3 वर्षों से महिला अपराध से जुड़े हुए प्रकरण में बढ़ोतरी हुई है जहां वर्ष 2017 में महिला अपराध पर 752 तो वही 2018 में जहां कुल 680 मामले महिला अपराध से जुड़े हुए थे तो 2019 के कुछ माह गुजर जाने के बाद यह आंकड़े मात्र 6 महीनों में 200 पार कर चुके हैं। वहीं महिला अपराध में अब तक आधे मामले भी पुलिस निपटाने में सफल नहीं हो पाई।

वही मीडिया से आधी अधूरी बात करते हुए रीवा के पुलिस अधीक्षक ने महिला अपराध को रोकने की कुछ अलग ही व्यवस्था बना रखी है उन्होंने कहा कि इन अपराधों को रोकने के लिए सबसे पहले महिलाओं का जागरूक होना सबसे आवश्यक है श्रीमान पुलिस अधीक्षक इन दिनों स्कूल कॉलेजों और कोचिंग सेंटर में जाकर लगातार बीच-बीच में जागरूकता अभियान कर लोगों को अवेयर करने की तैयारी में जुटे हुए।।




Conclusion:लेकिन रीवा में अपराधों का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है दिनोंदिन हत्या लूट जैसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं पुलिस कहीं ना कहीं अपराधियों के आगे घुटने टेक की नजर आ रही है और रीवा पुलिस अपनी अपनी इन कमजोरियों को छुपाने के लिए केवल बड़ी बड़ी बातें ही कर रही है।

byte- आबिद खान एसपी रीवा..
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