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स्कूल के जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर छात्र, प्रशासनिक अमला नहीं दे रहा ध्यान

रीवा के लक्ष्मणपुर शासकीय स्कूल में छात्र जर्जर भवन के साथ ही कई समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अमला इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा. वहीं जिम्मेदार भी यहां अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.

Shabby building of the school
स्कूल का जर्जर भवन
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Published : Feb 5, 2020, 10:48 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 11:10 PM IST

रीवा। शहर से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थिति लक्ष्मणपुर शासकीय स्कूल के हालात इन दिनों बद से बदतर देखे जा रहे हैं. यहां के छात्र जर्जर भवन के साथ ही कई समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अमला सर्व शिक्षा अभियान की गुणवत्ता ठीक होने की बात करने में लगा हुआ है.

जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर छात्र


एक ओर जहां शासन प्रशासन स्तर पर स्कूल चले अभियान की तेजी को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं इस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी बनी हुई है. मूलभूत सुविधाओं के मोहताज इस विद्यालय के छात्रों का कहना है कि विद्यालय में किसी भी प्रकार की सुविधाएं उन्हे नहीं मिल पा रही हैं. जिससे उन्हें पढ़ने में कठिनाई होती है.

School children
स्कूल में पढ़ते बच्चे


छात्र बताते हैं कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय होने के बावजूद उन्हें खुद बैठने की व्यवस्था करनी पड़ती है. जबकि नियम के तहत स्कूल में कुर्सी और टेबल की व्यवस्था होना अनिवार्य है, लेकिन यहां पर इसकी कमी ही देखी गई है. इसके साथ ही विद्यालय के अंदर शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है.


शिक्षकों की कमी को लेकर जब विद्यालय के प्राचार्य से बात की गई तो उन्होंने यह कह कर अपना पल्ला झाड़ दिया कि आखिर प्रदेश के अंदर किस विद्यालय में शिक्षक की कमी नहीं है.

रीवा। शहर से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थिति लक्ष्मणपुर शासकीय स्कूल के हालात इन दिनों बद से बदतर देखे जा रहे हैं. यहां के छात्र जर्जर भवन के साथ ही कई समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अमला सर्व शिक्षा अभियान की गुणवत्ता ठीक होने की बात करने में लगा हुआ है.

जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर छात्र


एक ओर जहां शासन प्रशासन स्तर पर स्कूल चले अभियान की तेजी को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं इस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी बनी हुई है. मूलभूत सुविधाओं के मोहताज इस विद्यालय के छात्रों का कहना है कि विद्यालय में किसी भी प्रकार की सुविधाएं उन्हे नहीं मिल पा रही हैं. जिससे उन्हें पढ़ने में कठिनाई होती है.

School children
स्कूल में पढ़ते बच्चे


छात्र बताते हैं कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय होने के बावजूद उन्हें खुद बैठने की व्यवस्था करनी पड़ती है. जबकि नियम के तहत स्कूल में कुर्सी और टेबल की व्यवस्था होना अनिवार्य है, लेकिन यहां पर इसकी कमी ही देखी गई है. इसके साथ ही विद्यालय के अंदर शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है.


शिक्षकों की कमी को लेकर जब विद्यालय के प्राचार्य से बात की गई तो उन्होंने यह कह कर अपना पल्ला झाड़ दिया कि आखिर प्रदेश के अंदर किस विद्यालय में शिक्षक की कमी नहीं है.

Intro:रीवा जिले का शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लक्ष्मणपुर जो कि प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है जहां छात्रों की मूलभूत समस्याएं भी नहीं हो पा रही है पूरी, सर्व शिक्षा अभियान की पोल खोल कर रख देगी यह तस्वीरें, जर्जर भवन में जमीन में पढ़ने को मजबूर हैं छात्र-छात्राएं।Body:जहां एक ओर कमलनाथ सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की बड़े बड़े वादे और दावे कर रही है वहीं दूसरी ओर रीवा शहर से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थिति लक्ष्मणपुर शासकीय स्कूल के हालात इन दिनों बद से बदतर देखे जा रहे हैं यहां के छात्र जर्जर भवन के साथ ही कई समस्याओं से जूझते दिखाई देते हैं मगर प्रशासनिक अमला सर्व शिक्षा अभियान की गुणवत्ता ठीक होने की बात करने में लगा हुआ है. एक ओर जहां शासन प्रशासन स्तर पर स्कूल चले अभियान की तेजी को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं इस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी बनी हुई है.

मूलभूत सुविधाओं के मोहताज इस विद्यालय के छात्रों का कहना है कि विद्यालय में किसी भी प्रकार की सुविधाऐं उन्हे नहीं मिल पा रही है जिससे उन्हे पढ़ने में कठिनाई होती है. छात्र बताते हैं कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय होने के बावजूद उन्हे खुद बैठने की व्यवस्था करनी पड़ती है जबकि नियम के तहत स्कूल में कुर्सी तथा टेबल की व्यवस्था होना अनिवार्य है परंतु यहां पर इसकी कमी ही देखी गई है.Conclusion:इसके साथ ही विद्यालय के अंदर शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. शिक्षकों की कमी को लेकर जब विद्यालय के प्राचार्य से बात की गई तो उन्होने यह कह कर अपना पल्ला झाड़ दिया कि आखिर प्रदेश के अंदर किस विद्यालय में शिक्षक की कमी नहीं है....


बाईट- छात्रा।
बाईट- छात्र।
बाईट- छात्र।
बाईट- प्राचार्य ।
Last Updated : Feb 5, 2020, 11:10 PM IST
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