रीवा। सीसीटीवी कैमरे किसी अपराधी को पकड़ने के लिए कितने उपयोगी होते है इसका उदाहरण पुलिस की कई जांच में देख सकते है. लेकिन यदि यह सीसीटीवी कैमरे ही सिस्टम की तरह ठप्प हो जाए, तो उसका खामियाजा सिर्फ पुलिस की जांच को ही नहीं बल्कि किसी घटना में पीड़ित को भी भुगतना पड़ता है. रीवा शहर में लगातार हो रहे अपराधों पर नजर रखने वाली कानून पुलिस की तीसरी आंख यानी 'CCTV' कैमरे की निगरानी को ही नजर लग गई है. शहर के अधिकांश हिस्सों में लगे सीसीटीवी कैमरे सही ढंग से रखरखाव न होने के चलते बेकार पड़े है. जिससे अब बेखौफ अपराधी कहीं भी वारदात को अंजाम देकर फरार होने में कामयाब होते दिखाई दे रहे है. लेकिन इन कैमरों को सुधार पाने में प्रशासनिक तंत्र भी लगातार नाकामयाब ही दिखाई पड़ रहा है.
- बंद हुई पुलिस की 'तीसरी आंख', अपराधियों के होसले बुलंद
जिले की बिगड़ती कानून व्यवस्था के बीच अब चोरी, हत्या और लूट जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं. ऐसे में अपराधियों को पकड़ने में सहयोगी भूमिका निभाने वाली कानून की तीसरी आंख का सहारा भी पुलिस की व्यवस्था से छिनता हुआ दिखाई दे रहा है. जिसके कारण अपराधियों के बुलंद हौसलों ने अब उन्हें अपराध करने की छूट भी दे दी है. लेकिन प्रशासनिक तंत्र की हीला-हवाली के चलते सही ढंग से रखरखाव न होने के कारण शहर के अधिकांश हिस्सों में लगे CCTV कैमरे खराब हो गए हैं. जिसकी मरम्मत को लेकर भी प्रशासन कोई प्रयास नहीं कर रहा है.
- रखरखाव के अभाव में खराब हुए CCTV कैमरे
बताया जा रहा है कि सही ढंग से रखरखाव ना होने के चलते CCTV कैमरे हमेशा खराब हो जाते हैं. नगर निगम शहर के अधिकांश हिस्सों में निर्माण कार्य कर रहा है. जिससे निर्माण के दौरान कैमरों की तार में खिंचाव आ जाता है और वह खराब हो जाते हैं. लेकिन कैमरे खराब होने के बाद उसे सुधारने में प्रशासन कोई रुचि नहीं दिखाता. बंद पड़े CCTV कैमरों के कारण अपराधी पुलिस से बेखौफ हो कर बड़ी आसानी से वारदात को अंजाम देकर फरार होने में सफल हो जाते हैं.
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- फ्लाई ओवर सहित अन्य निर्माण कार्य बनी वजह
शहर के कई हिस्सों में चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से CCTV कैमरों की केबल टूट जाती है, तो कहीं पोल छतिग्रस्त हो जाते हैं. ऐसे में यह कैमरे महज शो-पीस बनकर रह गए हैं. शहर भर में लगाए गए CCTV कैमरों का कनेक्शन पुलिस कंट्रोल रूम से है. पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात पुलिस स्टाफ एलईडी स्क्रीन के माध्यम से पूरे शहर की निगरानी करता है. किसी भी तरह की घटना या जाम की स्थिति देखने के बाद तत्काल वायरलेस के माध्यम से संबंधित थानों को इसकी सूचना दे दी जाती है.
- 224 कैमरों में 116 कैमरे बंद
शहर भर में करीब 224 CCTV कैमरे लगवाए गए थे, जो सभी पुलिस कंट्रोल रूम से संचालित होते हैं. पिछले कई महीनों इन कैमरों के संचालन पर ऐसा ग्रहण लगा कि अभी तक दूर होने का नाम नहीं ले रहा है. शहर के 116 कैमरे बंद पड़े हुए हैं जबकि महज 106 कैमरे चालू हालत में है. ऐसा नहीं है कि इन कैमरों के संबंध में अधिकारियों को जानकारी नहीं है, लेकिन कैमरों की मरम्मत की दिशा में प्रयास नहीं किए गए.
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- अपराधों के खुलासों में CCTV ने निभाई भूमिका
पुलिस विभाग की ओर से रीवा शहर में लगवाए गए इन लगे CCTV कैमरों ने पूर्व में हुए अपराधों के खुलासे मे अपनी अहम भूमिका निभाई थी. कई अपराध के मामलों में आरोपियों की पहचान शहर में लगे इन्हीं सीसीटीवी कैमरों की मदद से की गई थी.
- गोविंदगढ़ में लूट के इरादे से एक व्यक्ति की घर में घुसकर हत्या करने वाला आरोपी सीसीटीवी कैमरे की मदद से पकड़ा गया था, जो वारदात के बाद भागते समय कैमरे में कैद हुआ था.
- विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र स्थित सैनिक स्कूल ग्राउंड में एक व्यक्ति की हत्या हुई थी. इस घटना का खुलासा पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से ही किया था. जिसमें आरोपी हत्या के पहले मृतक को जीवित अवस्था में ले जाते हुए कैद हुए कैमरे में कैद हुए थे.
- करहिया मंडी स्थित रीवा सीधी ग्रामीण बैंक में दिनदहाड़े डकैती डालने वाले हथियार बंद बदमाशों की पहचान भी इन्हीं सीसीटीवी कैमरों से हुई थी.
- हाल ही में सामान थाना क्षेत्र के एटीएम बूथ में फ्रॉड गिरी कर एटीएम मशीन से पैसा निकालने वाले गिरोह की पहचान भी पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से ही की है.
- लगभग डेढ़ वर्ष पहले शहर के मानस भवन में लगने वाले सोमवारी बाजार से दिनदहाड़े एक मासूम बच्ची का अपहरण कर लिया गया था. जिसमें सीसीटीवी कैमरों की मदद से अपहरणकर्ताओं को ट्रेस कर बच्ची को सकुशल वापस लाया गया और आरोपियों की गिरफ्तारी की गई.
- शो-पीस बने शहर में लगे CCTV कैमरे
रीवा शहर के दर्जनभर स्थानों में लगे CCTV कैमरे बंद पड़े हैं. कहीं सड़क की खुदाई तो कहीं सीवर लाइन की खुदाई या फिर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य से कैमरे बंद पड़े हुए हैं इनमें न्यू बस स्टैंड, रतहरा, सामान तिराहा, सिरमौर चौराहा, रेलवे स्टेशन, पुराना बस स्टैंड, एजी कॉलेज, जय स्तंभ चौक सहित अन्य स्थानों के कैमरे बंद पड़े हुए हैं, जो अब महज शो-पीस बनकर रह गए हैं.
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- पूर्व में पुलिस मुख्यालय भेजी गई थी सूचना
दरअसल शहर में लगे खराब पड़े CCTV कैमरों की जानकारी पूर्व में पुलिस मुख्यालय भोपाल भिजवाई गई थी. पुलिस ने नगर निगम के अधिकारियों को पत्र लिखा जिस पर ठेकेदारों ने काम पूरा होने के बाद मरम्मत करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक एक भी कैमरों की मरम्मत नहीं हो पाई है. वहीं ठेकेदारों ने शहर में किए गए सीवर लाइन के काम मे भी काफी लापरवाही बरती गई थी. जहां खंभों में लगे कैमरों को नुकसान पहुंचाया गया. अब सीवर का काम पूर्ण होने के बाद भी कैमरों की मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया.
- 40 स्थानों पर 'तीसरी आंख' से रखी जा रही थी नजर
पुलिस की माने तो सुरक्षा की दृष्टि से पूरे शहर में 40 लोकेशन को चिन्हित कर के CCTV कैमरों को लगवाया गया था. लेकिन शहर में चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से फाइबर केबल उखड़ जाने के कारण अधिकांश जगहों के कैमरे बंद पड़े हुए है. वर्तमान में 23 लोकेशन के कैमरे चालू स्थिति में है और 17 जगहों के कैमरे बंद है. कैमरों की मरम्मत की देरी का कारण एजेंसी के कर्मचारियों व्यस्तता हैं. कोरोना काल के चलते भी कैमरों की मरम्मत कराने में देरी हुई, जिन्हें जल्द ही ठीक करा लिया जाएगा.