रीवा। सार्वजनिक स्थलों के साथ ही स्कूल-कॉलेज और ऑफिसों में सफाई अभियान और शौचालय बनाने की कवायत की जा रही है. बाजवूद इसके स्वच्छता अभियान महज एक दिखावा ही नजर आता है. वार्ड 42 जिसको में स्थित संस्कृत महाविद्यालय में शौचालय की समस्या लंबे समय से है जिसे देखने वाला कोई नहीं है.
इलाके को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है, लेकिन ये कागजों तक ही सीमित है और सच्चाई इससे बिलकुल अलग है. जिले के एक मात्र संस्कृत महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को स्वच्छता और संस्कार की शिक्षा दी जाती है लेकिन, वहीं पर पिछले कई सालों से शौचालय नहीं है जिसके चलते यहां के स्टाफ और छात्र छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
जब यह महाविद्यालय शुरू हुआ तो इसमें कुछ शौचालय बनवाये गए थे लेकिन पिछले कई सालों से वो भी पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं जिसके चलते सबसे ज्यादा परेशानिया महिला स्टाफ और छात्राओं को होती है. इसके आलावा यहां पर पानी भी समस्या है. यहां पर पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है जिसके लिए कई बार वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की गयी लेकिन, समस्या अभी भी वैसी बनी हुई है.