रीवा। इन दिनों मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) की कुर्सी को लेकर संग्राम छिड़ गया है. सीनियर और जूनियर की बातचीत के साथ पदभार को लेकर विवाद हो रहा है. सीएमएचओ कार्यालय के चेंबर में कर्मचारियों ने ताला बंद कर दिया है. ताला बंद करके कर्मचारी गायब हो गए. इसके अलावा जो कर्मचारी दफ्तर में उपस्थित हैं तालाबंदी की कोई जवाबदारी नहीं ले रहे. बताया जा रहा है कि, सीएमएचओ के पद पर 2 डॉक्टरों की दावेदारी है.
कुर्सी की लड़ाई: 18 जनवरी के दिन स्वास्थ विभाग मध्य प्रदेश से एक आदेश जारी हुआ. इसमें उल्लेख किया गया कि, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रीवा के पद के लिए बीएल मिश्रा को तैनात किया जाता है. 18 जनवरी तक सीएमएचओ के पद पर पदस्थ एनएन मिश्रा को उनकी पूर्व पदस्थापना पर भेजा गया. इसके बाद बीएल मिश्रा ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद का अपना प्रभार ग्रहण कर लिया. 10 दिनों के भीतर पूर्व सीएमएचओ एन एन मिश्रा ने हाई कोर्ट से स्टे ले कर अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर दी. सीनियर जूनियर की जंग में अब सीएमएचओ की कुर्सी पर संग्राम छिड़ गया है. इसके चलते सीएमएचओ कार्यालय के दफ्तर में डॉक्टर एनएन मिश्रा के समर्थक कर्मचारियों ने तालाबंदी कर दी.
स्टे के बाद मचा घमासान: जानकारी के मुताबिक, सीएमएचओ के पद पर हाई कोर्ट से स्टे लाने के बाद डॉ एनएन मिश्रा ने सीएमएचओ की कुर्सी के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. स्टे आर्डर के पहले स्वास्थ्य विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा डॉ बीएल मिश्रा को जिस सीएमएचओ की कुर्सी का प्रभार दिया गया था. उससे हटने को लेकर अब किसी भी प्रकार का आदेश जारी नहीं किया गया. जिसके चलते अब सीएमएचओ की कुर्सी को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है और दोनों ही डॉक्टर अपनी-अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं.
डॉ. बी.एल. मिश्रा ने लगाए आरोप: मामले को लेकर डॉक्टर बी. एल मिश्रा का कहना है कि, डॉ एनएन मिश्रा के द्वारा हाईकोर्ट से लाए गए स्टे के बाद उन्हें इस कुर्सी से हटने को लेकर शासन स्तर का कोई आदेश नहीं मिला है. जिसकी वजह से वह खुद ही मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी हैं. जबकि उन्होंने डॉ एनएन मिश्रा के कार्यकाल के दौरान किए गए कई भ्रष्टाचारों का जिक्र भी किया है. उन्होंने कहा कि, डॉ एनएन मिश्रा के कार्यकाल में किसी भी तरह के कार्य नहीं किए गए और जिला चिकित्सालय में माफिया राज शुरू हो गया.
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आरोपों को बताया निराधार: वर्तमान में हाईकोर्ट के स्टे के बाद प्रभार पर आए डॉ. एन एम मिश्रा ने फोन पर बताया कि, हाईकोर्ट से स्टे के बाद वह अपने पद पर स्थापित है. उन्होंने कहा कि, उन्होंने अपने चेंबर पर ताला लगाया है. डॉ. बी एल मिश्रा के द्वारा उनपर लगाए गए सारे आरोप निराधार है.