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एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा नगर निगम प्रशासन, कचरा डंपिंग प्लांट से लोगों का हाल बेहाल - कोष्टा ग्राम कचरा डंपिंग प्लांट

पिछले 15 सालों से शहर के कोष्टा ग्राम में बने कचरा डंपिंग प्लांट में शहर भर का कचरा इकट्ठा किया जा रहा है. जिसकी वजह से वहां लाखों टन कचरा एकत्रित है और लगातार कचरा एकत्रित होने के कारण कचरे ने एक पहाड़ का रूप ले लिया है. वहीं इससे स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.

Rewa Garbage Dumping Plant
रीवा कचरा डंपिंग प्लांट
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Published : Sep 23, 2020, 9:15 PM IST

रीवा। शहर से कुछ ही दूरी पर बने कचरा डंपिंग प्लांट की वजह से स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. कचरे की दुर्गंध इतनी कि लोग अपने घरों से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं. जिसके चलते स्थानीय लोग कई तरह की बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं. मक्खियों का प्रकोप इतना कि लोगों का खाना भी मुश्किल हो चुका है. कचरा प्लांट का स्थानीय लोगों ने कई बार विरोध किया. सरकार तक अपनी आवाज बुलंद की, लेकिन समस्या जस की तस है. निगम प्रशासन भी एनजीटी के नियमों की अवहेलना करता नजर आ रहा है.

रीवा कचरा डंपिंग प्लांट से आस-पास के लोग परेशान

लगभग 15 साल पहले 13 सालों के लिए ग्राम कोष्टा में शहर भर का कचरा एकत्रित करने के लिए कचरा प्लांट स्थापित किया गया था और वर्ष 2018 में एनजीटी की गाइड लाइन के अनुसार कचरा प्लांट को ग्राम कोष्टा से हटाया जाना था. लेकिन एनजीटी द्वारा बनाये गए नियमों को ताक पर रखकर आज भी कचरा प्लांट उसी जगह स्थापित है. 15 सालों से ग्राम कोष्टा से लगे करीब 4 गांवों के 5 हजार से अधिक लोग इस कचरा प्लांट से प्रभावित हैं और नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई सुनवाई

ग्रामीणों का कहना है कचरा प्लांट हटाए जाने की मांग को लेकर उनके द्वारा कई बार धरना प्रदर्शन व आंदोलन किये गए. लेकिन इसके बावजूद भी जिला प्रशासन व सरकार ने उनकी कोई बात नही मानी.

स्थानीय लोगों ने बताया कि ग्राम कोष्टा में स्थापित कचरा प्लांट लगाते वक्त जिला प्रशासन द्वारा समय समय पर केमिकल से छिड़काव करने की बात कही गई थी. लेकिन आज 15 साल बीत जाने के बाद भी वहां किसी भी तरह के केमिकल का छिड़काव नहीं किया गया.

लोग बताते हैं कि अभी भी लगातार शहर का कचरा एकत्रित कर सैकड़ों ट्रक कचरा यहां डंप किया जा रहा है. जिससे यहां के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है और यहां के लोग लगातार कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. इसके साथ ही कचरा प्लांट के पास बनी आंगनबाड़ी और स्कूल में आने वाले बच्चे भी इस कचरा प्लांट से ग्रसित हैं.

कचरे के चलते मक्खियां इतनी आ जाती हैं कि यहां रहने वाले लोगों का अब खाना-पीना भी मुश्किल हो गया है. बरसात के दिनों में दुर्गन्ध के कारण यहां की समस्या और भी भयावह हो जाती है.

इस बारे में नगर निगम प्रशासन के कार्यपालन यंत्री एसके चतुर्वेदी से बात की गई तो उन्होंने ग्रामीणों की समस्या को स्वीकार करते हुए समस्या के जल्द समाधान की बात कही है. कार्यपालन यंत्री ने कहा कि बहुत जल्द ही शहर से दूर पहड़िया स्थित एक दूसरे स्थान पर यह कचरा प्लांट स्थापित किया जा रहा है. जिससे जल्द ही ग्राम कोष्टा के लोगों को यहां स्थापित कचरा प्लांट से निजात मिल जाएगा.

रीवा। शहर से कुछ ही दूरी पर बने कचरा डंपिंग प्लांट की वजह से स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. कचरे की दुर्गंध इतनी कि लोग अपने घरों से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं. जिसके चलते स्थानीय लोग कई तरह की बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं. मक्खियों का प्रकोप इतना कि लोगों का खाना भी मुश्किल हो चुका है. कचरा प्लांट का स्थानीय लोगों ने कई बार विरोध किया. सरकार तक अपनी आवाज बुलंद की, लेकिन समस्या जस की तस है. निगम प्रशासन भी एनजीटी के नियमों की अवहेलना करता नजर आ रहा है.

रीवा कचरा डंपिंग प्लांट से आस-पास के लोग परेशान

लगभग 15 साल पहले 13 सालों के लिए ग्राम कोष्टा में शहर भर का कचरा एकत्रित करने के लिए कचरा प्लांट स्थापित किया गया था और वर्ष 2018 में एनजीटी की गाइड लाइन के अनुसार कचरा प्लांट को ग्राम कोष्टा से हटाया जाना था. लेकिन एनजीटी द्वारा बनाये गए नियमों को ताक पर रखकर आज भी कचरा प्लांट उसी जगह स्थापित है. 15 सालों से ग्राम कोष्टा से लगे करीब 4 गांवों के 5 हजार से अधिक लोग इस कचरा प्लांट से प्रभावित हैं और नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई सुनवाई

ग्रामीणों का कहना है कचरा प्लांट हटाए जाने की मांग को लेकर उनके द्वारा कई बार धरना प्रदर्शन व आंदोलन किये गए. लेकिन इसके बावजूद भी जिला प्रशासन व सरकार ने उनकी कोई बात नही मानी.

स्थानीय लोगों ने बताया कि ग्राम कोष्टा में स्थापित कचरा प्लांट लगाते वक्त जिला प्रशासन द्वारा समय समय पर केमिकल से छिड़काव करने की बात कही गई थी. लेकिन आज 15 साल बीत जाने के बाद भी वहां किसी भी तरह के केमिकल का छिड़काव नहीं किया गया.

लोग बताते हैं कि अभी भी लगातार शहर का कचरा एकत्रित कर सैकड़ों ट्रक कचरा यहां डंप किया जा रहा है. जिससे यहां के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है और यहां के लोग लगातार कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. इसके साथ ही कचरा प्लांट के पास बनी आंगनबाड़ी और स्कूल में आने वाले बच्चे भी इस कचरा प्लांट से ग्रसित हैं.

कचरे के चलते मक्खियां इतनी आ जाती हैं कि यहां रहने वाले लोगों का अब खाना-पीना भी मुश्किल हो गया है. बरसात के दिनों में दुर्गन्ध के कारण यहां की समस्या और भी भयावह हो जाती है.

इस बारे में नगर निगम प्रशासन के कार्यपालन यंत्री एसके चतुर्वेदी से बात की गई तो उन्होंने ग्रामीणों की समस्या को स्वीकार करते हुए समस्या के जल्द समाधान की बात कही है. कार्यपालन यंत्री ने कहा कि बहुत जल्द ही शहर से दूर पहड़िया स्थित एक दूसरे स्थान पर यह कचरा प्लांट स्थापित किया जा रहा है. जिससे जल्द ही ग्राम कोष्टा के लोगों को यहां स्थापित कचरा प्लांट से निजात मिल जाएगा.

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