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विरोध के सुर: रीवा में नर्सों ने मांगों को लेकर जताया विरोध, उज्जैन में आशा, उषा कार्यकर्ताओं में नाराजगी - नर्स एसोसिएशन धरना रीवा

मंगलवार को रीवा में नर्सों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. वहीं उज्जैन में आशा, उषा और आशा सहयोगिनी का प्रदर्शन देखा गया.

PROTEST IN REWA AND UJJAIN
रीवा और उज्जैन में प्रदर्शन
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Published : Jun 15, 2021, 10:48 PM IST

रीवा/उज्जैन। जिले के संजय गांधी अस्पताल में मंगलवार को नर्सों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर करीब 2 घंटे तक सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. नर्सों ने चेतावनी दी है कि प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे, वरना सभी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. वहीं दूसरी तरफ उज्जैन में भी आशा, उषा और आशा सहयोगिनी का प्रदर्शन देखा गया. 6 सूत्रीय मांगों को लेकर सभी ने कलेक्टर ऑफिस के सामने नारेबाजी की. साथ ही कलेक्टर को स्वास्थ्य मंत्री के नाम एक पत्र भी सौंपा.

रीवा में नर्सों ने मांगों को लेकर जताया विरोध

रीवा में नर्स एसोसिएशन का विरोध

कोरोना महामारी में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाने वाले जूनियर डॉक्टर्स के बाद अब प्रदेश सरकार के खिलाफ नर्सों ने भी मोर्चा खोल दिया है. नर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को अपनी 10 सूत्रीय मांगों को मनवाने का अल्टीमेटम दिया. इसके लिए उन्होंने करीब 2 घंटे का दिया सांकेतिक धरना भी दिया. बता दें, दूसरे राज्यों की भांति सेकेंड ग्रेड का दर्जा दिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर नर्स एसोसिएशन पिछले 6 दिनों से संघर्ष कर रहा है. वहीं सभी का साफ कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वह 2 दिन बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

उज्जैन में आशा, उषा कार्यकर्ताओं में नाराजगी

उज्जैन में आशा, उषा कार्यकर्ता का विरोध

इधर उज्जैन में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा, उषा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. विरोध में कई महिलाएं कलेक्टर कार्यालय पहुंची और स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान सभी ने जिम्मेदारी से अपना काम किया है. लेकिन इसके बाद भी अब तक उन्हें मानदेय नहीं दिया गया. सभी का आरोप है कि सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया है, अगर ऐसा ही रहा तो आशा, उषा कार्यकर्ता भूख हड़ताल भी करेंगे.

महंगाई 'डायन' खाए जात है: ढोल-मंजीरा के साथ गीत गाकर युवक कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

आपको बता दें, आशा और उषा कार्यकर्ता सरकारी कर्मचारी का दर्जा, आशा, उषा कार्यकर्ताओं को 18 हजार और सहयोगिनी कार्यकर्ताओं को 24 हजार मानदेय दिए जाने की मांग कर रही हैं. इसके अलावा भी उनकी कई मांगें हैं, जिसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के नाम एक पत्र भी कलेक्टर को सौंपा है.

रीवा/उज्जैन। जिले के संजय गांधी अस्पताल में मंगलवार को नर्सों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर करीब 2 घंटे तक सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. नर्सों ने चेतावनी दी है कि प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे, वरना सभी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. वहीं दूसरी तरफ उज्जैन में भी आशा, उषा और आशा सहयोगिनी का प्रदर्शन देखा गया. 6 सूत्रीय मांगों को लेकर सभी ने कलेक्टर ऑफिस के सामने नारेबाजी की. साथ ही कलेक्टर को स्वास्थ्य मंत्री के नाम एक पत्र भी सौंपा.

रीवा में नर्सों ने मांगों को लेकर जताया विरोध

रीवा में नर्स एसोसिएशन का विरोध

कोरोना महामारी में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाने वाले जूनियर डॉक्टर्स के बाद अब प्रदेश सरकार के खिलाफ नर्सों ने भी मोर्चा खोल दिया है. नर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को अपनी 10 सूत्रीय मांगों को मनवाने का अल्टीमेटम दिया. इसके लिए उन्होंने करीब 2 घंटे का दिया सांकेतिक धरना भी दिया. बता दें, दूसरे राज्यों की भांति सेकेंड ग्रेड का दर्जा दिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर नर्स एसोसिएशन पिछले 6 दिनों से संघर्ष कर रहा है. वहीं सभी का साफ कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वह 2 दिन बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

उज्जैन में आशा, उषा कार्यकर्ताओं में नाराजगी

उज्जैन में आशा, उषा कार्यकर्ता का विरोध

इधर उज्जैन में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा, उषा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. विरोध में कई महिलाएं कलेक्टर कार्यालय पहुंची और स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान सभी ने जिम्मेदारी से अपना काम किया है. लेकिन इसके बाद भी अब तक उन्हें मानदेय नहीं दिया गया. सभी का आरोप है कि सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया है, अगर ऐसा ही रहा तो आशा, उषा कार्यकर्ता भूख हड़ताल भी करेंगे.

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आपको बता दें, आशा और उषा कार्यकर्ता सरकारी कर्मचारी का दर्जा, आशा, उषा कार्यकर्ताओं को 18 हजार और सहयोगिनी कार्यकर्ताओं को 24 हजार मानदेय दिए जाने की मांग कर रही हैं. इसके अलावा भी उनकी कई मांगें हैं, जिसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के नाम एक पत्र भी कलेक्टर को सौंपा है.

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