रीवा। समाज में महिलाएं अपने आस पास पुलिस को पाकर खिद को सुरक्षित महसूश करती है, लेकिन तब क्या हो जब पुलिस किसी मामले में गिरफ्तार किसी आरोपी के साथ जेल में ही बलात्कार की घटना को अंजाम देदे. ऐसा ही एक मामला सामने आया है रीवा के मनगवां थाने में जहां फरीदा गांव में हुई एक हत्या के मामले में गिरफ्तार महिला ने एसडीओपी, थाना प्रभारी सहित तीन अन्य पुलिसकर्मियों पर लॉकअप के अंदर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है, जिल पर सीजीएम ने जांच के आदेश दिए हैं.
रीवा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र पांडेय ने बताया कि रीवा एसपी को जांच के आदेश मिलने के बाद भी वो पत्र मिलने से इनकार कर रहे हैं, जबकी कोर्ट से उनके कार्यालय की दूरी महज 50 मीटर है. राजेन्द्र पांडेय ने कहा की जब इस तरह से पुलिस ऐसी करेगी को जनता कहा सुरक्षित है, उन्होंने मांग की है कि इस तरह के पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा जाए.
कब की घटना
9 मई को एक महिला को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने महिला को लॉकब में डाल दिया. महिला के अनुसार वहीं तत्कालीन थाना प्रभारी एसडीओपी व अन्य तीन पुलिसकर्मियों ने 9 मई से 20 मई के दौरान लॉकअप में उसके साथ बलात्कार किया और 21 मई को न्यायालय में पेश कर उसे जेल भेज दिया गया.
कैसे हुआ खुलासा
जेल पहुंचे पर महिला ने आपबीती जेल में पदस्थ वार्डन से बताई, लेकिन महिला वार्डन द्वारा इस बात की जानकारी आगे नहीं भेजी गई. तीन दिन बाद जब जिला न्यायालय से रूटीन चैकअप के लिए विधिक प्राधिकरण व जुडिशल मजिस्ट्रेट की टीम केंद्रीय जेल रीवा पहुंची तो महिला ने अपने साथ हुई घटना टीम से बताई. जिसके बाद मामला सीजीएम के पास पहुंचा, जहां से उन्होंने पुलिस अधिकारियों और डिस्टिक जज को मामले की इंक्वायरी और कार्रवाई के लिए शिकायत को आगे बढ़ाया.