रीवा। विंध्याचल की गोद में बसा रीवा तो वैसे समूचे देश और मध्य प्रदेश में अपनी एक अलग ही पहचान रखता है. लेकिन यहां की राजनीति भी जरा हटकर है. रीवा ने बड़े-बड़े धुरंधर राजनेता दिए, जो आज प्रदेश स्तर की राजनीती में काफी अहमियत रखते है. फिर वह चाहे देश भर में विख्यात कांग्रेस के कद्दावर नेता पण्डित श्रीनिवास तिवारी हो, सुंदरलाल तिवारी हो या फिर विधानसभा अध्यक्ष गिरिश गौतम, या फिर मंत्री राजेंद्र शुक्ला ही क्यों न हों. ये वो चेहरे हैं, जिन्होंने रीवा की राजनीती में चार चांद लगाए और अपने-अपने मेहनत के बलबूते ही राजनीति के शिखर तक पहुंचे.
चुनावी रण में उतरे तमाम दल के प्रत्याशी: प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. तमाम राजनीतिक दलों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे करते हुए चुनावी रणभूमि में उतर चुके हैं और अब इनके द्वारा लगातार जनसंपर्क भी किया जा रहा है. अगर बात की जाए रीवा जिले की तो यहां पर आठ विधान सभा सीटें है. 2018 में बीजेपी ने विकास को अपना मुद्दा बनाकर रीवा जिले में अपनी पूरी की पूरी ताकत झोंक कर रख दी थी. जिसके बाद जिले की आठों विधानसभा सीटें भाजपा के खाते में आ गई. तब से लेकर कांग्रेस, बसपा, सपा सभी आठ सीटों में सेंध मारने की कोशिश में जुटी हुई है.
रीवा की आठ सीटों में हमेशा से था तीन दलों का दबदबा: जिले में अब तक इन सभी सीटों में जितने भी चुनाव हुए हर एक चुनाव में कांग्रेस-भाजपा और बासपा का ही दबदबा देखने को मिला. तीनों के बीच ही कांटे की टक्कर देखने को मिली है. अब 2023 में एक बार फिर मध्य प्रदेश में विधानससभा के चुनाव होने वाले है. ऐसे में समूचे रीवा जिले का माहौल भी चुनावी रंग में पूरी तरह से रंगा हुआ दिखाई दे रहा है. सभी दल के प्रत्याशी अपने अपने क्षेत्र में पूरी ताकत के साथ चुनावी घमासान में अपनी-अपनी ताकत झोंकते हुए दिखाई दे रहें है.
जानिए क्यों खास है देवतालाब विधानसभा सीट: आज हम बताने जा रहे हैं, रीवा जिले की देवतालाब विधानसभा सीट के बारे में. इस बार चुनाव में देवतालाब विधानसभा सीट से काका और भतीजे आमने-समाने होंगे. काका गिरीश गौतम बीजेपी के टिकट से चुनाव मैदान पर होंगे, तो वहीं भतीजे पद्मेश गौतम भी कांग्रेस के टिकट से चुनावी रण में अपने काका को चुनौती देते हुए दिखाई देंगे. बता दें की बीजेपी उम्मीदवार गिरीश गौतम बीजेपी के कद्दावर नेता हैं. वर्ष 2008 से वह लगातार देवतालाब विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक है. जबकि 2008 से पहले बीजेपी ने उन्हें 2003 में मनगवां सीट से चुनाव लड़ाया और श्री निवास तिवारी को करारी शिकस्त देते हुए गिरीश गौतम ने अपनी जीत दर कराई थी.
इस सीट में भाजपा के गिरीश गौतम का दबदबा: मनगवां के बाद देवतालाब विधानसभा सीट से भाजपा को लागातार जीत दिलाने वाले गिरीश गौतम का कद पार्टी में काफी बढ़ गया. जिसके बाद 2020 में गिरीश गौतम को मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष बनाए गए. अब पार्टी ने एक बार फिर गिरीश गौतम पर अपना भरोसा जताते हुए देवतालाब सीट से चुनावी रण में उतारा है. लेकिन इस बार देवतालाब सीट का चुनाव भी बेहद दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है. वह इसलिए क्योंकि कांग्रेस भी सारे दांव पेंच चलकर गिरीश गौतम के भतीजे पदमेश गौतम को टिकट देकर चुनावी रणभूमि में उतार कर काका के विरोध में खड़ा कर दिया. जिसके चलते इस सीट में होने वाला चुनाव अब बेहद ही खास माना जा रहा है.
इस बार काका भतीजे के बीच होगी जबरजस्त टक्कर: हालांकि इस चुनाव में काका और भतीजे के जज्बात आड़े नहीं आने वाले हैं, क्योंकि की सालों से ही दोनों परिवार के बीच के तालमेल खराब है. वह एक दूसरे के विरोधी माने जाते है. ऐसे में इस बार देवतालाब सीट का मुख्य चुनावी टक्कर काका और भतीजे के बीच ही देखने को मिलेगी. लेकिन इससे भी परहेज नहीं किया जा सकता की काका और भतीजे की टक्कर में कहीं सीमा जयवीर सिंह अपनी बाजी न मार जाए. सीमा जयवीर सिंह इस बार सपा के टिकट से चुनावी मैदान में हैं. जनकारों की माने तो सीमा जयवीर सिंह ने क्षेत्र के लोगों के हित में कई बड़े कार्य किए हैं.
2018 में कम मार्जिन से जीते थे गिरिश गौतम: 2018 में हुए चुनाव की अगर बात के जाए तो बीजेपी उम्मीदवार गिरीश गौतम ने देवतालाब विधानसभा सीट से अपनी जीत दर्ज कराई थी. जबकि दूसरे स्थान पर रही सीमा जय वीर सिंह ने गिरिश गौतम को चुनाव में कड़ी टक्कर दी और मात्र 1080 वोटों से ही गिरीश गौतम ने जीत हसिल की थी. तब से लेकर आज तक शायद गिरीश गौतम को कम वोटों से जीत हसिल करने का मलाल आज भी है, क्योंकि अक्सर कार्यक्रमों के दौरान गिरीश गौतम इस बात का जिक्र करते हुऐ दिखाई देते हैं.
तीनों प्रत्याशियों की सम्पत्ति का ब्यौरा: बीते दिनों बीजेपी उम्मीदवार गिरीश गौतम, कांग्रेस प्रत्याशी पदमेश गौतम और सपा प्रत्याशी सीमा जयवीर सिंह तीनों प्रत्याशियों ने अपने-अपने नामांकन नवागत मऊगंज जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में दाखिल किए थे और अपनी अपनी सम्पत्तियों का ब्यौरा भी दिया था. जिसकी जानकारी ईटीवी भारत के साथ साझा कर रहे हैं.
विधानसभा अध्यक्ष व बीजेपी प्रत्याशी गिरीश गौतम:
आयु 70 वर्ष
स्वयं की आय कुल 2893490
पत्नी की कुल आय 605290
कुल संपत्ति चल - स्वयं 11461756
कुल संपत्ति चल - पत्नि 10654213
अचल - स्वयं 4.30 करोड़
अचल - पत्नी 2.55 करोड़
क्रिमिनल रिकॉर्ड 0
स्वयं - कैश 2 लाख
पत्नी - कैश 1 लाख 50 हजार
स्वयं - बैंक में कैश 7946148
पत्नी - बैंक में कैश 1019156
स्वयं वाहन - महिंद्रा स्कार्पियो 2
पत्नी वाहन - 0
स्वयं जेवर - सोना 20 ग्राम
पत्नी जेवर - सोना 130 ग्राम सोना 400 ग्राम चांदी
शस्त्र - स्वयं 0
शस्त्र - पत्नी पिस्टल
कांग्रेस प्रत्याशी पदमेश गौतम:
आयु 41 वर्ष
स्वयं की आय कुल 516710
पत्नी की कुल आय 499900
कुल संपत्ति चल - स्वयं 2293894
कुल संपत्ति चल - पत्नि 1089000
अचल - स्वयं 9.55 करोड़
अचल - पत्नी 94.25 लाख
क्रिमिनल रिकॉर्ड - 0
स्वयं - कैश 2 लाख
पत्नी - कैश 1 लाख
स्वयं - बैंक में कैश 365834
पत्नी - बैंक में कैश 0
स्वयं वाहन 1 जीप, 2 कार
पत्नी वाहन - 0
स्वयं जेवर -5 तोला सोना
पत्नी जेवर - 15 तोला सोना 500 ग्राम चांदी
शस्त्र - स्वयं 0
शस्त्र - पत्नी 0
सपा प्रत्याशी सीमा जयवीर सिंह:
आयु 44 वर्ष
स्वयं की आय कुल 7 लाख
पति की कुल आय 5 लाख
कुल संपत्ति चल - स्वयं 56 लाख
कुल संपत्ति चल - पति 75.78
अचल - स्वयं 3.25 करोड़