रीवा। एमपी-यूपी बॉर्डर पर देर रात हजारों मजदूरों ने चक्काजाम कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया था. अभी ये मामला थमा भी नहीं था कि मजदूरों ने रविवार को एक बार फिर से रीवा में उत्पात मचाया और हजारों मजदूर पुलिस बैरिकेड तोड़ यूपी की सीमा में दाखिल होने की कोशिश किए.
यूपी की सीमा से सटे रीवा के चाकघाट में बीती रात प्रवासी मजदूरों पर पुलिस ने लाठियां बरसाई थी, रविवार सुबह प्रवासी मजदूर बैरिकेड तोड़ उत्तर प्रदेश की सीमा में घुसने का प्रयास किए, एमपी और यूपी बॉर्डर पर रोके गए हजारों मजदूरों के बीच चंद पुलिसकर्मी असहाय नजर आए. बहरहाल, अब दोनों प्रदेशों की सरकारों ने मजदूरों के आने-जाने और उनके खाने-पीने की व्यवस्था कर दी है.
दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की व्यवस्था करने में यूपी पुलिस नाकाम साबित हो रही है, यूपी पुलिस की हीलाहवाली का खामियाजा एमपी पुलिस को भुगतना पड़ रहा है. बॉर्डर पर 10 हजार लोगों को लाने के लिए यूपी सरकार ने दर्जन भर बसें भेजी थी, जिसमे कुछ लोग ही अपने घर पहुंच पाए, पुलिस ने बाकी को समझाकर शांत कराने का प्रयास किया तो मजदूरों ने पथराव शुरू कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई.
इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और लाठीचार्ज कर सड़क जाम करने वाले श्रमिकों को खदेड़ दिया, रविवार सुबह फिर से बॉर्डर पर मजदूरों को रोक दिया. देखते ही देखते हजारों श्रमिक जमा हो गए, धूप में खड़े श्रमिकों ने एक बार फिर बैरिकेड्स तोड़ दिया और यूपी की तरफ पैदल ही चल दिए. इसके बाद भी प्रयागराज पुलिस इसके निराकरण का कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है.