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रसूख के चलते भू-माफियाओं को छू नहीं पाता प्रशासन, 10 हजार एकड़ जमीन पर कब्जा

एमपी के रीवा में दबंगों और भू-माफियाओं का दबदबा कायम है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सख्त निर्देशों के बावजूद भू-माफियाओं के आगे जिला प्रशासन बौना नजर आ रहा है. आंकड़ों के मुताबिक अकेले रीवा में लगभग दस हजार एकड़ जमीन पर भू माफियाओं ने कब्जा किया हुआ है.

कब्जाई जमीन
कब्जाई जमीन
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Published : Mar 28, 2021, 5:22 PM IST

रीवाः अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई को लेकर प्रशासनिक अमला एक्टिव मोड़ पर है, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए भू-माफियाओं के द्वारा कब्जा की गई अब तक तकरीबन 500 एकड़ भूमि को खाली करायी गयी है. बावजूद इसके अभी भी अतिक्रमणकारियों के द्वारा जिले भर में तकरीबन 10 हजार एकड़ से भी ज्यादा की भूमि पर कब्जा किया गया है. जिसे खाली कराने में प्रशासन के पसीने छूटते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं अधिकांश शासकीय जमीनों में रसूखदारों का कब्जा है, जिसे खाली कराने प्रशासन की सूची भी दिखाई नहीं देती. हालांकि फिर भी जिला कलेक्टर अतिक्रमण की गई शासकीय भूमि को जल्द खाली कराने का आश्वासन दे रहे हैं.

भू माफियाओं का कब्जा.

अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रशासन की खानापूर्ति
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा भू-माफियाओं पर शिकंजा कसने की कोशिश की जा रही है. जिसके तहत उन्होंने प्रत्येक जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि माफियाओं पर शिकंजा कसते हुए अधिग्रहित की गई भूमि को खाली कराया जाए. जिसको ध्यान में रखते हुए रीवा जिला प्रशासन ने अब तक तकरीबन 500 एकड़ की भूमि को खाली करा लिया है. जिसकी लागत तकरीबन डेढ़ सौ करोड़ रुपये के आसपास है. मगर अभी रीवा जिले भर में तकरीबन 10 हजार एकड़ शासकीय भूमि में अतिक्रमणकारियों के द्वारा कब्जा किया गया है. जिसे खाली कराने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं.

रसूखदार और भू-माफियाओं पर प्रशासन महरबान
स्थानीय निवासियों की माने तो शासन और प्रशासन कब्जायी हुई जमीनों को खाली कराने की कोशिशें लगातार करता है लेकिन रसूख के चलते बहुत से भू-माफिया ऐसे भी हैं, जिनका अब तक बाल भी बांका नहीं हो सका है. बताया जा रहा है कि रीवा में तकरीबन 10 हजार एकड़ भूमि ऐसी है जो अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है. इन जमीनों में शिक्षा के मंदिर से लेकर वन भूमि तक की जमीनें शामिल हैं.

अवैध कब्जा
जमीन पर अवैध कब्जा.

रसूखदारों पर नहीं की जा रही कार्रवाई
बता दें कि विंध्य क्षेत्र का सबसे बड़ा और जानामाना ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय की जमीन से लेकर मध्य प्रदेश के एकलौते सैनिक स्कूल तक की जमीन में रसूख के चलते लोगों ने कब्जा किया है. हालांकि ईटीवी से बात करते हुए प्रशासनिक अमले के द्वारा जल्द ही कार्रवाई के माध्यम से इसे खाली कराने की बात कही जा रही है. अतिक्रमण खाली कराने के ऐसे कई अभियान चलाए गए लेकिन इन रसूखदार भू-माफियाओं के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

जमीनों के चौंकाने वाले आंकड़े

  1. ईटीवी भारत की टीम ने जब भू-माफियाओं के द्वारा शासकीय भूमि पर किये गए कब्जे की जानकारी एकत्रित की तो एक चौंका देने वाले आंकड़ा सामने आये. शहरी क्षेत्र की अगर बात की जाए तो यहां कब्जाई गई जमीन कुछ इस प्रकार है
  2. सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत घोघर स्थित लक्ष्मणदास कुंडा घाट मंदिर में पांच एकड़ भूमि पर कब्जा.
  3. ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय की पांच से छह एकड़ भूमि पर कब्जा.
  4. शहर में स्थित बड़े नाले मैदानी, धीरमा एनीकट, झिरिया नाला, सहित अन्य नालों पर भू-माफियाओं का करीब 25 एकड़ की शासकीय भूमि पर कब्जा.
  5. शहर के नामचीन तालाब की भूमि लालपा तालाब, सगरा तालाब, अनंतपुर तालाब, हरिहरपुर तालाब, पोखरी तालाब सहित ऐसे कई अन्य तालाब की जमीन को समतलीकरण कर करीब 150 एकड़ से भी ज्यादा भूमि पर कब्जा.
  6. चार धाम मंदिर लक्ष्मणबाग संस्थान में लगभग आठ से दस एकड़ भूमि पर भू-माफियाओं का जबरन कब्जा.
  7. संस्कृत महाविद्यालय में भी आठ से दस एकड़ भूमि पर कब्जा.
  8. लॉ कॉलेज की तीन एकड़ की भूमि पर अवैध कब्जा.
  9. मध्यप्रदेश की इकलौती सैनिक स्कूल रीवा में लगभग चार एकड़ की भूमि पर कब्जा.
  10. अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की जमीन पर 10 से 12 एकड़ पर भू माफियाओं का कब्जा.

दस हजार एकड़ से भी ज्यादा भूमि पर अवैध कब्जा
वहीं अगर जिले भर की बात की जाए तो शिक्षा के मंदिर से लेकर वन विभाग तक की जमीन पर भू- माफियाओं ने अपने पैर जमाए हुए हैं. अगर हिसाब लगाया जाए तो जिले भर में करीब दस हजार एकड़ से भी ज्यादा शासकिय भूमि कब्जा किया हुआ है.

रीवाः अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई को लेकर प्रशासनिक अमला एक्टिव मोड़ पर है, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए भू-माफियाओं के द्वारा कब्जा की गई अब तक तकरीबन 500 एकड़ भूमि को खाली करायी गयी है. बावजूद इसके अभी भी अतिक्रमणकारियों के द्वारा जिले भर में तकरीबन 10 हजार एकड़ से भी ज्यादा की भूमि पर कब्जा किया गया है. जिसे खाली कराने में प्रशासन के पसीने छूटते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं अधिकांश शासकीय जमीनों में रसूखदारों का कब्जा है, जिसे खाली कराने प्रशासन की सूची भी दिखाई नहीं देती. हालांकि फिर भी जिला कलेक्टर अतिक्रमण की गई शासकीय भूमि को जल्द खाली कराने का आश्वासन दे रहे हैं.

भू माफियाओं का कब्जा.

अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रशासन की खानापूर्ति
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा भू-माफियाओं पर शिकंजा कसने की कोशिश की जा रही है. जिसके तहत उन्होंने प्रत्येक जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि माफियाओं पर शिकंजा कसते हुए अधिग्रहित की गई भूमि को खाली कराया जाए. जिसको ध्यान में रखते हुए रीवा जिला प्रशासन ने अब तक तकरीबन 500 एकड़ की भूमि को खाली करा लिया है. जिसकी लागत तकरीबन डेढ़ सौ करोड़ रुपये के आसपास है. मगर अभी रीवा जिले भर में तकरीबन 10 हजार एकड़ शासकीय भूमि में अतिक्रमणकारियों के द्वारा कब्जा किया गया है. जिसे खाली कराने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं.

रसूखदार और भू-माफियाओं पर प्रशासन महरबान
स्थानीय निवासियों की माने तो शासन और प्रशासन कब्जायी हुई जमीनों को खाली कराने की कोशिशें लगातार करता है लेकिन रसूख के चलते बहुत से भू-माफिया ऐसे भी हैं, जिनका अब तक बाल भी बांका नहीं हो सका है. बताया जा रहा है कि रीवा में तकरीबन 10 हजार एकड़ भूमि ऐसी है जो अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है. इन जमीनों में शिक्षा के मंदिर से लेकर वन भूमि तक की जमीनें शामिल हैं.

अवैध कब्जा
जमीन पर अवैध कब्जा.

रसूखदारों पर नहीं की जा रही कार्रवाई
बता दें कि विंध्य क्षेत्र का सबसे बड़ा और जानामाना ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय की जमीन से लेकर मध्य प्रदेश के एकलौते सैनिक स्कूल तक की जमीन में रसूख के चलते लोगों ने कब्जा किया है. हालांकि ईटीवी से बात करते हुए प्रशासनिक अमले के द्वारा जल्द ही कार्रवाई के माध्यम से इसे खाली कराने की बात कही जा रही है. अतिक्रमण खाली कराने के ऐसे कई अभियान चलाए गए लेकिन इन रसूखदार भू-माफियाओं के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

जमीनों के चौंकाने वाले आंकड़े

  1. ईटीवी भारत की टीम ने जब भू-माफियाओं के द्वारा शासकीय भूमि पर किये गए कब्जे की जानकारी एकत्रित की तो एक चौंका देने वाले आंकड़ा सामने आये. शहरी क्षेत्र की अगर बात की जाए तो यहां कब्जाई गई जमीन कुछ इस प्रकार है
  2. सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत घोघर स्थित लक्ष्मणदास कुंडा घाट मंदिर में पांच एकड़ भूमि पर कब्जा.
  3. ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय की पांच से छह एकड़ भूमि पर कब्जा.
  4. शहर में स्थित बड़े नाले मैदानी, धीरमा एनीकट, झिरिया नाला, सहित अन्य नालों पर भू-माफियाओं का करीब 25 एकड़ की शासकीय भूमि पर कब्जा.
  5. शहर के नामचीन तालाब की भूमि लालपा तालाब, सगरा तालाब, अनंतपुर तालाब, हरिहरपुर तालाब, पोखरी तालाब सहित ऐसे कई अन्य तालाब की जमीन को समतलीकरण कर करीब 150 एकड़ से भी ज्यादा भूमि पर कब्जा.
  6. चार धाम मंदिर लक्ष्मणबाग संस्थान में लगभग आठ से दस एकड़ भूमि पर भू-माफियाओं का जबरन कब्जा.
  7. संस्कृत महाविद्यालय में भी आठ से दस एकड़ भूमि पर कब्जा.
  8. लॉ कॉलेज की तीन एकड़ की भूमि पर अवैध कब्जा.
  9. मध्यप्रदेश की इकलौती सैनिक स्कूल रीवा में लगभग चार एकड़ की भूमि पर कब्जा.
  10. अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की जमीन पर 10 से 12 एकड़ पर भू माफियाओं का कब्जा.

दस हजार एकड़ से भी ज्यादा भूमि पर अवैध कब्जा
वहीं अगर जिले भर की बात की जाए तो शिक्षा के मंदिर से लेकर वन विभाग तक की जमीन पर भू- माफियाओं ने अपने पैर जमाए हुए हैं. अगर हिसाब लगाया जाए तो जिले भर में करीब दस हजार एकड़ से भी ज्यादा शासकिय भूमि कब्जा किया हुआ है.

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