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जिले की व्यवस्था बनाने वाला जिला मुख्यालय हो रहा अव्यवस्थाओं का शिकार

रीवा के  कलेक्ट्रेट परिसर इन दिनों अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है. जिस परिसर से पूरे जिले की कार्यप्रणाली बनाई जाती है, उसी परिसर में आम लोगों के साथ-साथ अधिकारियों के भी वाहन इधर-उधर खड़े दिखाई देते हैं.

जिला मुख्यालय हो रहा अव्यवस्थाओं का शिकार
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Published : Jul 3, 2019, 11:28 PM IST

रीवा| जिले का कलेक्ट्रेट परिसर इन दिनों अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है. जिस परिसर से पूरे जिले की कार्यप्रणाली बनाई जाती है, उसी परिसर में आम लोगों के साथ-साथ अधिकारियों के भी वाहन इधर-उधर खड़े दिखाई देते हैं. सर्व सुविधा युक्त इस कलेक्ट्रेट परिसर में पार्किंग के लिए भी अलग-अलग स्थान निर्धारित किए गए हैं, लेकिन अधिकारी हो या फिर अपने निजी काम से आए लोग अपने वाहन को व्यवस्थित रूप से नहीं खड़ा करते.

जिला मुख्यालय हो रहा अव्यवस्थाओं का शिकार

रीवा जिले के जिला मुख्यालय की व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. शासन-प्रशासन एक ओर अर्थव्यवस्था की बड़ी-बड़ी बात करता है. उन्हीं के दफ्तरों के बाहर वाहनों को खड़ा करने का रवैया ही व्यवस्थित नहीं है. प्रशासन की इस सुव्यवस्थित व्यवस्था को तार-तार करने वाले और कोई नहीं बल्कि किसी प्रशासन के बड़े अधिकारी, कुछ नेता और रोज अपने निजी काम से आने वाले आम लोग हैं. जब इस पूरे मामले को लेकर रीवा एसडीएम से बात की तो उन्होंने इस बात को मानते हुए जल्द से जल्द इस लचर व्यवस्था को ठीक करने की बात कही है.

रीवा जिला मुख्यालय के हालात कई बार सुधारने का प्रयास किया गया, लेकिन जब बड़े अधिकारी और कुछ स्थानीय नेताओं के द्वारा ही इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं तो आम लोगों से इन नियमों का पालन करने की उम्मीद नहीं की जा सकती.

रीवा| जिले का कलेक्ट्रेट परिसर इन दिनों अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है. जिस परिसर से पूरे जिले की कार्यप्रणाली बनाई जाती है, उसी परिसर में आम लोगों के साथ-साथ अधिकारियों के भी वाहन इधर-उधर खड़े दिखाई देते हैं. सर्व सुविधा युक्त इस कलेक्ट्रेट परिसर में पार्किंग के लिए भी अलग-अलग स्थान निर्धारित किए गए हैं, लेकिन अधिकारी हो या फिर अपने निजी काम से आए लोग अपने वाहन को व्यवस्थित रूप से नहीं खड़ा करते.

जिला मुख्यालय हो रहा अव्यवस्थाओं का शिकार

रीवा जिले के जिला मुख्यालय की व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. शासन-प्रशासन एक ओर अर्थव्यवस्था की बड़ी-बड़ी बात करता है. उन्हीं के दफ्तरों के बाहर वाहनों को खड़ा करने का रवैया ही व्यवस्थित नहीं है. प्रशासन की इस सुव्यवस्थित व्यवस्था को तार-तार करने वाले और कोई नहीं बल्कि किसी प्रशासन के बड़े अधिकारी, कुछ नेता और रोज अपने निजी काम से आने वाले आम लोग हैं. जब इस पूरे मामले को लेकर रीवा एसडीएम से बात की तो उन्होंने इस बात को मानते हुए जल्द से जल्द इस लचर व्यवस्था को ठीक करने की बात कही है.

रीवा जिला मुख्यालय के हालात कई बार सुधारने का प्रयास किया गया, लेकिन जब बड़े अधिकारी और कुछ स्थानीय नेताओं के द्वारा ही इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं तो आम लोगों से इन नियमों का पालन करने की उम्मीद नहीं की जा सकती.

Intro:रीवा जिले का कलेक्ट्रेट परिसर इन दिनों अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है जिस परिसर से पूरे जिले की कार्यप्रणाली की योजना बनाई जाती है उसी परिसर में आम लोग तो छोड़िए अधिकारियों के भी वाहन इधर उधर खड़े दिखाई देते है। सर्व सुविधा युक्त इस कलेक्ट्रेट परिसर में पार्किंग के लिए भी अलग अलग स्थान निर्धारित किए गए हैं लेकिन अधिकारी हो या फिर कलेक्ट्रेट में अपने निजी काम से आए लोग भी अपने वाहन को व्यवस्थित रूप से नहीं खड़ा करते हैं।


Body:जिस मुख्यालय से पूरे जिले की रूपरेखा तैयार की जाती है वहीं मुख्यालय इन दिनों भारी अव्यवस्था का शिकार दिखाई दे रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं रीवा जिले के जिला मुख्यालय की यहां इन दिनों प्रशासन की व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं शासन-प्रशासन जहां एक और अर्थव्यवस्था की बड़ी-बड़ी बात करता है उन्हीं के दफ्तरों के बाहर वाहनों को खड़ा करने का रवैया ही व्यवस्थित दिखाई नहीं दे रहा है। इस विशालकाय कलेक्ट्रेट परिसर में यह जो खाली जमीन दिख रही है या खाली दिखने वाली जमीन कुछ और नहीं बल्कि अधिकारियों और आम लोगों की पार्किंग की व्यवस्था की जमीन है इसी तरह से परिसर के चारों ओर वाहन को खड़ा करने की लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है हालांकि कुछ तो इसका पालन करते हैं और कुछ जिला मुख्यालय के मुख्य द्वार के बाहर ही वाहन को खड़ा कर इस व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने में तुले रहते हैं।

प्रशासन की इस सुव्यवस्थित व्यवस्था को तार-तार करने वाले और कोई नहीं बल्कि किसी प्रशासन के बड़े अधिकारी, कुछ नेता और रोज अपने निजी काम से आने वाले आम लोग हैं। जो खुद अपने ही बनाए नियमों को पालन नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में दूसरे लोगों से नियमों के पालन की कितनी अपेक्षा की जा सकती है।

वहीं जब हमने इस पूरे मामले को लेकर रीवा एसडीएम से बात की तो उन्होंने इस बात को मानते हुए जल्द से जल्द इस लचर व्यवस्था को ठीक करने की बात कही।


Conclusion:दरअसल रीवा जिला मुख्यालय के हालात कई बार सुधारने का प्रयास किया गया लेकिन जब बड़े अधिकारी और कुछ स्थानीय नेताओं के द्वारा ही इन नियमों किस तरह से धज्जियां उड़ाई जाती हैं तो आम लोगों से इन नियमों का पालन करने की कितनी उम्मीद की जा सकती है। खैर प्रशासन के एक बड़े अधिकारी ने नियमों को पालन करने के लिए कठोर कदम उठाने की बात तो की है अब देखने वाली बात यह होगी कि कितनी जल्दी कलेक्ट्रेट का प्रशासनिक अमला और आम लोग इन नियमों के साथ दिखाई देते हैं।

बाइट- विकास कुमार सिंह, डिप्टी कलेक्टर रीवा।
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