रीवा। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के भाई यदुनाथ तिवारी के अमहिया स्थित निवास पर आज जीएसटी विभाग की टीम ने छापेमार कार्रवाई की. भतीजे के द्वारा संचालित किए जा रहे सावित्री कांट्रेक्शन कंपनी में किए गए ट्रैक्टर चोरी को लेकर दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं.
टैक्स चोरी की शिकायत पर छापा
बताया जा रहा है कि राजन तिवारी के द्वारा सावित्री कंस्ट्रक्शन नाम से फर्म चलाया जा रहा है, जिसमें बड़ी मात्रा में अनियमितता की गई है. राजेन्द्र तिवारी के द्वारा टैक्स की चोरी भी की गई है. जिसकी शिकायत जीएसटी विभाग को मिली थी. शिकायत मिलने के बाद अमहिया स्थित निवास में पहुंचकर जीएसटी विभाग की टीम ने दबिश देते हुए कार्रवाई शुरू की. सतना व रीवा की 22 सदस्यीय टीम ने आज दोपहर शिकायत के आधार पर राजेंद्र तिवारी के घर पर छापा मार कार्रवाई की. यदुनाथ तिवारी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के भाई हैं, जिनके भतीजे कंट्रक्शन का काम करते हैं और अनियमितता की शिकायत के बाद आज जीएसटी विभाग की टीम ने कार्रवाई की है.
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कार्रवाई के दौरान जीएसटी विभाग के अधिकारी मीडिया के कैमरों से बचते नजर आए. कार्रवाई को लेकर मीडिया कर्मियों ने जब सतना एंटी विजन ब्यूरो जीएसटी विभाग के अधिकारी अमित पटेल से संपर्क करना चाहा तो बाहर खड़े मीडिया कर्मियों को घंटों इंतजार करवाया और बाद में फोन रिसीव करना बंद कर दिया.
इंदिरा गांधी के कहने पर कांग्रेस में हुए थे शामिल
श्रीनिवास तिवारी 1973 में इंदिरा गांधी के कहने पर कांग्रेस में शामिल हुए थे. वर्ष 1980 में अर्जुन सिंह के मंत्रिमंडल में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बने. वर्ष 1993 में दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद वह लगातार 10 साल तक विधानसभा अध्यक्ष रहे.
'सफेद शेर' कहलाते थे श्रीनिवास तिवारी
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रहे श्रीनिवास तिवारी एक जुझारू और कर्मठ नेता थे. समाजवादी विचारधारा के साथ उन्होंने जीवनभर मुखरता से आम आदमी की आवाज को बुलंद किया. वे मददगार स्वभाव के व्यक्ति थे और अपने रौबदार स्वभाव के कारण 'सफेद शेर' कहलाते थे.
श्रीनिवास तिवारी को दिग्विजय सिंह मानते अपना गुरू
विन्ध्य में सफेद शेर के नाम से पहचाने जाने वाले श्रीनिवास तिवारी को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपना गुरू मानते थे, तो पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर अपना घनिष्ट मित्र मानते हुए मुलाकात पर उनके पैर छूने से नहीं हिचकते थे. विस अध्यक्ष रहने के दौरान वे पहली बार विधानसभा में मार्शल का उपयोग कर चर्चा में आए थे. इसके साथ ही उन्हें सख्त विस अध्यक्ष के रूप में भी ख्याति मिली थी और उनके कार्यकाल में पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों के बीच बेहतर समन्वय के लिये भी उन्हें जाना जाता है. विन्ध्य की राजनीति की महत्वपूर्ण धुरी माने जाने वाले विस अध्यक्ष हालिया भाजपा सरकार में अपने कार्यकाल में नियुक्तियों को लेकर भी चर्चा में आए.