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ICICI बैंक के कर्मचारियों ने ग्राहकों से ठगे लाखों रुपए, असिस्टेंट मैनेजर सहित कई पर मामला दर्ज

रीवा के ICICI बैंक जय स्तंभ शाखा में ग्राहकों के साथ लाखों की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

Fraud of millions in ICICI Bank
ICICI बैंक में लाखों की ठगी
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Published : Oct 22, 2020, 9:51 AM IST

रीवा। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के जय स्तंभ चौराहे में संचालित ICICI बैंक में ग्राहकों के जमा पैसों के साथ हेराफेरी करने का मामला सामने आया है. ग्राहकों का आरोप है कि बैंक कर्मचारियों-अधिकारियों ने उनके जमा पैसों में हेराफेरी की है. बैंक ग्राहक ने जैसे ही इस बात की शिकायत की तो SP ने तुरंत ICICI बैंक जय स्तंभ शाखा के असिस्टेंट मैनेजर और अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है.

ICICI बैंक में लाखों की ठगी

अस्पताल चौराहा निवासी राजन वर्मा ने सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई है. शिकायकर्ता ने बताया कि उसे वाहन की किश्त जमा होने का फर्जी प्रमाण पत्र बैंक के कर्मचारी देते रहे, और किश्त भी बढ़ती गई. इस तरह से बैंक के कई ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की गई. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. साथ ही ICICI बैंक के सहायक प्रबंधक राजेश यादव सहित कई कर्मचारियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है.

बैंक से दे दी गई फर्जी एनओसी

शिकायतकर्ता राजन वर्मा ने बताया कि साल 2016 में उसने सफारी वाहन के लिए 12 लाख रुपए फाइनेंस कराया था, जिसकी महीने में 26 हजार रुपए किश्त निर्धारित की गई थी. किश्त जमा करने के बाद बाकि राशि 7.60 लाख रुपए बीते साल नवंबर में एक साथ भुगतान कर दिया था. इस पर बैंक से एनओसी मांगी तो पहले कई दिनों तक इधर-उधर की बात कर उन्हें वापस लौटा दिया. इसके बाद मुंबई मेन ब्रांच से फोन आता रहा कि किश्त बाकी है. जिसके बाद पीड़ित बैंक पहुंचा और असिस्टेंट मैनेजर राजेश यादव से मुलाकात की, असिस्टेंट मैनेजर ने कहा कि किश्त जमा है, जल्द ही एनओसी मिल जाएगी. कुछ दिन बाद पीड़ित को एनओसी भी दे दी गई, लेकिन वो एनओसी फर्जी निकली.

बैंक कर्मचारियों ने की धोखाधड़ी

बैंककर्मियों ने पहले तो ग्राहकों के जमा 7 लाख 60 हजार रुपए जमा नहीं किए, और फिर बैंक में लिमिट खाते से 3 लाख 86 हजार रुपए भी आहरित कर लिया. जब पीड़ित ने पुलिस के पास जाने की बात कही तो असिस्टेंट मैनेजर राजेश यादव ने 9 लाख 71 हजार रुपए खाते में वापस करते हुए अपनी गलती स्वीकार की, और फिर से वाहन की किश्त पूरी होने की एनओसी दे दिया, जिसके बाद 20 अक्टूबर की दोपहर जब फिर मैसेज आया, कि खाते से रुपए काटा गया है तो शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई.

पूरी किस्त जमा करने के बाद बैंक ने काटी राशि

बैंककर्मियों ने एक आर्मी रिटायर ग्राहक को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने जमीन के लिए लोन लिया था, और रिटायर होने के बाद बैंक पहुंचकर 11 लाख रुपए की पूरी राशि जमा कर दी थी, लेकिन उसके बाद भी लोन की किस्त चलती रही, जिस पर बैंक से जानकारी मांगी गई, तो बैंक कर्मचारियों ने उन्हे भी फर्जी एनओसी दे दी, जिसकी शिकायत भी आर्मी जवान ने की है,

रीवा। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के जय स्तंभ चौराहे में संचालित ICICI बैंक में ग्राहकों के जमा पैसों के साथ हेराफेरी करने का मामला सामने आया है. ग्राहकों का आरोप है कि बैंक कर्मचारियों-अधिकारियों ने उनके जमा पैसों में हेराफेरी की है. बैंक ग्राहक ने जैसे ही इस बात की शिकायत की तो SP ने तुरंत ICICI बैंक जय स्तंभ शाखा के असिस्टेंट मैनेजर और अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है.

ICICI बैंक में लाखों की ठगी

अस्पताल चौराहा निवासी राजन वर्मा ने सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई है. शिकायकर्ता ने बताया कि उसे वाहन की किश्त जमा होने का फर्जी प्रमाण पत्र बैंक के कर्मचारी देते रहे, और किश्त भी बढ़ती गई. इस तरह से बैंक के कई ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की गई. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. साथ ही ICICI बैंक के सहायक प्रबंधक राजेश यादव सहित कई कर्मचारियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है.

बैंक से दे दी गई फर्जी एनओसी

शिकायतकर्ता राजन वर्मा ने बताया कि साल 2016 में उसने सफारी वाहन के लिए 12 लाख रुपए फाइनेंस कराया था, जिसकी महीने में 26 हजार रुपए किश्त निर्धारित की गई थी. किश्त जमा करने के बाद बाकि राशि 7.60 लाख रुपए बीते साल नवंबर में एक साथ भुगतान कर दिया था. इस पर बैंक से एनओसी मांगी तो पहले कई दिनों तक इधर-उधर की बात कर उन्हें वापस लौटा दिया. इसके बाद मुंबई मेन ब्रांच से फोन आता रहा कि किश्त बाकी है. जिसके बाद पीड़ित बैंक पहुंचा और असिस्टेंट मैनेजर राजेश यादव से मुलाकात की, असिस्टेंट मैनेजर ने कहा कि किश्त जमा है, जल्द ही एनओसी मिल जाएगी. कुछ दिन बाद पीड़ित को एनओसी भी दे दी गई, लेकिन वो एनओसी फर्जी निकली.

बैंक कर्मचारियों ने की धोखाधड़ी

बैंककर्मियों ने पहले तो ग्राहकों के जमा 7 लाख 60 हजार रुपए जमा नहीं किए, और फिर बैंक में लिमिट खाते से 3 लाख 86 हजार रुपए भी आहरित कर लिया. जब पीड़ित ने पुलिस के पास जाने की बात कही तो असिस्टेंट मैनेजर राजेश यादव ने 9 लाख 71 हजार रुपए खाते में वापस करते हुए अपनी गलती स्वीकार की, और फिर से वाहन की किश्त पूरी होने की एनओसी दे दिया, जिसके बाद 20 अक्टूबर की दोपहर जब फिर मैसेज आया, कि खाते से रुपए काटा गया है तो शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई.

पूरी किस्त जमा करने के बाद बैंक ने काटी राशि

बैंककर्मियों ने एक आर्मी रिटायर ग्राहक को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने जमीन के लिए लोन लिया था, और रिटायर होने के बाद बैंक पहुंचकर 11 लाख रुपए की पूरी राशि जमा कर दी थी, लेकिन उसके बाद भी लोन की किस्त चलती रही, जिस पर बैंक से जानकारी मांगी गई, तो बैंक कर्मचारियों ने उन्हे भी फर्जी एनओसी दे दी, जिसकी शिकायत भी आर्मी जवान ने की है,

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