रीवा। विंध्य के सबसे बड़े 800 बिस्तर वाले संजय गांधी अस्पताल मौत का घर बनता जा रहा है. मगर जिला प्रशासन बढ़ते मौत के आंकड़ों पर रोकथाम करने की बजाय उसे छुपाने की भरपूर कोशिश में जुटा हुआ है. जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से लगातार लोगों की मौतें हो रही हैं. बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन अपनी कमियों को छुपाते हुए आंकड़ों का आधार दिखाकर अस्पताल पहुंचने में देरी को मौत की वजह बता रहा है.
- जिले में बढ़ रही कोरोना की 'भयावहता'
जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन दिनों दिन कोरोना की भयावहता बढ़ती ही जा रही है. जिसके कारण अब युवाओं का विशाल समूह भी इसकी चपेट में आ रहा है. वर्तमान में फैले कोरोना वायरस के दूसरे दौर में ऑक्सीजन की कमी लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आई है, जिससे लोगों की जान चली जाती है. हालांकि विश्वस्त सूत्रों की माने तो इलाज में लापरवाही भी मौत की बड़ी वजह है, लेकिन कमियों के बावजूद प्रशासन मौत के आंकड़ों पर पर्दा डालता नजर आ रहा है.
- मौत के आंकड़ों में हो रही वृद्धि, नहीं बताए जा रहे सही आंकड़े
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन मनोज इंदुरकर की माने तो बढ़ते संक्रमण ने अब लोगों को संभलने तक का मौका नहीं दिया है. इसका असर सीधे तौर पर हवा से देखने को मिल रहा है. इसके कारण ज्यादा संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं. संक्रमण का इलाज लोग अपने घर पर बैठकर करने लगते हैं, ऐसे में उन्हें अस्पताल पहुंचने में भी देरी हो जाती है. यही वजह है कि मौत के आंकड़ों में दिनों दिन वृद्धि होती जा रही है. अस्पताल में बिस्तर और ऑक्सीजन की भरपूर व्यवस्था कराई गई है, जिससे इलाज में किसी भी प्रकार की चूक होना संभव नहीं है. लेकिन यदि सूत्रों की माने तो आज भी कोरोना वायरस के संक्रमण से हर दिन अस्पताल में 5 से 6 मरीजों की मौत हो रही है.
बेनकाब 'सरकार' ? जानिए, मौत का आंकड़ा छिपाने से क्या है फायदा
- स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़े
- कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या- 7,758
- नए प्रकरण- 343
- मृत्यु के नए प्रकरण- 00
- कुल प्रकरण 5,551
- नए स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या- 107
- जिले में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या- 2,166
- अब तक जिले में कोरोना से मौत- 41