रीवा। विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र अंतर्गत इटौरा बाईपास स्थित सरकारी जमीन में अतिक्रमण कर बनाए गए आश्रम पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया. जिसके बाद साधु-संतों ने इसका विरोध किया. साधुओं का कहना था कि मंदिर में रखी मुर्ती को गिराना ठिक नहीं है. कई घंटों तक तनाव की स्थिति बनी रही. करीब पांच घंटे तक चली बातचीत के बाद प्रशासन ने एक-एक कर परशुराम आश्रम में कराए गए निर्माण कार्य को जमींदोज कर दिया.
आश्रम तोड़ने का कांग्रेसियों ने किया विरोध
प्रशासनिक अमला जैसे ही अपने दल बल के साथ कार्रवाई करने आश्रम पहुंचा तो वहां मौजूद साधु-सांतों ने इसका विरोध किया. इसी बीच कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी भी वहां पहुंचे और उन्होंने संतों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर जमीन शासकीय है तो शिवराज सरकार यहां पर स्थित मंदिरों को हटाने से पहले यहां भव्य मंदिर बनवाएं, फिर कार्रवाई करें. सूत्रों की मानें तो प्रशासन ने कई जमीन चिन्हित कर ली हैं. जिन्हें जल्द मुक्त कराया जाएगा.
शासकीय भूमि में अवैध कब्जा कर बनाया गया था आश्रम
जानकारी के मुताबिक, इटोरा बाईपास से लगी शासकीय जमीन पर भगवान परशुराम के नाम से आश्रम बनाकर हनुमान और शनिदेव की प्रतिमा स्थापित कर दी गई थी. धीरे-धीरे यज्ञशाला व निवास स्थल आदि निर्माण कराकर करीब एक एकड़ जमीन में बाउंड्री कर कब्जा कर लिया गया.