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इंसान के बाद अब फसल पर वायरस का हमला, कृषि वैज्ञानिकों ने दी यह सलाह...

येलो मोजेक वायरस की वजह से सोयाबीन की फसल खराब हो रही है. अगर जल्द ही कोई उपाय नहीं किया गया तो कई हेक्टेयर की फसल खराब हो सकती है. कृषि वैज्ञानिक के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी खेतों में जाकर किसानों को दवाई का स्प्रे करने की सलाह दे रहे हैं.

Crop damage
फसल को नुकसान
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Published : Aug 28, 2020, 9:01 AM IST

Updated : Aug 31, 2020, 10:06 AM IST

रतलाम । मालवा के सोने के नाम से मशहूर सोयाबीन की फसल इस बार येलो मोजेक वायरस की चपेट में आ गई है, जिससे मालवा क्षेत्र के जिलों में हजारों हेक्टेयर सोयाबीन की फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है. किसानों की फसलों की स्थिति का जायजा लेने कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक फील्ड में पहुंचकर सोयाबीन की फसल में आई बीमारियों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं.

फसल को नुकसान

वैज्ञानिकों ने दी सलाह

वहीं कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा के कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की फसल में येलो मोजेक, अफलन, जड़गलन जैसे रोगों से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है. किसानों को येलो मोजेक वायरस के प्रभाव को फैलने से रोकने की जानकारी के साथ जरुरी सावधानी बरतने की सलाह भी वैज्ञानिकों ने किसानों को दी है. फसल पर पश्चिमी मध्यप्रदेश के देवास, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर और नीमच जिलों में येलो मोजेक वायरस, अफलन और जड़गलन की वजह से सोयाबीन की फसल में भारी नुकसान हो रहा है. कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के विशेषज्ञों की टीम किसानों को फसल के बचाव के उपाय बता रही है.

किसान करें ये उपाय

कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक सर्वेश त्रिपाठी ने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि येलो मोजेक से प्रभावित पौधों को खेत से हटाकर जला दें या गड्ढे में दबा दें. येलो मोजेक वायरस के फैलने की मुख्य वजह सफेद मक्खी और कीट पतंगों के लिए थायो मैथाक्सिम और इमिडासाई हेलोथ्रीन दवा का स्प्रे 125ml प्रति हेक्टेयर का स्प्रे खेतों में करें.

Crop farmers
फसल दिखाते किसान

पत्तों पर धब्बे और जड़गलन की परेशानी के लिए टेबूक्युनोजोल और सल्फर का स्प्रे 1kg प्रति हेक्टेयर करें. कई गांव में सोयाबीन की फसल में फलन की स्थिति भी बनी हुई है, ऐसी मध्यम आयु और देर से आने वाली सोयाबीन की फसलों में 0-52-34 मोनो पोटेशियम सल्फेट 5 ग्राम प्रति लिटर स्प्रे करने की सलाह दी गई है.

Assessing officer
जायजा लेते अधिकारी

कृषि वैज्ञानिकों की टीम के साथ जिले के नवागत कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड भी किसानों के खेतों में येलो मोजैक वायरस की वजह से हो रहे नुकसान को देखने पहुंचे. येलो मोजेक वायरस से प्रभावित होकर खराब हो चुकी फसल का कोई समाधान कृषि वैज्ञानिकों और प्रशासन के पास नहीं है.

रतलाम । मालवा के सोने के नाम से मशहूर सोयाबीन की फसल इस बार येलो मोजेक वायरस की चपेट में आ गई है, जिससे मालवा क्षेत्र के जिलों में हजारों हेक्टेयर सोयाबीन की फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है. किसानों की फसलों की स्थिति का जायजा लेने कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक फील्ड में पहुंचकर सोयाबीन की फसल में आई बीमारियों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं.

फसल को नुकसान

वैज्ञानिकों ने दी सलाह

वहीं कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा के कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की फसल में येलो मोजेक, अफलन, जड़गलन जैसे रोगों से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है. किसानों को येलो मोजेक वायरस के प्रभाव को फैलने से रोकने की जानकारी के साथ जरुरी सावधानी बरतने की सलाह भी वैज्ञानिकों ने किसानों को दी है. फसल पर पश्चिमी मध्यप्रदेश के देवास, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर और नीमच जिलों में येलो मोजेक वायरस, अफलन और जड़गलन की वजह से सोयाबीन की फसल में भारी नुकसान हो रहा है. कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के विशेषज्ञों की टीम किसानों को फसल के बचाव के उपाय बता रही है.

किसान करें ये उपाय

कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक सर्वेश त्रिपाठी ने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि येलो मोजेक से प्रभावित पौधों को खेत से हटाकर जला दें या गड्ढे में दबा दें. येलो मोजेक वायरस के फैलने की मुख्य वजह सफेद मक्खी और कीट पतंगों के लिए थायो मैथाक्सिम और इमिडासाई हेलोथ्रीन दवा का स्प्रे 125ml प्रति हेक्टेयर का स्प्रे खेतों में करें.

Crop farmers
फसल दिखाते किसान

पत्तों पर धब्बे और जड़गलन की परेशानी के लिए टेबूक्युनोजोल और सल्फर का स्प्रे 1kg प्रति हेक्टेयर करें. कई गांव में सोयाबीन की फसल में फलन की स्थिति भी बनी हुई है, ऐसी मध्यम आयु और देर से आने वाली सोयाबीन की फसलों में 0-52-34 मोनो पोटेशियम सल्फेट 5 ग्राम प्रति लिटर स्प्रे करने की सलाह दी गई है.

Assessing officer
जायजा लेते अधिकारी

कृषि वैज्ञानिकों की टीम के साथ जिले के नवागत कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड भी किसानों के खेतों में येलो मोजैक वायरस की वजह से हो रहे नुकसान को देखने पहुंचे. येलो मोजेक वायरस से प्रभावित होकर खराब हो चुकी फसल का कोई समाधान कृषि वैज्ञानिकों और प्रशासन के पास नहीं है.

Last Updated : Aug 31, 2020, 10:06 AM IST
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