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राशन घोटाले और पेंशन घोटाले के विसलब्लोअर हेमंत अकोदिया की हार्ट अटैक से मौत

रतलाम नगर निगम के बहुचर्चित राशन घोटाले और सामाजिक पेंशन घोटाले को उजागर करने के बाद से निगम में भ्रष्टाचार करने वालों की पूरी लॉबी हेमंत की हार्टअटैक से मौत हो गई. बता दे घोटाला उजागर करने के बाद से भ्रष्टाचार करने वालों की पूरी लॉबी से धमकियां मिल रही थी, जिसके चलते वे परेशान रहते थे.

मृतक, हेमंत अकोदिया
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Published : Jul 21, 2019, 2:23 AM IST

रतलाम। नगर निगम में राशन घोटाला और सामाजिक सुरक्षा पेंशन घोटाला उजागर करने वाले व्हिसल ब्लोअर हेमंत अकोदिया की हार्ट अटैक से मौत हो गई. व्हिसलब्लोअर हेमंत को शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें रतलाम से इंदौर के निजी अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन इलाज के दौरान ही दोपहर में हेमंत ने दम तोड़ दिया. शाम उनका शव रतलाम लाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार गया.

हेमंत अकोदिया की मौत

2016 में रतलाम नगर निगम के बहुचर्चित राशन घोटाले और सामाजिक पेंशन घोटाले को उजागर करने के बाद से निगम में भ्रष्टाचार करने वालों की पूरी लॉबी हेमंत की फर्म को हटाने के लिए सक्रिय हो गई थी और उन्हें लगातार धमकियां भी मिली थी. 2017 में हेमंत की फॉर्म का ठेका निरस्त भी कर दिया गया था. यही वजह है कि वे काफी समय से परेशान चल रहे थे. हेमंत अकोदिया की असमय हुई मृत्यु ने इन दोनों बड़े मामलों की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं. खास बात यह भी है कि राशन और पेंशन घोटाले की जांच अभी जारी है और निगम के तीन अधिकारी अभी जेल में है.

आपको बता दें, व्हिसल ब्लोअर हेमंत अकोदिया की फर्म को सन 2015 में रतलाम नगर निगम में समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन का टेंडर मिला था. जिसके बाद इस फर्म ने पुरुषों को विधवा पेंशन देने, जीवित व्यक्तियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता देने और एक ही राशन कार्ड में हिंदू और मुस्लिम नामों को जोड़े जाने जैसे मामलों को उजागर किया था. जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने जांच करवाए जाने पर 10 करोड़ के राशन महाघोटाले का खुलासा हुआ था. जिसमे 12 हजार फर्जी राशनकार्ड उपभोक्ता सामने आए थे.

रतलाम। नगर निगम में राशन घोटाला और सामाजिक सुरक्षा पेंशन घोटाला उजागर करने वाले व्हिसल ब्लोअर हेमंत अकोदिया की हार्ट अटैक से मौत हो गई. व्हिसलब्लोअर हेमंत को शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें रतलाम से इंदौर के निजी अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन इलाज के दौरान ही दोपहर में हेमंत ने दम तोड़ दिया. शाम उनका शव रतलाम लाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार गया.

हेमंत अकोदिया की मौत

2016 में रतलाम नगर निगम के बहुचर्चित राशन घोटाले और सामाजिक पेंशन घोटाले को उजागर करने के बाद से निगम में भ्रष्टाचार करने वालों की पूरी लॉबी हेमंत की फर्म को हटाने के लिए सक्रिय हो गई थी और उन्हें लगातार धमकियां भी मिली थी. 2017 में हेमंत की फॉर्म का ठेका निरस्त भी कर दिया गया था. यही वजह है कि वे काफी समय से परेशान चल रहे थे. हेमंत अकोदिया की असमय हुई मृत्यु ने इन दोनों बड़े मामलों की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं. खास बात यह भी है कि राशन और पेंशन घोटाले की जांच अभी जारी है और निगम के तीन अधिकारी अभी जेल में है.

आपको बता दें, व्हिसल ब्लोअर हेमंत अकोदिया की फर्म को सन 2015 में रतलाम नगर निगम में समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन का टेंडर मिला था. जिसके बाद इस फर्म ने पुरुषों को विधवा पेंशन देने, जीवित व्यक्तियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता देने और एक ही राशन कार्ड में हिंदू और मुस्लिम नामों को जोड़े जाने जैसे मामलों को उजागर किया था. जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने जांच करवाए जाने पर 10 करोड़ के राशन महाघोटाले का खुलासा हुआ था. जिसमे 12 हजार फर्जी राशनकार्ड उपभोक्ता सामने आए थे.

Intro:रतलाम नगर निगम मे राशन घोटाला और सामाजिक सुरक्षा पेंशन घोटाला उजागर करने वाले व्हिसल ब्लोअर हेमंत अकोदिया की आज हार्ट अटैक से मौत हो गई .व्हिसल ब्लोअर हेमंत को शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद उन्हें रतलाम से इंदौर के निजी अस्पताल रैफर किया गया था लेकिन ईलाज के दौरान ही आज दोपहर हेमंत ने दम तोड़ दिया | आज शाम उनका शव रतलाम लाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार गया.

 Body:गौरतलब है कि व्हिसल ब्लोअर हेमंत अकोदिया का नाम उस समय चर्चा में आया था जब 2016 में उन्होंने रतलाम नगर निगम के बहुचर्चित राशन घोटाले और सामाजिक पेंशन घोटाले को उजागर किया था |व्हिसल ब्लोअर हेमंत अकोदिया की फर्म को सन 2015 में  रतलाम नगर निगम में समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन का टेंडर मिला था , जिसके बाद इस फर्म ने पुरुषो को विधवा पेंशन देने, जीवित व्यक्तियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता देने और एक ही राशन कार्ड में हिंदू और मुस्लिम नामों को जोड़े जाने जैसे मामलों को उजागर किया था जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जांच करवाए जाने पर 10 करोड़ के राशन महाघोटाले का खुलासा हुआ था .जिसमे 12 हजार फर्जी राशनकार्ड उपभोक्ता सामने आए थे | जिसके बाद निगम में भ्रष्टाचार करने वालों की पूरी लॉबी हेमंत की फर्म को हटाने के लिए सक्रीय हो गई थी | और उन्हें लगातार धमकियां भी मिली थी | और 2017 में हेमंत की फॉर्म का ठेका निरस्त भी कर दिया गया था. खास बात यह भी है कि राशन और पेंशन घोटाले की जांच अभी जारी है और निगम के तीन अधिकारी अभी जेल में है.
Conclusion: 10 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले उजागर करने वाले व्हिसल ब्लोवर हेमंत अकोदिया पर मामलों की जांच के दौरान दबाव बनाया जा रहा था जिसकी वजह से वह परेशान चल रहे थे. हेमंत अकोदिया की असमय हुई मृत्यु ने इन दोनों बड़े मामलों की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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