रतलाम। पूर्व भाजपा पार्षद सीमा टाक और रतलाम के स्टेशन रोड पुलिस थाना प्रभारी के बीच फीवर क्लीनिक पर तीखी नोक-झोंक हो गयी, जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
ई-पास को लेकर हुआ विवाद
दरअसल, भाजपा की पूर्व पार्षद सीमा टांक को लोगों ने बताया कि वह अपनी कोविड-19 जांच के लिए सिविक सेंटर स्थित तरणताल फीवर क्लीनिक पहुंचे. वहां उनसे जांच के लिए ई-पास मांगा जा रहा है. इस पर उन्होंने जनता की परेशानी को समझते हुए फीवर क्लीनिक पहुंचकर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जब जिला कलेक्टर और एसपी बोल चुके हैं कि मेडिकल इमरजेंसी में कोई ई-पास नहीं मांगा जाएगा. इसके बावजूद ई-पास क्यों मांग जा रहा है.
जिला कलेक्टर से बात के बाद हुई जांच
वहां मौजूदा स्टाफ ने कहा कि हम को ऊपर से आदेश हैं. उन्होंने कहा कि आप आदेश दिखाएं या फिर लिखकर दीजिए कि बगैर ई-पास के जांच नहीं करेंगे, इस पर विवाद खड़ा हो गया और भीड़ इकट्ठा हो गई. इस बीच दो बत्ती पुलिस थाने के टीआई किशोर पाटनवाला लाव लश्कर के साथ पहुंच गए. जिस पर किशोर पाटन वाला और सीमा टाक के बीच काफी देर तक बहस हुई. किशोर पाटन वाला ने कहा कि जिनके पास ई-पास नहीं है, वह सब पुलिस थाने चलें तो सीमा टाक ने कहा कि पहले मुझे गिरफ्तार कीजिये फिर इनको ले चलिये मैं चलने को तैयार हूं. उनकी बात सुनकर जितने लोग जांच कराने पहुंचे थे, वह भी कहने लगे कि हम भी आपके साथ चलेंगे. बाद में जिला कलेक्टर ने सीमा टाक से बात की और उनके हस्तक्षेप से जो भी लोग जांच कराने पहुंचे थे, उन सभी की जांच प्रारंभ हुई.
देखिये बहुत ही स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर आप मेडिकल इमरजेंसी के अलावा फीवर क्लिनिक जा रहे हैं, तो ई-पास बनवाकर जाना पड़ेगा. चूंकि वहां लोग जमा हो गए थे. इसलिये सेम्पलिंग करवा दिया था, जो नहीं निकल सकते हैं, वो फोन करें टीम उनके घर आकर सेम्पलिंग करेगी. बिना ई-पास के नहीं जाने दिया जाएगा यह स्पष्ट है. मैं तो वहां नही था, मैसेज आया था कि कुछ लोग इकट्ठा हैं. उनके पास ई-पास नहीं है तो मैंने कहा कि उनकी सेम्पलिंग कर दो. हम लोग पिछले सात दिनों से 1800 सेम्पलिंग घर-घर जाकर कर रहे हैं. यह पहले से 30 प्रतिशत ज्यादा है. बहुत अच्छे परिणाम आ रहे है.
कुमार पुरुषोत्तम, कलेक्टर, रतलाम
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आज सादे 10 से 11 बजे के बीच मेरे पास फोन आया कुछ लोगों का, कि दीदी हम फीवर क्लिनिक पर खड़े हैं. हम यहां कोरोना टेस्ट कराने आये हैं लेकिन टेस्ट नहीं करते हुए हमे वापस भेजा जा रहा है. पूछने पर ई-पास का हवाला दिया गया. बिना ई-पास के आपका कोरोना टेस्ट नहीं होगा. मैं तत्काल वहां पहुंची. वहां जाकर देखा तो लोग परेशान हो रहे थे. मैंने रास्ते से ही कलेक्टर को फोन किया था. मगर उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया. वहां पहुंची तो देखा कि फीवर क्लीनिक पर जांच करने वाले उन लोगों को बोल रहे थे कि अगर आप ई-पास बिना यहां आए तो आप पर कार्रवाई होगी. मैंने उसी समय उन लोगों से बात की. निवेदन किया कि कलेक्टर साहब ने बयान जारी किया कि मेडिकल सेवा में कोई ई-पास की आवश्यकता नहीं है. इस वजह से इनकी जांच की जानी चाहिए.
सीमा टांक, भाजपा नेत्री, पूर्व पार्षद