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कोरोना काल में सेवा देने वाले चिकित्सकों की सेवा समाप्त, जनसुनवाई में लगाई गुहार

कोरोना काल में अपनी अमूल्य सेवा देने वाले कोरोना वारियर्स की सेवा समाप्त कर दी गई. जिसके बाद आयुष और होम्योपैथिक चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर जनसुनवाई में गुहार लगाई है.

जनसुनवाई में लगाई गुहार
Appeal in public hearing
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Published : Feb 10, 2021, 2:17 PM IST

रतलाम। कोरोना काल में अपनी अमूल्य सेवा देने वाले कोरोना वारियर्स की अनदेखी और सेवा समाप्त की जा रही है. इस मामले में आयुष और होम्यो चिकित्सक संगठन ने जनसुनवाई में पहुंचकर गुहार लगाई.

कोरोना वारियर्स के सामने रोजगार का संकट

कोरोना आपदा के दौरान जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्डों में 3 महीने के बॉन्ड पर रखे गए आयुष और होम्योपैथिक चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई. जिससे अब इन कोरोना वारियर्स के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.

चिकित्सकों की मांग

आयुष और होम्योपैथिक चिकित्सकों की ने मांग की है कि उन्हें संविदा नियुक्ति पर रखा जाना चाहिए और के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता सूची में भी शामिल किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में खाली पदों पर कोरोना आपदा के समय सेवा देने वाले आयुष और होम्यो चिकित्सकों को प्राथमिकता दी जाना चाहिए.

वहीं कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर के पदों के लिए निकाली गई वैकेंसी में आयुर्वेद के चिकित्सकों को ही इस पद के लिए योग्य माना गया है, जबकि होम्योपैथिक के चिकित्सकों को बाहर रखा गया है.

बहरहाल जनसुनवाई में पहुंचे कोरोना वारियर्स ने कलेक्टर से बेरोजगार हुए चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ के लोगों को संविदा नियुक्ति पर रखने की गुहार लगाई है. साथ ही उन्होंने मांग न पूरी करने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

रतलाम। कोरोना काल में अपनी अमूल्य सेवा देने वाले कोरोना वारियर्स की अनदेखी और सेवा समाप्त की जा रही है. इस मामले में आयुष और होम्यो चिकित्सक संगठन ने जनसुनवाई में पहुंचकर गुहार लगाई.

कोरोना वारियर्स के सामने रोजगार का संकट

कोरोना आपदा के दौरान जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्डों में 3 महीने के बॉन्ड पर रखे गए आयुष और होम्योपैथिक चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई. जिससे अब इन कोरोना वारियर्स के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.

चिकित्सकों की मांग

आयुष और होम्योपैथिक चिकित्सकों की ने मांग की है कि उन्हें संविदा नियुक्ति पर रखा जाना चाहिए और के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता सूची में भी शामिल किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में खाली पदों पर कोरोना आपदा के समय सेवा देने वाले आयुष और होम्यो चिकित्सकों को प्राथमिकता दी जाना चाहिए.

वहीं कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर के पदों के लिए निकाली गई वैकेंसी में आयुर्वेद के चिकित्सकों को ही इस पद के लिए योग्य माना गया है, जबकि होम्योपैथिक के चिकित्सकों को बाहर रखा गया है.

बहरहाल जनसुनवाई में पहुंचे कोरोना वारियर्स ने कलेक्टर से बेरोजगार हुए चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ के लोगों को संविदा नियुक्ति पर रखने की गुहार लगाई है. साथ ही उन्होंने मांग न पूरी करने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

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