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रतलाम: जंगली जानवरों के अवशेषों की तस्करी का भंडाफोड़ - Trafficking of animal remains in Ratlam

वन विभाग ने रतलाम में औषधी दुकानों पर छापामार कार्रवाई कर वहां से बड़ी मात्रा में जंगली जानवरों के अवशेष बरामद किए हैं, जिनकी कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है.

remains of wild animals recovered in Ratlam
जानवरों के अवशेष बरामद
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Published : Feb 21, 2021, 7:50 PM IST

रतलाम। वन विभाग रतलाम ने दो औषधी दुकानों पर छापामार कार्रवाई कर वहां से बड़ी मात्रा में जंगली जानवरों के अवशेष बरामद किए हैं, जिनकी कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है. मामले में वन विभाग स्थानीय पुलिस के साथ दो लोगों से पूछताछ कर रही है.

जानवरों के अवशेष बरामद

कार्रवाई चौमुखी पुल क्षेत्र स्थित दुकान और मिर्ची गली कि एक फर्म पर की गई है. जहां से जंगली जानवरों के नाखून, सिंग और अन्य अवशेष जब्त किए गए हैं. जब्त सभी अवशेष भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित है.

जांच में जुटी पुलिस

हरियाणा के एक शख्स दीपक कुमार की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है. वन विभाग के अधिकारी इस बात की जांच में जुटे है की वन्य प्राणियों के ये अवशेष आखिर कहां से रतलाम तक पहुंचे है और इस पूरे खेल के पीछे आखिर कौन सा गिरोह सक्रीय है.

तांत्रिक क्रियाओं औमें होता है उपयोग

सियार सिंगी, शेर के नाखून, उल्लू के नाखून जैसे जंगली जानवरों के इन अवशेषों का इस्तेमाल तांत्रिक क्रियाओं और टोने-टोटके के लिए किया जाता है. जहां अंधविश्वास के चलते जंगली जानवरों के अवशेषों का यह कारोबार फल फूल रहा है.

रतलाम में पहली बार वन विभाग द्वारा वन्य जीवो के अवशेष बरामद करने का यह मामला सामने आया है. अधिकारियों के अनुसार वन्यजीवों के इन अवशेषों की खरीदी और बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिसकी वजह से इनकी कीमतों का आकलन करना संभव नहीं है. लेकिन प्रतिबंधित बाजार में इन अवशेषों की कीमत लाखों रुपए में बताई जा रही है.

रतलाम। वन विभाग रतलाम ने दो औषधी दुकानों पर छापामार कार्रवाई कर वहां से बड़ी मात्रा में जंगली जानवरों के अवशेष बरामद किए हैं, जिनकी कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है. मामले में वन विभाग स्थानीय पुलिस के साथ दो लोगों से पूछताछ कर रही है.

जानवरों के अवशेष बरामद

कार्रवाई चौमुखी पुल क्षेत्र स्थित दुकान और मिर्ची गली कि एक फर्म पर की गई है. जहां से जंगली जानवरों के नाखून, सिंग और अन्य अवशेष जब्त किए गए हैं. जब्त सभी अवशेष भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित है.

जांच में जुटी पुलिस

हरियाणा के एक शख्स दीपक कुमार की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है. वन विभाग के अधिकारी इस बात की जांच में जुटे है की वन्य प्राणियों के ये अवशेष आखिर कहां से रतलाम तक पहुंचे है और इस पूरे खेल के पीछे आखिर कौन सा गिरोह सक्रीय है.

तांत्रिक क्रियाओं औमें होता है उपयोग

सियार सिंगी, शेर के नाखून, उल्लू के नाखून जैसे जंगली जानवरों के इन अवशेषों का इस्तेमाल तांत्रिक क्रियाओं और टोने-टोटके के लिए किया जाता है. जहां अंधविश्वास के चलते जंगली जानवरों के अवशेषों का यह कारोबार फल फूल रहा है.

रतलाम में पहली बार वन विभाग द्वारा वन्य जीवो के अवशेष बरामद करने का यह मामला सामने आया है. अधिकारियों के अनुसार वन्यजीवों के इन अवशेषों की खरीदी और बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिसकी वजह से इनकी कीमतों का आकलन करना संभव नहीं है. लेकिन प्रतिबंधित बाजार में इन अवशेषों की कीमत लाखों रुपए में बताई जा रही है.

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