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लॉकडाउन से पर्यावरण में आया सुधार, रतलाम में भी संवर गए प्राकृतिक स्त्रोत

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Published : Jun 5, 2020, 8:25 PM IST

रतलाम शहर के पर्यावरण में हुए सुधार का रियलिटी चेक जब ईटीवी भारत की टीम ने किया तो आंकड़े सुखद अहसास करवाते हैं. अप्रैल और मई के माह में रतलाम शहर का अधिकतम तापमान केवल एक दिन के लिए 44 डिग्री तक पहुंचा था. जबकि पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 43 से 44 डिग्री का तापमान मार्च के आखिरी हफ्ते में ही छू जाता है.

Improvement in Ratlam's environment
रतलाम के पर्यावरण में आया सुधार

रतलाम। लॉकडाउन के चलते रतलाम का पर्यावरण भी संवर गया है. देशभर के कई शहरों से प्रदूषण में कमी की खबरें आ रही हैं. ऐसे में रतलाम शहर के पर्यावरण में हुए सुधार का रियलिटी चेक जब ईटीवी भारत की टीम ने किया तो आंकड़े सुखद अहसास करवाते हैं. आमतौर पर अप्रैल और मई के महीने की भीषण गर्मी से राहत मिली है. अप्रैल और मई के महीने में रतलाम शहर का अधिकतम तापमान केवल एक ही दिन 44 डिग्री तक पहुंचा था. जबकि पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 43-44 डिग्री का तापमान मार्च के आखिरी हफ्ते में ही छू जाता है. वहीं रतलाम के जल स्त्रोतों में भी प्रदूषण में कमी आई है.

एयर पोल्यूशन के मामले में भी रतलाम शहर के आंकड़े राहत देने वाले हैं. अब जबकि लॉकडाउन खुलने लगा है. उसके बावजूद शहर की हवा में होने वाला प्रदूषण मार्च के मुकाबले बेहद कम हैं. यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 83 के लगभग है. जो पहले के मुकाबले कम हो गया है. रतलाम शहर की हरियाली में भी एक अलग ही निखार देखने को मिल रहा है.

कोरोना काल में हुआ स्वच्छ वातावरण

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान देश के साथ-साथ रतलाम के पर्यावरण में भी सुधार आया है. रतलाम शहर के प्रदूषण में कमी के साथ ही मई के महीने में पढ़ने वाली भीषण गर्मी से भी इस साल राहत मिली है.

गर्मी से मिली राहत

मई के महीने में अधिकतम तापमान जहां 46.7 डिग्री के आस पास पहुंच जाता है. वहीं इस बार मई के महीने में अधिकतम तापमान सिर्फ 1 दिन के लिए 44 डिग्री के आंकड़े को छू सका है. यही हाल रतलाम के जल स्त्रोतों का भी है. जहां रतलाम के झाली तालाब और हनुमान ताल के पानी की शुद्धता लॉकडाउन के दौरान बढ़ गई है. रतलाम के वायु प्रदूषण के आंकड़ों में भी जबरदस्त सुधार हुआ है. यहां एयर क्वालिटी में पीएम 2.5 का स्तर 27 यूनिट है.

रतलाम। लॉकडाउन के चलते रतलाम का पर्यावरण भी संवर गया है. देशभर के कई शहरों से प्रदूषण में कमी की खबरें आ रही हैं. ऐसे में रतलाम शहर के पर्यावरण में हुए सुधार का रियलिटी चेक जब ईटीवी भारत की टीम ने किया तो आंकड़े सुखद अहसास करवाते हैं. आमतौर पर अप्रैल और मई के महीने की भीषण गर्मी से राहत मिली है. अप्रैल और मई के महीने में रतलाम शहर का अधिकतम तापमान केवल एक ही दिन 44 डिग्री तक पहुंचा था. जबकि पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 43-44 डिग्री का तापमान मार्च के आखिरी हफ्ते में ही छू जाता है. वहीं रतलाम के जल स्त्रोतों में भी प्रदूषण में कमी आई है.

एयर पोल्यूशन के मामले में भी रतलाम शहर के आंकड़े राहत देने वाले हैं. अब जबकि लॉकडाउन खुलने लगा है. उसके बावजूद शहर की हवा में होने वाला प्रदूषण मार्च के मुकाबले बेहद कम हैं. यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 83 के लगभग है. जो पहले के मुकाबले कम हो गया है. रतलाम शहर की हरियाली में भी एक अलग ही निखार देखने को मिल रहा है.

कोरोना काल में हुआ स्वच्छ वातावरण

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान देश के साथ-साथ रतलाम के पर्यावरण में भी सुधार आया है. रतलाम शहर के प्रदूषण में कमी के साथ ही मई के महीने में पढ़ने वाली भीषण गर्मी से भी इस साल राहत मिली है.

गर्मी से मिली राहत

मई के महीने में अधिकतम तापमान जहां 46.7 डिग्री के आस पास पहुंच जाता है. वहीं इस बार मई के महीने में अधिकतम तापमान सिर्फ 1 दिन के लिए 44 डिग्री के आंकड़े को छू सका है. यही हाल रतलाम के जल स्त्रोतों का भी है. जहां रतलाम के झाली तालाब और हनुमान ताल के पानी की शुद्धता लॉकडाउन के दौरान बढ़ गई है. रतलाम के वायु प्रदूषण के आंकड़ों में भी जबरदस्त सुधार हुआ है. यहां एयर क्वालिटी में पीएम 2.5 का स्तर 27 यूनिट है.

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