रतलाम। अनलॉक होते ही देशभर में सभी कारोबारों को पटरी पर लाने के लिए कई कवायदों के साथ काम शुरू हो गए हैं. सभी दुकान, मॉल और सुपरमार्केट्स में लोगों को बिना मास्क के अंदर नहीं जाने नहीं दिया जा रहा है, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करवाया जा रहा है. इसके अलावा ज्यादातर कामों के लिए ऑनलाइन मोड को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में परिवहन विभाग ने भी अपने सभी काम ऑनलाइन शुरू कर दिए हैं.
रतलाम जिला परिवहन ऑफिस में अनलॉक होते ही बड़ी संख्या में लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और रिन्यूअल करवाने पहुंच रहे हैं. वहीं नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. RTO ऑफिस में अब आम दिनों की तरह ही काम शुरू हो गया है. इन दिनों ज्यादातर युवा और नौकरीपेशा लोग अपने लाइसेंस बनवाने या रिन्यूअल करवाने पहुंच रहे हैं. RTO ऑफिस की ऑनलाइन व्यवस्था का लाभ उठकर अब आम लोग आसानी से स्लॉट बुक कर लाइसेंस बनवाने पहुंच रहे हैं, जिससे RTO एजेंट और बिचौलियों का हस्तक्षेप कम होता नजर आ रहा है.
दलालों से भी मिला छुटकारा
RTO में ऑनलाइन काम होने से दलालों में भी काफी कमी हुई है. अब ग्राहक RTO की वेबसाइट पर ही लाइसेंस, फिटनेस और कई काम के लिए अप्लाई करते हैं, जिससे दलालों को काम नहीं मिल पाता है. जिला RTO के बाहर बड़ी संख्या में दलाल बैठते हैं, जिससे RTO के काम पर भी असर पड़ता है, क्योंकि दलाल ऑफिस के बाहर ही ग्राहक को बहला फुसला कर ज्यादा पैसो में RTO का काम कराते हैं, जिससे RTO में आवेदन नहीं आ पाते. इस वजह से RTO को काफी नुकसान होता है, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया होने से अब दलालों पर लगाम लग रही है.
समय की हो रही बचत
RTO ऑफिस में पहले जब ऑफलाइन काम होता था, तब ग्राहकों को डील करना काफी मुश्किल होता था. ऑफिसों में लंबी लाइन लगती थी. कई बार ऐसा भी होता था कि ग्राहकों को बिना काम कराए ही लौटना पड़ता था. अब ऑनलाइन काम शुरू होने से ग्राहकों को न तो लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है और न ही ज्यादा अपना समय देना पड़ रहा है.
ऑनलाइन आवेदकों की संख्या में इजाफा
RTO ऑफिस में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने से ऑनलाइन आवेदन करने वाले आवेदकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. अब युवा और शिक्षित आवेदक खुद ही ऑनलाइन आवेदन कर अपना स्लॉट बुक कर रहे हैं.
RTO एजेंटों ने खोजा नया व्यवसाय
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब RTO एजेंटों और यातायात एजेंसियों का एकाधिकार भी खत्म होता जा रहा है. ज्यादातर RTO एजेंट अब ऑनलाइन कियोस्क और फास्टैग सेंटर खोल कर अपनी आजीविका चलाने लगे हैं.
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सरल हो गई प्रक्रिया
जिला परिवहन अधिकारी दीपक माझी ने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद स्लॉट की उपलब्धता और लंबी वेटिंग की समस्या आ रही थी, लेकिन अब रोजाना करीब 150 स्लॉट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, जिसमें एक-दो दिनों की वेटिंग पर आवेदक अपना रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन व्यवस्था लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया सरल और आसान हो गई है.
ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूअल और नए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले आवेदकों की संख्या में हुए इजाफे के बाद परिवहन कार्यालय में रोजाना ऑनलाइन उपलब्ध करवाए जाने वाले स्लॉट की संख्या अब 80 से बढ़ाकर 150 कर दी गई है, जिससे आवेदकों को अब लाइसेंस बनवाने और वाहन रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है.