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किसानों को बांटे गए 3 लाख से ज्यादा मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसानों को पता ही नहीं कब हुआ खेतों की मिट्टी का परीक्षण

रतलाम में 3 लाख 37 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड कृषि विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार बांटे जा चुके हैं लेकिन अधिकांश किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिले ही नहीं है. और उन्हें पता भी नहीं कि उनकी खेत की मिट्टी का परीक्षण कब हुआ.

Most of the farmers have not got the soil health card
नहीं मिले किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड
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Published : Jan 4, 2020, 9:21 PM IST

रतलाम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जिले में कागजों पर ही पूरी होती नजर आ रही है. जहां खेतों की मिट्टी की जांच कर किसानों को 3 लाख 37 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं. लेकिन हकीकत में किसानों के पास मृदा स्वास्थ्य कार्ड पहुंचे ही नहीं है.

नहीं मिले किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड

जिले के कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो जिले में अब तक 3 लाख 37 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किए जा चुके हैं. लेकिन वास्तविकता में जिले के अधिकांश किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिले ही नहीं है. जिन किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड मिले हैं उन्हें इसके बारे में जानकारी ही नहीं है कि इस कार्ड का क्या करना है. गौरतलब है कि जिले में मृदा परीक्षण के लिए महज 2 लेबोरेट्री ही है. लेकिन जिले के 90 प्रतिशत से अधिक किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लेकर कैसे 3 लाख 37 हजार कार्ड वितरित किये गए इसका कोई जवाब कृषि विभाग के जिम्मेदारों के पास नहीं है. ऐसे में ये योजना अपने उद्देश्य और किसानों की जरूरतों को पूरा करने में सफल नहीं हो पा रही है .

दरअसल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की थी. जिसका उद्देश्य किसानों के खेतों की मिट्टी का परीक्षण कर खेतों का मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करना था. जिसके आधार पर किसानों को उनके खेतों में बोई जाने वाली फसल और उसमें दिए जाने वाले खाद की मात्रा की जानकारी किसानों को दी जाती है.

रतलाम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जिले में कागजों पर ही पूरी होती नजर आ रही है. जहां खेतों की मिट्टी की जांच कर किसानों को 3 लाख 37 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं. लेकिन हकीकत में किसानों के पास मृदा स्वास्थ्य कार्ड पहुंचे ही नहीं है.

नहीं मिले किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड

जिले के कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो जिले में अब तक 3 लाख 37 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किए जा चुके हैं. लेकिन वास्तविकता में जिले के अधिकांश किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिले ही नहीं है. जिन किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड मिले हैं उन्हें इसके बारे में जानकारी ही नहीं है कि इस कार्ड का क्या करना है. गौरतलब है कि जिले में मृदा परीक्षण के लिए महज 2 लेबोरेट्री ही है. लेकिन जिले के 90 प्रतिशत से अधिक किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लेकर कैसे 3 लाख 37 हजार कार्ड वितरित किये गए इसका कोई जवाब कृषि विभाग के जिम्मेदारों के पास नहीं है. ऐसे में ये योजना अपने उद्देश्य और किसानों की जरूरतों को पूरा करने में सफल नहीं हो पा रही है .

दरअसल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की थी. जिसका उद्देश्य किसानों के खेतों की मिट्टी का परीक्षण कर खेतों का मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करना था. जिसके आधार पर किसानों को उनके खेतों में बोई जाने वाली फसल और उसमें दिए जाने वाले खाद की मात्रा की जानकारी किसानों को दी जाती है.

Intro:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना रतलाम जिले में कागजों पर ही पूरी होती नजर आ रही । रतलाम जिले में खेतों की मिट्टी की जांच कर किसानों को 3 लाख 37 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं लेकिन हकीकत में किसानों के पास मृदा स्वास्थ्य कार्ड पहुंचे ही नहीं है । वहीं अधिकांश किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में जानकारी ही नहीं है। जिन किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिल चुका है वह भी मृदा स्वास्थ्य कार्ड की अनुशंसा के अनुसार फसलों और खाद की मात्रा का उपयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में यह योजना अपने उद्देश्य और किसानों की जरूरतों को पूरा करने में सफल नहीं हो पा रही है ।


Body:दरअसल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की थी । जिसका उद्देश्य किसानों के खेतों की मिट्टी का परीक्षण कर खेतों का मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करना था। जिसके आधार पर किसानों को उनके खेतों में बोई जाने वाली फसल और उसमें दिए जाने वाले खाद की मात्रा की जानकारी किसानों को दी जाती है। रतलाम जिले के कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो जिले में अब तक 3 लाख 37 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किए जा चुके हैं। लेकिन वास्तविकता में जिले के अधिकांश किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिले ही नहीं है। जिन किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड मिले हैं उन्हें इसके बारे में जानकारी ही नहीं है कि इस कार्ड का क्या करना है। गौरतलब है कि जिले में मृदा परीक्षण के लिए महज 2 लेबोरेट्री ही है। लेकिन जिले के 90% से अधिक किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लेकर कैसे 3 लाख 37 हजार कार्ड वितरित किये गये । इसका कोई जवाब कृषि विभाग के जिम्मेदारों के पास नहीं है।


Conclusion:बहरहाल जिले में 3 लाख 37 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड कृषि विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार वितरित किए जा चुके हैं लेकिन अधिकांश किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिले ही नहीं है। और जिन किसानों को मदर स्वास्थ्य कार्ड मिले हैं वह भी स्वास्थ्य कार्ड की अनुशंसा के अनुसार फसलों का चयन और खाद का उपयोग नहीं कर रहे हैं।


बाइट 01- देवकीनंदन धाकड़( किसान)
बाइट 02 - राजेश पुरोहित ( किसान ग्राम करमदी )
बाइट 03- जगदीश पाटीदार ( किसान ग्राम तीतरी)
बाइट 04- जीएस मोहनिया ( उपसंचालक कृषि विभाग रतलाम)
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