रतलाम। खजाने कि, किस्से कहानी तो आपने जरूर सुने होंगे, फिल्मों में नकली खजाने भी देखे होगे, लेकिन आज हम आपको दिखा रहे हैं ऐसा असली खजाना जिसे देखकर आप भी कह उठेंगे यह कोई खजाना फिल्मी तो नहीं. तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. यह खजाना सोलह आने सच है. जो कहीं और नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में ही है. माणक चौक स्थित प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर है. इस मंदिर में महालक्ष्मी का वैभव सजता है. इसे लोग कुबेर के खजाने के नाम से भी जानते हैं. कुबेर का खजाना हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इस मंदिर में रखी जाने वाली धनसंपदा को देखकर एहसास होता है कि, यहां साक्षात कुबेर का खजाना सज गया है. तो क्या है इस मंदिर की महिमा और किसने मंदिर की स्थापना की थी आपको बताते हैं. (Kuber Treasury Decorating) (Ratlam Kuber Treasury Decorating) (Ratlam Famous Mahalaxmi Temple) (Mahalaxmi Temple Manak Chowk Ratlam)
महालक्ष्मी का श्रृंगार: माणक चौक स्थित महालक्ष्मी जी के मंदिर में एक बार फिर कुबेर का खजाना सज गया है. प्रदेश ही है बल्कि देश का यह पहला ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालु दीपावली से पहले, जेवर और नकदी भेंट करते हैं. कोई नोटों की गड्डियां भेट करता है तो कोई सोने और चांदी के आभूषण. मंदिर में जमा हुए इन आभूषणों और नकद राशि से दिवाली के पांचो दिनों तक महालक्ष्मी का श्रृंगार किया जाता है. मंदिर का यह श्रृंगार ऐसा दिखाई देता है मानो महालक्ष्मी के आंगन में कुबेर का खजाना सजा हो.
नोटों की गड्डियों के ढेर: रतलाम के इस महालक्ष्मी मंदिर में सालों से गहने और राशि चढ़ाने की परंपरा रही है. इस भेंट को बकायदा रजिस्टर में नाम और फोटो के साथ नोट भी किया जाता है. इसे दिवाली के पांचवे दिन,रिकॉर्ड के ही आधार पर भक्तों को सब कुछ प्रसादी के रूप में लौटा दिया जाता है. चढ़ावा भी ऐसा की सोने, चांदी की सिल्लियो सहित नोटों की गद्दियों के ढेर, जिसे देखने वालो की नजरे ही ठहर जाए.
महालक्ष्मी मंदिर में देवी काे पहनाते हैं 16 किलो साेने की साड़ी
ऐसे हुई थी महालक्ष्मी मंदिर की स्थापना: इस बार भी लोगो ने लाखो रूपए की धनराशि,सोने चांदी की सिल्लियां सहित जेवरात मदिर में चढ़ावे के रूप में रखे है. इस बार खासतौर से सोने के नोटों और चांदी के हाथियों से मां का श्रृंगार किया गया है. रतलाम के महाराजा रतन सिंह जब जोधपुर से वापस रतलाम लौटे थे तब उनके साथ श्रीमाली ब्राह्मण समाज के कई परिवार रतलाम आकर बस गए थे. रतलाम के इसी श्रीमाली ब्राह्मण समाज ने रतलाम शहर में चार महालक्ष्मी मंदिरों की स्थापना की थी. इसमें से श्री माली ब्राह्मणों के चौथे वर्ग की कुल देवी माणक चौक स्थित मां महालक्ष्मी हैं. (Kuber Treasury Decorating) (Ratlam Kuber Treasury Decorating) (Ratlam Famous Mahalaxmi Temple) (Mahalaxmi Temple Manak Chowk Ratlam)