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रतलाम: सूदखोरों से परेशान होकर व्यापारी ने की आत्महत्या

रतलाम जिले में सूदखोरों से परेशान होकर भैसों का व्यापार करने वाले व्यापारी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली.

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व्यापारी ने की आत्महत्या
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Published : Oct 27, 2020, 8:35 PM IST

रतलाम। कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी की वजह से धंधा और रोजगार पूरी तरह से ठप पड़ गया है, लेकिन सूदखोरों के जाल में फंसे लोग इससे निकल नहीं पा रहे हैं. ऐसे में मजबूर होकर पीड़ित आत्महत्या जैसे कदम को उठा रहे हैं. इन दिनों नगर में ब्याज खोरों की तादाद बढ़ती ही जा रही है, जिनके जाल में फंसने से कई लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक ताजा मामला जावरा नगर पालिका से सामने आया, जहां तालनाका क्षेत्र में रहने वाले मुबारिक कुरैशी को अपनी जान गंवानी पड़ी.

व्यापारी ने की आत्महत्या

पढ़े: सूदखोरों से परेशान होकर व्यापारी ने की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस

ये है पूरा मामला

दरअसल, मृतक मुबारिक कुरैशी ने भैसों के व्यापार करने के लिए कर्ज लिया था, जो मंदी के चलते समय पर ब्याज देने में असमर्थ रहा. इसके बाद ब्याज खोरों से परेशान होकर उसने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली.

ब्याज खोरों के हो रहे हौसले बुलंद

ब्याजखोर लगातार मासूम लोगों को फंसा कर मनमाना ब्याज वसूल रहे हैं, जिसमें 15 से 40 फीसदी ब्याज की वसूली की जा रही है. पुलिस प्रशासन भी इसमें फिसड्डी साबित हो रही है, जिसकी वजह से ब्याज खोरों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं.

रतलाम। कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी की वजह से धंधा और रोजगार पूरी तरह से ठप पड़ गया है, लेकिन सूदखोरों के जाल में फंसे लोग इससे निकल नहीं पा रहे हैं. ऐसे में मजबूर होकर पीड़ित आत्महत्या जैसे कदम को उठा रहे हैं. इन दिनों नगर में ब्याज खोरों की तादाद बढ़ती ही जा रही है, जिनके जाल में फंसने से कई लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक ताजा मामला जावरा नगर पालिका से सामने आया, जहां तालनाका क्षेत्र में रहने वाले मुबारिक कुरैशी को अपनी जान गंवानी पड़ी.

व्यापारी ने की आत्महत्या

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ये है पूरा मामला

दरअसल, मृतक मुबारिक कुरैशी ने भैसों के व्यापार करने के लिए कर्ज लिया था, जो मंदी के चलते समय पर ब्याज देने में असमर्थ रहा. इसके बाद ब्याज खोरों से परेशान होकर उसने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली.

ब्याज खोरों के हो रहे हौसले बुलंद

ब्याजखोर लगातार मासूम लोगों को फंसा कर मनमाना ब्याज वसूल रहे हैं, जिसमें 15 से 40 फीसदी ब्याज की वसूली की जा रही है. पुलिस प्रशासन भी इसमें फिसड्डी साबित हो रही है, जिसकी वजह से ब्याज खोरों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं.

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